दोस्त के साथ माँ की चुदाई- XXX Story in Hindi

Antarvasna Sex Story

ये कहानी आज से 3 साल पहले की है और सच्ची है, हम उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर में रहते थे, मेरी माँ तब 38 साल की थी और मैं 18 साल का था, इस उम्र में भी मेरी माँ मोटी नहीं थी, उनका कर्वी फिगर था,

लम्बे काले बाल, रंग गोरा और माल भरा भरा था, कॉलोनी के सभी मर्द और लड़के मेरी माँ को बहुत लाइन मारते थे।। और उनको याद कर के मुठ भी मारते थे और लडको ने मेरी माँ का नाम सविता भाभी रखा था। सब मेरी माँ की चुदाई करना चाहते थे साले!

हम छोटे से घर में रहते थे, इसलिए मुझे अपने माँ पापा के साथ ही सोना पड़ता था, मेरी माँ मेरे और पापा के बीच में सोती थी, वेसे तो कभी रात में मेरी नींद नहीं खुली थी पर उस दिन अचानक खुल गयी, क्यूंकि गलती से मेरी माँ का हाथ मुझे लग गया था, पापा माँ को बहुत जोर जोर से चोद रहे थे और माँ बहुत तड़प रही थी और यहां वहां हाथ पटक रही थी।

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मेने देखा की जीरो वाट का बल्ब चालू है, मुझे हिलता देख वो कुछ देर के लिए रुक गए, फिर माँ से रहा नहीं गया और वो पापा के ऊपर चढ़ के अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगी और आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ की आवाज भी कर रही थी,

ये सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया, अब मैं भी अपनी माँ को चोदना चाहता था, तो कुछ देर बाद माँ पापा झड गए और सो गए, फिर मुझे रात भर नींद नहीं आई, सुबह पापा जल्दी उठ कर घुमने चले गए, फिर मेने उठ कर देखा की माँ मेरी तरफ गांड करके अभी भी नंगी सो रही है, माँ ने चादर ओढ़ी हुई थी,

लेकिन उनको ये नहीं पता था की पीछे से उनकी गांड ढकी हुई नहीं है, मैं काफी देर तक उनकी गोरी चिकनी गांड को देख कर ओना लंड हिलाता रहा, फिर मेने बाथरूम में जा कर मुठ मार ली, जब लौट के आया तब तक माँ ने सारे कपडे पहन लिए थे।

अब मेरा किसी काम में मन नहीं लगता था, मुझे माँ की गांड याद आती थी, मैं मुठ मारते हुए उन्ही को याद करता था, मैं अपनी माँ के दूध दबाना चाहता था, मेने कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था,

पर अब मैं सबसे पहले अपनी माँ को चोदना चाहता था, अब रोज रात में मेरी नींद खुल जाती थी, माँ के मुह से आह उफ़ की आवाज सुन कर मुझे बहुत अच्छा लगता था, उनकी बहुत सेक्सी आवाज थी।

एक दिन सुबह सुबह मेरे पापा मेरी माँ से नाराज थे, मैं सोने का नाटक कर रहा था, बहुत देर बाद पापा ने माँ से कहा की तुम कभी मेरा लंड क्यों नहीं चूसती हो, माँ ने कहा मुझे लंड चुसना नहीं आता, ना ही अच्छा लगता है।

उसी दिन पापा को ऑफिस के काम से एक हफ्ते के लिए बाहर जाना था। पापा को गए हुए अभी 3 दिन ही हुए थे और मेरा नंबर लग गया, माँ दोपहर में नाहा रही थी, कुछ देर बाद माँ ने मुझे बाथरूम से आवाज दी तो मैं बाथरूम के सामने जा कर खड़ा हो गया,

माँ ने गेट खोला तो मेरे सामने मेरी माँ सिर्फ पेटीकोट पहने कड़ी हुई थी, पेटीकोट बूब्स के ऊपर से घुटनों तक लटका था, माँ ने दोनों हाथो से पेटीकोट पकड़ा हुआ था, पेटीकोट पूरा गिला था तो माँ के निप्पल्स दिख रहे थे, उनका क्लीवेज भी दिख रहा था।

माँ ने कहा की पीठ पर बहुत मेल लग रही है तो तुम साफ़ कर दो, ये सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया, मैं अन्दर गया और अन्दर से दरवाजा बंद कर दिया, माँ बैठ गयी और मैं उनके पीछे हाथ में साबुन ले कर बैठ गया,

माँ की गोरी और चिकनी पीठ देख कर मुझसे अब और कण्ट्रोल नहीं हो रहा था, मैं उनकी लम्बी चिकनी और कोमल पीठ पर साबुन लगा कर अपने दोनों हाथ रगड़ रहा था।

जितने ज्यादा मेरे हाथ पीठ पर फिसल रहे थे मुझे उतना ज्यादा मजा आ रहा था, धीरे धीरे मैं अपने हाथो को माँ के कंधे मलते हुए उनकी गर्दन के नीचे ले गया और बूब्स की तरफ हाथ बढाने लगा,

तो माँ ने मेरे हाथ रोक दिए और पेटीकोट छुट कर सरक गया, अब पीछे से फिर से मुझे उनकी गांड दिख रही थी, फिर मेने भी अपनी शर्ट उतार दी और धीरे से माँ को पीछे से पकड़ लिया, तभी माँ ने ऊपर से शावर चालू कर दिया, माँ के साथ मैं भी भीग गया, माँ ने कहा अब तुम भी नहा लो, तो मेने भी अपने पेंट उतार दी।

अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और माँ ने अभी भी पेटीकोट से सब ढका हुआ था, मेरा लंड अभी भी खड़ा था और अंडरवियर से बहार निकल रहा था, माँ भी मेरा लंड देख रही थी, पर कुछ नहीं कह पा रही थी, बस उसने इतना ही कहा की मैं तेरी माँ हूँ,

तुझे मेरे बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए, फिर मैंने माँ से पूछा की जिस दिन पापा जा रहे थे उस दिन वो आप से गुस्सा क्यों थे? तो माँ ने कहा की बेटा तेरे पापा को खुश करना बहुत मुश्किल है, तो मेने कहा की मैं आपको सिखा दूंगा की पापा को कैसे खुश रखना है।।

माँ ने मेरी तरफ देखा और कहा की क्या तू जानता है की तेरे पापा क्यों गुस्सा थे, मेने एक्साइटमेंट में कह दिया की हाँ मैं जनता हूँ और आपको सिखा सकता हूँ की लंड कैसे चूसते है,

माँ बहुत गुस्सा हुई और बोली- कि तू यह सिखा रहा है आज कल!! तुझे बाहर पढने भेज देंगे तब तू सुधरेगा और वो जल्दी जल्दी नाहा कर चली गयी और रात को भी वो मेरे साथ नहीं सोई, मैं रात में बार बार उठ कर उनको देखने जाता था, क्योंकि मुझे नींद नहीं आ रही थी।

मैं एक बार फिर उनको देखने गया, माँ ने अन्दर से दरवाजा लगा लिया था और आह उफ्फ्फ की आवाज आ रही थी, मैं समझ गया की माँ चूत में उंगली कर रही है,

फिर मेने सोचा की अगर माँ झड गयी तो फिर मेरे साथ सेक्स नहीं करेगी, इसलिए मेने दरवाजा खट खटा दिया, माँ ने कहा जा यहाँ से, मुझे तुमसे बात नहीं करनी और मैं मुठ मार के सो गया और माँ बिना झडे ही सो गयी।

अगले दिन जब माँ नहाने गयी तो मेने गेट नॉक किया, मेने कहा माँ आज भी मैं तुम्हे नहला दूँ? माँ ने गेट खोला और मुझे अन्दर बुला लिया। मेने आज फिर पीठ से शुरू किया, मेने माँ की पीठ पर साबुन लगा कर अपना लंड फेर दिया,

माँ अब गरम हो रही थी और चूत में उंगली कर रही थी, गिले बाल और पिंक पेटीकोट में बहुत सेक्सी लग रही थी, मेने माँ से कहा की आप आज भी बहुत सेक्सी लगती हो,

मेने अपने सारे कपडे उतार दिए और माँ का पेटीकोट भी उतार दिया और उनसे चिपक गया, उनके बड़े बड़े और कोमल बूब्स को हाथ से मसलने में मुझे बहुत मजा आ रहा था, बहुत देर तक बूब्स चूसने के बाद मेने उनको एक टांग ऊपर कर के खड़ा किया और उनकी क्लीन शेव चूत को चाटने लगा।

माँ बहुत खुश हुई, माँ ने कहा की तुम्हारे पापा ने कभी मेरी चूत नहीं चाटी और आज मुझे बहुत मजा आ रहा है, मेने कहा आपने भी कभी लंड नहीं चूसा, आज चूस के देखो और मजा आएगा, पर वो मन करने लगी, कहने लगी की अब जल्दी से तुम मुझे छोडो, फिर मुझे जबरदस्ती करना पड़ी,

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मेने माँ को बिठाया और जोर से गालो को दबा के उनका मुह खोल के लंड दाल दिया और अन्दर बाहर करने लगा। माँ को बहुत अच्छा लगा, क्योंकि मेने उनके साथ जबरदस्ती की और फिर माँ ने कहा की अब इसी तरह तुम मेरी चुदाई कर दो।

मेने कहा की गैंग बेंग करने में तुम्हे और मजा आएगा, माँ ने कहा ये गैंग बेंग क्या होता है? मेने कहा की मेरा दोस्त भी तुमसे अपना लंड चुसवाना चाहता है और वो रोज तुम्हारे बारे में सोच कर मुठ भी मारता है और वो अभी अपने घर में भी बैठा है,

उसे भी बुला लेते है, फिर हम दोनों मिल के तुम्हारी चुदाई करेंगे, माँ अभी बहुत गरम थी और मान गयी, मैं टॉवल लगा के फ्रेंड को बुला लाया और अन्दर से गेट बंद कर लिया।

माँ को नंगा देख मेरे दोस्त वरुण का लंड खड़ा हो गया, उसने जल्दी से सारे कपडे उतारे और फिर मेने माँ को आगे झुका के पीछे से अपना लंड दाल दिया और बहुत जोर जोर से चोदने लगा,

वरुण ने भी माँ के मुह में लंड डाल के जोर जोर से चोदा, फिर हम दोनों ने माँ को अलग अलग पोजीशन में चोदा और सारा वीर्य माँ के मुह में भर दिया।

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