चूत में मोटे लंड का राज़- Desi Sex Kahani

Desi Sex Kahani

मेरे माता पिता ने मुझे पढ़ाई के लिए विलायत भेज दिया जब वहां मेरी पढ़ाई पूरी हो गई तो उसके बाद मैं वापस कोलकाता लौट आया। जब मैं कोलकाता लौटा तो मैंने अपने आगे के भविष्य के बारे में कुछ सोचा नहीं था मैं पापा के कारोबार को सम्भालना नहीं चाहता था लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी कि मुझे अपने पिताजी के कारोबार को संभालना पड़ा।

अब मेरे ऊपर ही काम की सारी जिम्मेदारी आ गई थी पिताजी भी अब ऑफिस में कम ही आया करते थे उन्होंने मुझे कहा कि बेटा अब तुम ही काम को संभाला करो। मैं काम में इतना ज्यादा व्यस्त हो गया कि मैं अपने लिए भी समय नहीं निकाल पाता था इसलिए मेरे दोस्तों से भी मेरी दूरियां बढ़ चुकी थी मैं किसी से भी मुलाकात नहीं कर पा रहा था।

मुझे अपने काम के सिलसिले में अक्सर एक शहर से दूसरे शहर जाना पड़ता जिसकी वजह से मैं किसी से भी नहीं मिल पाता था। एक दिन मैं घर पर अपने माता पिता के साथ बैठा हुआ था उस दिन मेरे पिताजी मुझे बोले की बेटा काम कैसा चल रहा है तो मैंने अपने पिताजी को कहा काम तो अच्छा चल रहा है लेकिन मैं कुछ दिनों के लिए आराम चाहता हूं।

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पिताजी कहने लगे कि बेटा यही तुम्हें कुछ दिनों के लिए आराम चाहिए तो तुम कुछ दिनों के लिए काम से छुट्टी ले लो मैं इस बीच काम संभाल लूंगा। पिताजी के यह कहने पर मैंने भी कुछ दिनों के लिए अपने काम से छुट्टी ले ली क्योंकि मैं चाहता था कि मैं अपने लिए थोड़ा बहुत समय तो निकाल पाऊं।

इसी बीच मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए विदेशी चला गया जो दोस्त मेरे साथ मेरे कॉलेज में पढ़ा करते थे जब उनसे मेरी मुलाकात हुई तो मुझे उनसे मिलकर बड़ा अच्छा लगा काफी समय तक मैं अब वहीं रुकने वाला था।

उसी बीच मेरी मुलाकात एक दिन कॉफी शॉप पर अंजली से हुई मैं आकाश के साथ बैठा हुआ था, जब मेरी मुलाकात अंजली से हुई तो अंजली से मैं बात करने लगा हालांकि उससे पहले कभी भी मेरी अंजली से कोई बात नहीं हुई थी हम लोगों ने कॉलेज की पढ़ाई साथ की परंतु हम दोनों के बीच इतनी बातचीत नहीं थी।

पहली बार अंजली से बात कर के मुझे अच्छा लगा वह हमारे साथ काफी देर तक बैठी रही। अब अंजली जा चुकी थी आकाश ने मुझे कहा कि राजीव हम लोग भी चलते हैं तो मैंने आकाश को कहा ठीक है हम लोग भी अब चलते हैं।

हम लोग आकाश के घर चले गए आकाश का परिवार अमेरिका में ही रहता है मैं आकाश के साथ काफी दिनों तक रहा और फिर मैं अपने घर वापस लौट आया।

जब मैं वापस घर लौटा तो मुझे पता चला कि पिताजी की तबीयत ठीक नहीं है मैंने अपनी मां से कहा मां आपने इस बारे में मुझे क्यों नहीं बताया। वह कहने लगी कि बेटा मैं नहीं चाहती थी कि तुम बेवजह परेशान हो जाओ और वैसे भी डॉक्टर ने तुम्हारे पिताजी को आराम करने के लिए कहा है इसलिए तुम्हें ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है वह जल्द ही ठीक हो जाएंगे।

मैं और मां साथ में बैठे हुए थे तो मुझे भी लगा कि अब मुझे काम संभाल लेना चाहिए मैं अब अगले दिन से ऑफिस जाने लगा। अगले दिन जब मैं ऑफिस गया तो हमारे मैनेजर ने मुझसे कहा कि राजीव जी आप कब लौटे मैंने उन्हें कहा मैं बस दो दिन पहले ही लौटा हूं।

अब मैं काम पूरी तरीके से संभाल रहा था मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था कि रास्ते में मुझे अंजली दिखाई दी मैं अंजली को देखते हुए चौक गया क्योंकि मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि अंजली कोलकाता भी आ सकती है।

मैंने अपने ड्राइवर से कार रोकने के लिए कहा और उसे जब मैंने कार को पीछे लेने के लिए कहा तो वहां पर अंजली मुझे दिखाई नहीं दी मैं कार से उतरा और मैंने नजर इधर उधर दौडाई तो अंजलि मुझे मॉल के अंदर जाती हुई दिखाई दी।

मैंने ड्राइवर से कहा तुम मॉल की पार्किंग में कार को लगा देना मैं मॉल के अंदर हूं वह कहने लगा जी साहब और यह कहते हुए वह पार्किंग के तरफ चला गया और मैं मॉल के अंदर गया। अंजली मुझे काफी देर तक नहीं मिली मुझे अंजली को ढूंढने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी आखिरकार अंजली से मेरी मुलाकात हो ही गयी।

जब अंजली मुझे मिली तो वह कहने लगी कि राजीव तुम यहां क्या कर रहे हो हालांकि अंजली को यह बात पता थी कि मैं कोलकाता में ही रहता हूं लेकिन उसने भी यह बात नहीं सोची थी कि हम दोनों की मुलाकात हो जाएगी। मैंने अंजली से पूछा तुम यहां क्या कुछ काम से आई हुई हो वह कहने लगी कि नहीं मेरी मौसी यही रहती है।

मैंने जब अंजली से पूछा क्या तुम अपनी मौसी के घर पर ही रहने वाली हो तो वह कहने लगी कि हां मैं अपनी मौसी के पास कुछ दिन रहने वाली हूं मैंने अंजली से कहा चलो तुमसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। अंजली भी कहने लगी मैंने भी कभी उम्मीद नहीं की थी कि तुम से मेरी मुलाकात हो जाएगी।

हम दोनों साथ में बात कर ही रहे थे कि तभी अंजली की मौसी भी आ गई और वह मेरी तरफ देखने लगी तभी अंजलि ने मेरा परिचय अपनी मौसी से करवाया। इत्तेफाक की बात यह रही कि अंजली की मौसी मेरे परिवार को अच्छी तरीके से जानती थी अंजली की मौसी ने मुझे कहा कि बेटा कभी तुम घर पर आना।

मैंने उन्हें कहा जी मैं आपसे मिलने के लिए घर पर जरूर आऊंगा और उसके बाद मैं वहां से चला गया थोड़ी देर बाद मुझे अंजली का फोन आया। जब अंजली ने मुझे कहा कि क्या तुम मुझे कल मिल सकते हो तो मैंने अंजली को कहा ठीक है हम लोग कल मुलाकात करते हैं।

मेरे पास समय नहीं था लेकिन फिर भी मैंने अंजली के लिए समय निकाला और जब मैं अगले दिन अंजली से मिला तो काफी देर तक हम लोग कॉलेज की बातें याद कर रहे थे। अंजली मुझे कहने लगी कि कॉलेज के दिनों में हम लोग कितनी मस्तियां किया करते थे लेकिन अंजली से मेरा उस वक्त कुछ भी लेना देना नहीं था क्योंकि अंजली बहुत ही सीधे स्वभाव की है।

जब मैं अंजली के साथ समय बिता रहा था तो मुझे उसके साथ बड़ा अच्छा लगा और उस दिन जब मैं घर वापस लौटा तो मेरी मम्मी ने मुझे कहा कि बेटा आज तुम बड़ी देर से आ रहे हो। मैंने अपनी मां को कहा हां मां मुझे आने में थोड़ा देर हो गई मां ने मुझे पूछा कि क्या कोई जरूरी काम था तो मैंने उन्हें बताया कि नहीं मेरी एक फ्रेंड है वह आई हुई है तो उसी से मिल रहा था।

मेरी मां कहने लगी कि बेटा कभी तुम उसे घर पर इनवाइट करो मैंने मां को कहा ठीक है मां मैं अंजली को जरूर इनवाइट करूंगा। अगले दिन जब मैंने अंजली को घर पर बुलाया तो वह मेरे परिवार वालों से मिलकर खुश हुई और जब यह बात अंजली की मौसी को पता चली तो उन्होंने भी मुझे घर पर आने के लिए कहा लेकिन मैं अपने काम में इतना उलझा हुआ था कि मुझे बिल्कुल समय ना मिल सका लेकिन जब मैं अंजली की मौसी के घर पर गया तो उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया।

उनके घर पर जाकर मुझे बहुत अच्छा लगा लेकिन उस दिन मुझे लगा कि अंजली के दिल मे मेरे लिए जरूर कुछ तो चल रहा है अंजली को मैंने पहली बार ही गलत नजर से देखा था। उसके बाद तो जैसे यह सिलसिला चलने लगा था मैंने एक दिन अंजली का हाथ को पकड़ लिया उस दिन अंजली और मैं अंजली की मौसी के घर पर अकेली ही थे।

मैंने जब उसके हाथ को पकड़ा तो मुझे बहुत अच्छा लगा मैंने उसके नरम होंठों को चूमना शुरू कर दिया हम दोनों इतने ज्यादा गरम हो चुके थे कि एक दूसरे के बदन की गर्मी को हम दोनों बिल्कुल भी सह नहीं पा रहे थे काफी देर की चुम्मा चाटी के बाद अंजली ने मेरे लंड को बाहर निकाल कर देखा तो वह कहने लगी तुम्हारा लंड कितना मोटा है? मैंने उसे कहा क्या तुम्हें मोटे लंड पसंद नहीं है? वह कहने लगी नहीं मुझे मोटा लड़ नहीं पसंद है मैंने उससे कहा कभी तुमने आज तक किसी के लंड को अपनी चूत मे लिया है।

वह कहने लगी नहीं आज तक किसी के लंड को चूत में नहीं लिया है यह कहते हुए जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समाया तो वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी वह जिस प्रकार से मेरे लंड का रसपान कर रही थी उससे मेरे लंड की गर्मी बढ़ती जा रही थी और मेरे लंड की चिकनाई ज्यादा बढ़ चुकी थी।

वह अंजली की चूत में जाने के लिए तैयार था मैंने भी अंजली की चूत के अंदर अपने लंड को डालना शुरू किया जब उसकी चूत के अंदर मेरा लंड प्रवेश हुआ तो उसकी सील पैक चूत से खून बाहर निकलने लगा उसकी वर्जिनिटी को मैंने खत्म कर दिया था अब उसकी चूत के अंदर मेरा लंड जा चुका था।

उसकी चूत बड़ी टाइट थी और जिस प्रकार से मैं उसे धक्के मार रहा था उससे वह तेज आवाज में सिसकियां ले रही थी कभी वह आह की आवाज निकालती और कभी वह ऊहह की आवाज निकालती जिससे कि मेरे अंदर की गर्मी और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी, बहुत देर तक उसने ऐसा ही किया।

मैं बिल्कुल भी अपने आपको रोक नहीं पा रहा था मैंने अंजली के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसकी चूतड़ों पर तेजी से प्रहार करना शुरू किया मेरा वीर्य गिरने वाला था मैंने अपने वीर्य को अंजली की चूत के अंदर गिराने का फैसला किया और अंजली की कोमल और मुलायम चूत के अंदर जब मेरा वीर्य गिरा तो मुझे बड़ा ही आनंद आ गया और वह भी बहुत ज्यादा खुश हो गई।

मेरे अंदर की गर्मी दोबारा से बढ़ चुकी थी उसने मेरे लंड को दोबारा अपने मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा ही अच्छा लग रहा था काफी देर तक उसने ऐसा ही किया जब मैंने अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए अंजली की चूत मे दोबारा से अपने लंड को घुसाया तो वह चिल्ला उठी।

अंजली की चूत के अंदर लंड जा चुका था उसकी चूत के अंदर मेरा लंड जाते ही उसके मुंह से जो सिसकियां निकलती वह मुझे अपनी और खींच रही थी। मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था मैंने उसकी बड़ी चूतड़ों को कस कर पकड़ा हुआ था और बहुत देर तक मैंने उसे धक्के दिए जिसके बाद मेरा वीर्य अंजली की चूत में गिर गया। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि अंजली के साथ में सेक्स कर पाऊंगा लेकिन उसकी सील पैक चूत मारने में मुझे बड़ा आनंद आया।

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