ऐसा चोदा की लंड भी ढीला पड़ गया- Antarvasna Sex Story

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Antarvasna Sex Story

मैं अपने ऑफिस की ट्रेनिंग के लिए कुछ दिनों के लिए बेंगलुरु जा रहा था कुछ दिनों पहले ही मैंने अपना ऑफिस ज्वाइन किया था और करीब 10 दिनों की मेरी बेंगलुरु में ट्रेनिंग थे और उसके बाद मुझे वापस पुणे में ही ज्वाइन करना था। मैं अपना सामान पैक कर रहा था तो मां मुझे कहने लगी कि रोहित बेटा तुम बेंगलुरु से वापस कब लौटोगे तो मैंने मां को कहा मां मैं 10 दिन में वापस आ जाऊंगा।

मां घर पर अकेले ही रहती है पापा की पोस्टिंग नागपुर में पिछले महीने ही हुई थी जिस वजह से मां घर पर अकेली ही रहती थी। मुझे भी कई बार मां की चिंता होती थी पापा भी महीने में दो-तीन बार घर आ जाया करते थे। मैंने मां को कहा मां आप अपना ध्यान रखिएगा तो मां कहने लगी हां रोहित बेटा मैं अपना ध्यान रख लूंगी और अगले दिन मैं फ्लाइट से बेंगलुरु चला गया।

जब मैं बेंगलुरु गया तो वहां पर जिस होटल में मैं रुका हुआ था उसी होटल में मेरे साथ और भी लोग रुके थे जो की ट्रेनिंग के लिए वहां आए हुए थे। ट्रेनिंग के दौरान मेरी मुलाकात महिमा के साथ हुई महिमा और मैं अपनी ट्रेनिंग खत्म हो जाने के बाद एक दूसरे के साथ बातें किया करते थे जब मैं महिमा के साथ समय बिताया करता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता।

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महिमा मुंबई की रहने वाली है और वह बहुत ही अच्छी है महिमा के बात करने का तरीका मुझे बहुत ही पसंद था वह जिस शालीनता से बात करती वह मुझे बहुत ही अच्छा लगता उस दौरान महिमा और मेरे बीच बहुत अच्छी दोस्ती हो गई। कब 10 दिन बीत गए कुछ पता ही नहीं चला 10 दिन बीत जाने के बाद मुझे पुणे वापस लौटना था और महिमा को भी मुंबई वापस लौटना था।

मैं वापस पुणे लौट आया था लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी काम में नहीं लग रहा था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मुझे महिमा से बात करनी चाहिए और मैं महिमा से फोन पर बात करने की सोचने लगा लेकिन मेरे दिमाग में ना जाने कितने ही प्रकार के सवाल चल रहे थे आखिरकार मैंने उन सवालों को नजर अंदाज करते हुए महिमा को फोन कर ही दिया।

जब मैंने उसे फोन किया तो महिमा और मैं एक दूसरे से बात करने लगे महिमा भी मुझसे बात कर के खुश थी। वह मुझसे पूछने लगी कि रोहित तुम्हारा ऑफिस कैसा चल रहा है तो मैंने उसे कहा मैं तो हर रोज सुबह अपने ऑफिस चला जाया करता हूं। मैंने महिमा को कहा कि मैं तुम्हें बहुत ही मिस कर रहा हूं तो महिमा कहने लगी कि मुझे भी तुम्हारा साथ अच्छा लगा था कब 10 दिन वहां बीत गए कुछ पता ही नहीं चला।

हम लोग इसी बारे में बात कर रहे थे लेकिन इससे आगे हम दोनों के पास कुछ बात करने के लिए शायद नहीं था इसलिए मैंने भी फोन रखना ठीक समझा और मैंने महिमा से कहा कि मैं तुम्हें कल फोन करता हूं। मैंने फोन रख दिया था अगले दिन सुबह मैं जल्दी अपने ऑफिस चला गया और कुछ दिनों से ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम होने लगा था जिससे कि मैं महिमा को फोन नहीं कर पाया।

इस बीच एक दिन पापा का मुझे फोन आया मैं उस वक्त अपने ऑफिस से लौटा ही था तो पापा ने मुझे कहा कि रोहित बेटा तुम मुझे लेने के लिए रेलवे स्टेशन आ जाओ। मैंने पापा से कहा ठीक है पापा मैं आपको लेने के लिए रेलवे स्टेशन आ जाता हूं और मैं पापा को लेने के लिए रेलवे स्टेशन चला गया पापा काफी दिनों बाद घर आ रहे थे।

हम लोग जब घर आ गए तो पापा बहुत ही ज्यादा खुश थे और कहने लगे कि काफी दिनों बाद घर आने का मुझे समय मिल पाया। मैंने पापा से कहा पापा आप घर पर कितने दिनों तक रुकने वाले हैं तो पापा ने मुझसे कहा कि मैं करीब एक हफ्ते तक घर में रहूंगा मैंने कुछ दिनों की अपने ऑफिस से छुट्टी ली है। मैंने भी पापा से कहा कि चलो यह तो बहुत ही अच्छा है।

हम लोग छुट्टी के दिन कहीं घूमने के लिए जाना चाहते थे पापा और मम्मी को लेकर मैं उस दिन शॉपिंग मॉल में चला गया और हम लोगों ने उस दिन साथ में मूवी देखी। फैमिली के साथ अच्छा टाइम बिताना बहुत सुखद होता है और उसके बाद मैंने कुछ शॉपिंग भी की समय का कुछ पता ही नहीं चला। उस दिन हम लोग घर जल्दी लौट आए थे अगले दिन मुझे सुबह ऑफिस जल्दी जाना था।

मैं जब सुबह ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था तो मैंने देखा की महिमा का फोन मेरे फोन पर आ रहा है, उस वक्त मैं घर पर ही था इसलिए मैं महिमा का फोन उठा नहीं पाया लेकिन जैसे ही मैं ऑफिस के लिए निकला तो मैंने महिमा से बात की और महिमा से बात कर के मुझे अच्छा लगा।

मुझे तो बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि महिमा से मेरी बात हो पाएगी लेकिन महिमा ने मुझसे काफी देर तक बात की और मैं बहुत खुश था। हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे तो महिमा ने मुझे कहा कि रोहित आज ना जाने मुझे तुमसे बात करने का क्यों मन हुआ तो मैंने तुमसे बात कर ली।

मैंने महिमा से कहा चलो यह तो अच्छी बात है कि तुमने मुझसे बात कर ली। मैं अपने ऑफिस पहुंच चुका था तो मैंने महिमा को कहा कि मैं तुमसे बाद में बात करता हूं। शाम के वक्त मैंने महिमा से बात की उस दिन मुझे लगा कि शायद महिमा भी मुझसे कुछ बात करना चाहती है इसलिए मैं और महिमा दूसरे से फोन पर बातें करने लगे। हम दोनों एक दूसरे से बातें कर के बहुत ही खुश होते और मुझे तो महिमा के साथ बात करना बहुत ही अच्छा लगता।

हम दोनों को फोन पर बातें करते हुए काफी समय हो चुका था अब एक दिन मेरे ऑफिस से मुझे कुछ दिनों के लिए मुंबई जाना पड़ा। मैं बहुत ही खुश था मुझे लगा चलो इस बहाने महिमा से मुलाकात तो हो जाएगी मैंने जब यह बात महिमा को बताई तो वह भी बहुत खुश थी।

मैं करीब एक हफ्ते के लिए मुंबई में रहने वाला था जब मैं मुंबई गया तो महिमा से मेरी मुलाकात हुई हम दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत ही ज्यादा खुश थे मैं जब महिमा को मिला तो मैंने उसे गले लगा लिया मेरे अंदर एक अलग ही आग पैदा हो रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

जब मैंने महिमा को गले लगाया तो मुझे ऐसा एहसास हो रहा था जैसे की महिमा को मैं बस अपना बना लूं महिमा का मुझ पर पूरा भरोसा था इसलिए एक शाम जब मैंने महिमा को अपने साथ होटल में चलने के लिए कहा तो वह मेरे साथ होटल में आ गई।

जब वह होटल में आई तो वहां पर वह मेरे साथ ही बैठी हुई थी मैंने रिसेप्शन में फोन कर के कॉफी का आर्डर करवा दिया और थोड़ी देर बाद कॉफी आ गई कॉफी पीते पीते हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे महिमा के नर्म होठों पर कॉफी का झाग लगा था जब मैंने अपने हाथों से साफ किया तो वह मेरी तरफ देखने लगी।

वह जिस नजर से मुझे देख रही थी वह मुझे कुछ ठीक नहीं लग रही थी मैंने भी अपने हाथ को महिमा की जांघ पर रखा उसकी जांघ को मे सहलाने लगा तो उसे बहुत मजा आने लगा। उसके बाद तो हम दोनों एक दूसरे के लिए तड़पने लगे थे मैंने महिमा के होठों को चूम कर उसके होठों से मैंने खून बाहर निकाल दिया और उसे मैंने बिस्तर पर लेटा दिया।

अब मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए मैं उसके बदन को बड़े अच्छे तरीके से महसूस करने लगा था और उसके होठों को मैं चूमने लगा था। मुझे उसके नर्म होठ बडे रसीले लग रहे थे उसके होठों को चूम कर मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी मुझे मजा आने लगा था।

मेरे अंदर की आग बहुत बढ़ चुकी थी मैं उसकी चूत मारने के लिए तैयार था मैंने उसके बदन को महसूस करना शुरू कर दिया था कहीं ना कहीं वह भी मेरे लंड को अपने मुंह में लेना चाहती थी। मैंने अब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने उसे अपने मुंह में लेने के लिए अपने हाथ को आगे बढ़ाया वह मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाने लगी उसे बड़ा मजा आ रहा था।

मैंने उसके अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था मैंने उसे कहा तुम ऐसे ही मेरे लंड को चूसती रहो वह मेरे लंड को अच्छे से चूस रही थी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। मेरे अंदर की आग अब इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी। मै अब उसकी चूत को मैं चाटने लगा जब मैं उसकी चूत को चाटने लगा तो मुझे मजा आने लगा था मेरे अंदर की गर्मी बहुत बढ़ने लगी थी उसकी चूत से निकलता हुआ पानी मेरी गर्मी को बढा रहा था।

मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाला तो मेरा लंड उसकी चूत को फाडता हुआ अंदर चला गया वह चिल्लाते हुए सिसकिया लेने लगी। वह मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकडने की कोशिश करती उससे मुझे बहुत मजा आता।

मैंने उसके पैरों को अपने कंधों पर रखा मैंने उसे तेजी से धक्के मारने शुरू किए 10 मिनट उसे चोदने के बाद मेरा माल बाहर गिर गया जब मेरा माल गिरा तो उसके बाद मैंने उसको कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसती रहो। वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी तो मुझे बहुत ही अधिक मज़ा आने लगा था मेरे अंदर की आग बढने लगी थी।

मैने देखा उसकी चूत से खून भी निकल रहा था। वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग बहुत ज्यादा बढ़ा दी है उसने तब तक मेरे लंड को चूसा जब तक मेरा माल नहीं गिर गया। हम दोनो अब साथ मे लेटे थे उसके बाद वह रात को मेरे साथ रूकी और रात भर हम लोग चुदाई करते रहे उस दिन तो मजा ही आ गया था।

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