रंडियो की तरह होती मम्मी की चुदाई देखी – Mom Sex Story
- By : Hindi Kahani
- Category : Mummy ki Chudai ki Kahani

हाय सबको, मेरा नाम मिली है और ये मेरी पहली Mom Sex Story है। मैं पणजी शहर यानी गोवा से हूँ। पिछले दो साल से मैं ये Mom Sex Stories पढ़ रही हूँ और मुझे बहुत अच्छी लगती हैं। आज मैं अपनी पहली Maa ki Chudai Ki Kahani शेयर कर रही हूँ, जो मेरी माँ की सच्ची कहानी है की तरह दो मर्दो के साथ मैंने अपनी Mummy ki Chudai Dekhi.।
मेरा साइज़ अभी 36-30-36 है और मैं बहुत सेक्सी और रंडी जैसी दिखती हूँ—ऐसा मेरी माँ मुझे कहती हैं।
वो खुद भी एक जबरदस्त चुदक्कड़ रंडी हैं, जो रोज़ लंड लिए बिना नहीं रह सकतीं।
उनका साइज़ थोड़ा बड़ा है—38-32-38, उम्र 38 साल, और उनकी गांड इतनी मोटी और सेक्सी है कि कोई भी मर्द उन्हें एक बार देख ले तो उनकी चुदाई के सपनों में खो जाए।
अब मैं Mom Sex Story पर आती हूँ।
मैं यहाँ पणजी में अपनी मम्मी और पापा के साथ रहती हूँ।
मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ।
आप सब जानते हैं कि गोवा में सारा काम टूरिज्म पर चलता है।
मेरे पापा एक कैरियर शिप में जॉब करते हैं, तो वो ज्यादातर वक्त देश से बाहर रहते हैं।
मैं और मेरी मम्मी घर पर अकेले रहते हैं।
जब मैं प्राइमरी स्कूल में पढ़ती थी, तब एक बार मैं जल्दी घर आ गई।
मैंने डोरबेल बजाई तो मम्मी एक अंकल के साथ घर में थीं।
जैसे ही मैं अंदर गई, वो अंकल चले गए।
मैंने देखा कि मम्मी थोड़ी घबराई हुई थीं।
रात को वो मुझे समझाने लगीं कि वो अंकल फोन रिपेयर करने आए थे।
लेकिन फोन तो चालू ही था, तो रिपेयर करने कैसे आए?
मैंने उस दिन ज्यादा ध्यान नहीं दिया, सब नॉर्मल लगा।
तीन-चार दिन बाद एक दिन मैं स्कूल से घर आई और बाथरूम गई।
वहाँ मुझे एक कंडोम दिखा, जो मम्मी की पैंटी और ब्रा के पास पड़ा था।
मैंने पहले अपनी सहेलियों से कंडोम के बारे में बात की थी।
उसे देखा तो उसमें वीर्य लगा हुआ था।
मैंने पहले कभी वीर्य नहीं देखा था, पर इसके बारे में बहुत सुना था।
उस दिन मुझे यकीन हो गया कि मम्मी किसी से चुदवाती हैं।
उस वक्त मैं 18 साल की थी।
तब से मैं मम्मी की जासूसी करने लगी।
आप यह maa ki chudai kahani हमारी वेबसाइट हिंदी कहानी डॉट को डॉट इन पर पढ़ रहे है।
एक दिन मैंने स्कूल से बंक मारा और पड़ोस के घर में छुपकर देखने लगी।
थोड़ी देर बाद मैंने मम्मी के बेडरूम में झाँका तो वो फोन पर किसी से बात कर रही थीं।
वो कह रही थीं, “कितने गेस्ट हैं और कितना टाइम चाहिए?”

थोड़ी देर बाद बोलीं, “ठीक है, दो हैं तो मेरा एड्रेस दे दो।
5000 रुपये तुम ही ले लेना और शाम 4 बजे तक का टाइम देना, क्योंकि 5 बजे मेरी लड़की आ जाती है।
अब वो बड़ी हो गई है, सब समझ जाती है।
फिर उन्होंने फोन रख दिया।
करीब 30 मिनट बाद दो आदमी आए—उम्र लगभग 40 के आसपास होगी।
वो मेरे घर में घुसे।
तब मुझे पूरा यकीन हो गया कि मम्मी रंडी हैं और टूरिस्टों से पैसे लेकर चुदाई करती हैं।
जब घर का दरवाजा बंद हुआ, मैं बेडरूम की खिड़की के पास गई और एक छोटे से छेद से अंदर झाँकने लगी।
मैंने देखा कि मम्मी ने पहले दोनों को सोफे पर बिठाया और पानी दिया।
फिर उनके साथ बातें करने लगीं।
तब मुझे पहली बार पता चला कि मम्मी चुदाई में कितनी प्रोफेशनल हैं।
वो दोनों से बात कर रही थीं—एक का नाम शेखर था, दूसरा राजेश।
उस वक्त मम्मी एक हल्की पैंट और स्लीवलेस टी-शर्ट में थीं।
वो दोनों जींस और टी-शर्ट में थे।
मम्मी के बाल खुले थे, उनके हाथों पर वैक्स किया हुआ था—वो बड़ी चिकनी और चुदक्कड़ रंडी जैसी लग रही थीं।
मैंने देखा कि राजेश अपनी पैंट के ऊपर से लंड sehla रहा था।
तभी शेखर ने मम्मी को सोफे पर बुलाया।
जैसे ही मम्मी बैठीं, शेखर ने उन्हें अपनी गोद में बिठा लिया और टी-शर्ट के ऊपर से उनके चूचे दबाने लगा।
मम्मी पूरा मूड में दिख रही थीं और वो दोनों भी उन्हें चोदने को बेताब लग रहे थे।
तभी राजेश खड़ा हुआ और उसने मम्मी की हल्की पैंट एक झटके में उतार दी।
अब मम्मी की सफेद पैंटी साफ दिख रही थी।
फिर उसने मम्मी की टी-शर्ट और ब्रा भी उतार दी।
अब मम्मी के बड़े-बड़े चूचे दोनों के सामने थे।
राजेश ने मम्मी के दोनों चूचों को जोर से दबाया, एक निप्पल को मुँह में लिया और दूसरे को मसलने लगा।
फिर मम्मी खड़ी हुईं और बेड पर आ गईं।
वो दोनों भी नंगे हो गए।
अब सिर्फ मम्मी ने पैंटी पहनी थी, जो राजेश ने एक झटके में उतार दी।
मैंने देखा कि दोनों के लंड बहुत बड़े थे—शायद 10 या 11 इंच के होंगे।
राजेश ने मम्मी के मुँह में अपना लंड दिया।
पहले तो मम्मी उसके लंड पर किस कर रही थीं, फिर थोड़ा-सा मुँह में लिया।
दूसरा—शेखर—मम्मी की चूत चाट रहा था।

मम्मी की चूत बहुत चिकनी और सेक्सी लग रही थी—उन्होंने बाल शेव किए थे, जिससे चूत कुंवारी लड़की जितनी साफ और चिकनी दिख रही थी।
अब मम्मी पूरी मस्ती में थीं और पूरा लंड मुँह में लेने की कोशिश कर रही थीं, पर राजेश का लंड इतना बड़ा था कि शायद उनके लिए पूरा लेना मुमकिन नहीं था।
तभी उसने मम्मी के बाल पकड़कर अपने लंड को पूरी ताकत से उनके मुँह में ठूंस दिया—गला तक घुस गया।
mummy को साँस लेने में तकलीफ होने लगी।
उनकी आँखें लाल हो गईं और वो हल्का-हल्का घुटने लगीं।
एक मिनट बाद जब उसने बाहर निकाला, मम्मी जोर-जोर से साँस लेने लगीं और खाँसने लगीं। तभी शेखर बोला, “साली रंडी, ये क्या कर रही है?
कभी मुँह में नहीं लिया क्या?
अभी तो शुरुआत है, आगे तेरा क्या होगा?
फिर से ले!”
मम्मी ने हल्की आवाज़ में कहा, “सॉरी।”
राजेश ने फिर से उनके मुँह में जोर से लंड ठूंस दिया।
मम्मी की आँखों से पानी निकल रहा था।
उधर शेखर अपनी तीन उंगलियाँ मम्मी की चूत में जोर-जोर से पेल रहा था।
मम्मी की चूत गीली हो चुकी थी और उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।
जब राजेश ने मम्मी के मुँह से लंड निकाला, मम्मी बहुत खाँसीं और थोड़ी देर साँस लेती रहीं। अब सब मस्ती में थे।
आप यह maa ki chudai dekhi kahani हमारी वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर शेखर, जो मम्मी की चूत चाट रहा था, वो सोफे पर बैठ गया और मम्मी को कुतिया की तरह घुमाकर मुँह में लंड दे दिया।
राजेश ने मम्मी की चूत पर अपना 10 इंच का लंड टिकाया और जोर से रगड़ा।
फिर उसने एक तेज़ झटका मारा—आधा लंड मम्मी की चूत में चला गया।
मम्मी जोर से चिल्लाईं, “आहह… थोड़ा प्यार से डालो, मेरी चूत फट जाएगी!”
शेखर बोला, “साली रंडी की औलाद, तेरी चूत फाड़ने के ही तो पैसे दिए हैं।
चुप कर, रंडी—आज तेरा सब फटने वाला है!”

Also Read:- हरामी बनकर रातभर माँ को चोदा – maa beta sex stories
मम्मी चुप हो गईं।
तभी शेखर ने पूरा लंड उनके मुँह में ठूंस दिया।
मम्मी “उआआ… उआआ… आआआ…” करती रहीं।
राजेश ने तीन-चार झटके दिए, फिर एक जोरदार झटका मारा।
मम्मी की आँखों से पानी निकलने लगा, क्योंकि उनकी चूत में अब 10 इंच का लंड पूरा घुस गया था।
पहले तो मम्मी दर्द से तड़पीं, लेकिन थोड़ी देर बाद वो रिलैक्स हो गईं और मजा लेने लगीं।
अब मम्मी जोर-जोर से अपनी गांड आगे-पीछे करके चुदवा रही थीं और बोल रही थीं, “फक मी हार्ड!
मैं आज तुम्हारी रंडी हूँ।
बहुत चोदो मुझे—मेरी चूत को फाड़ दो! जोर से… ज्ज्जोर से चोदो!”
उनकी आवाज़ में हवस भरी थी।
थोड़ी देर तक जबरदस्त चुदाई होती रही।
मैं अपनी mummy ki chudayi खिड़की के छेद से देख रही थी.
मम्मी की चूत से पानी रिस रहा था और वो एक बार झड़ गईं।
इसके बाद राजेश ने 20 मिनट तक मम्मी की चूत की चुदाई की।
उसका लंड अंदर-बाहर हो रहा था और हर धक्के के साथ मम्मी की सिसकारियाँ तेज़ हो रही थीं— “आहह… हाँ… चोदो… और जोर से!”
फिर राजेश ने अपना पूरा पानी मम्मी की चूत में गिरा दिया।
उसका गर्म वीर्य उनकी चूत में भर गया और मम्मी थोड़ा हाँफने लगीं।
फिर शेखर ने मम्मी को बेड पर कुतिया बनाया और अपनी चुदाई शुरू की।
उसने पहले मम्मी की गांड पर दो-तीन चपत मारीं—थप्प… थप्प… उनकी गांड लाल हो गई। फिर अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक झटके में आधा अंदर पेल दिया।
मम्मी फिर चिल्लाईं, “आहह… धीरे… मेरी चूत अभी भी टाइट है!”
लेकिन शेखर ने सुना नहीं और पूरा लंड ठूंस दिया।
अब तक मम्मी 5 बार झड़ चुकी थीं और पूरी तरह थक गई थीं।
वो बोल रही थीं, “प्लीज, अब मुझे छोड़ दो।
मैं खत्म हो चुकी हूँ।
मुझमें अब हिम्मत नहीं—प्लीज!”
शेखर हँसा, “क्यों रंडी, थोड़ी देर पहले तो बड़ी चुदक्कड़ बन रही थी।
अब क्या हुआ? फट गई तुम्हारी?
अभी तो पूरा दिन बाकी है!” और वो पूरी ताकत से मम्मी की चूत बजा रहा था।
मम्मी की चूत मेरे सामने थी।
मैं देख रही थी कि उनकी चूत से ढेर सारा पानी निकल रहा था—गीली और लाल।

शेखर जोर-जोर से मम्मी की चूँचियाँ दबा रहा था।
वो उनके निप्पल्स को मसल रहा था, जिससे चूँचियाँ भी लाल हो गई थीं।
मम्मी की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गई थीं, “आहह… बस करो… मेरी चूत जल रही है!” लेकिन शेखर रुका नहीं।
30 मिनट तक उसने मम्मी को जबरदस्त चुदाई से रगड़ा।
हर धक्के के साथ कमरे में “फच-फच… थप-थप…” की आवाज़ गूँज रही थी।
फिर शेखर भी मम्मी की चूत में झड़ गया—उसका गर्म माल उनकी चूत में भर गया।
अब मम्मी बेड पर लेट गईं, पास में शेखर भी लेटा था।
दोनों हाँफ रहे थे।
थोड़ी देर बाद मम्मी बाथरूम गईं, फ्रेश होकर वापस आईं।
तब तक उन्होंने कपड़े बदल लिए थे—एक नई नाइटी पहन ली।
वो फिर से तैयार लग रही थीं।
इसके बाद मैंने देखा कि वो दोनों फिर से मम्मी पर टूट पड़े।
पहले राजेश ने मम्मी को बेड पर लिटाया और उनकी चूत में उंगलियाँ डालकर सहलाया।
मम्मी फिर से गर्म हो गईं और सिसकारियाँ भरने लगीं, “आहह… और करो!”
फिर शेखर ने मम्मी को अपनी गोद में बिठाया और उनका एक चूचा मुँह में लेकर चूसने लगा। राजेश ने पीछे से मम्मी की गांड पर अपना लंड रगड़ा और फिर उसे उनकी चूत में पेल दिया।
आप यह Mom Sex Story हमारी वेबसाइट हिंदी कहानी डॉट को डॉट इन पर पढ़ रहे है।
उस दिन मैंने मम्मी की 8 बार चुदाई देखी।
हर बार वो दोनों मम्मी को अलग-अलग तरीके से चोदते—कभी कुतिया बनाकर, कभी गोद में बिठाकर, कभी लिटाकर।
मम्मी बार-बार झड़ रही थीं और उनकी चूत से पानी टपक रहा था।
शाम 4 बजे तक वो दोनों मम्मी को चोदते रहे।
फिर वो तैयार हुए, मम्मी को पैसे दिए और घर से निकल गए।
जब मैं 5 बजे घर लौटी, सब नॉर्मल था।
मम्मी बहुत थकी हुई थीं और अपने बेडरूम में सो रही थीं।
मैंने कुछ नहीं कहा, बस अपने कमरे में चली गई।
मेरी ये Maa ki Chudai Kahani आपको कैसी लगी, मुझे जवाब दीजिएगा।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कमेंट्स में जरूर लिखें, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें!
No Comments