भतीजे संग चाची ने मनाई रंगरलियां – Chachi ki Chudai Kahani

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Chachi ki Chudai Kahani – नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम आशीष है। मैं अभी 19 साल का हूँ। मेरी मम्मी का नाम शीतल है। वह 40 साल की बहुत ही खूबसूरत औरत है।
मम्मी हमेशा से शहर में ही रहती आई है।
जब उनकी शादी नहीं हुई थी, तब वह अपने मम्मी-पापा के साथ दिल्ली में रहती थी, और शादी के बाद वह अपने पति यानी मेरे पापा के साथ मुंबई में रहने लगी।
शहर में रहने की वजह से मेरी मम्मी बहुत ही सेक्सी और सुडौल शरीर वाली है।
शादी के बाद उनका शरीर न बिगड़े, इसलिए वह एक्सरसाइज और योगा करती है।
उनके चेहरे की चमक और शरीर की फिटनेस देखकर कोई नहीं बता सकता कि मम्मी 24-25 साल से ज़्यादा उम्र की होंगी।
मेरे पापा हमेशा से गाँव में रहे हैं।
लेकिन जब उनकी नौकरी लग गई, तो वह मेरे और मम्मी के साथ मुंबई में ही रहने लगे।
गाँव में ताऊ जी और दादी-दादा रहते हैं।
ताऊ जी का एक बड़ा लड़का और एक लड़की है।
यहाँ लड़की की शादी थी, तो मैं और मम्मी दीदी की शादी में आए थे।
पापा के पास समय नहीं था, इसलिए वह नहीं आ पाए।
मम्मी जब से आई थी, उन्हें गाँव बहुत अच्छा लग रहा था।
वह सिर्फ़ गाँव में ही घूम रही थी।
दादी मना कर रही थी कि तुम इस गाँव की बहू हो, इस तरह मत घूमा-फिरा करो।
लेकिन मम्मी नहीं मान रही थी।
वह शहर में हमेशा से बिना परदे के रहती थी।
तो यहाँ भी सलवार सूट पहनकर बिना किसी डर-भय के घूमती थी, और उन्हें घुमाने में सबसे आगे रहते थे ताऊ जी के लड़के हमारे सुशील भैया।
सुशील भैया की उम्र 28 साल रही होगी।
उनकी अभी शादी नहीं हुई है।
वह अभी भी पढ़ाई करते हैं।

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वह मम्मी को जब से देखा था, तब से उनके पीछे-पीछे घूम रहे थे।
मम्मी को हर जगह वहीं घुमाते थे।
मम्मी के साथ ही रहते थे और मस्ती-मज़ाक करते थे।
मेरी मम्मी भी उन्हें छेड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ती थीं, और सुशील भैया तो किसी बहाने से मम्मी से चिपकना चाहते थे।
मम्मी के कोमल शरीर को छूना चाहते थे, और मम्मी भी उनकी आँखों की वासना को देखकर काफी खुश हो जाती थीं।
सुशील भैया आज मम्मी को जामुन खिलाने के लिए खेतों पर ले जाने वाले थे।
मैं भी ज़िद करके उनके साथ चला गया।
मम्मी ने मुझे बहुत मना किया, पर मैं नहीं माना और उनके साथ ही चला आया।
सुशील भैया आते ही जामुन के पेड़ पर चढ़ गए।
ऊपर से जामुन गिराने लगे।
जामुन नीचे गिरते ही टूट जाता, जिससे उनका स्वाद खराब हो जाता।
तब मम्मी अपने दुपट्टे से जामुन रोकने लगीं।
मम्मी की चूचियां ऊपर से सुशील भैया को साफ दिख रही थीं, जिसकी वजह से वह जामुन तोड़ना छोड़कर मम्मी की चूचियां को देखने लगे।
मम्मी मुस्कुराने लगीं और बोलीं: सुशील क्या हुआ, जामुन नहीं गिराओगे? या मेरे इस जामुन को देखते रहोगे?
मम्मी यह कहकर जोर से हँसीं।
सुशील भैया को भी समझ आ गया कि मम्मी ने उनकी चाल पकड़ ली थी, और वह भी मुस्कुराकर बोले-
सुशील भैया: हा-हा, अभी गिराता हूँ।
फिर सुशील भैया ने मम्मी को खूब सारे जामुन खिलाए और उन दोनों ने बहुत प्यारी-प्यारी बातें कीं।
आँखों ही आँखों में पता नहीं क्या इशारा किया, मुझे समझ नहीं आया।
उन दोनों में ज़रूर कुछ न कुछ खिचड़ी पक रही थी।
मम्मी मुझसे नज़रें बचाते हुए उनसे इशारों में कुछ कह रही थीं, खेतों की तरफ जाने के लिए। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
सुशील भैया जानबूझकर एक-दो जामुन मम्मी के सीने पर मार देते, और मम्मी मुस्कुरा देतीं।
थोड़ी ही देर में मौसम बदल गया, और कहीं से काले-काले बादल छा गए।
तब मम्मी ने मुझसे कहा-
मम्मी: बेटा तुम घर चले जाओ, बहुत तेज़ बारिश होने वाली है।

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लेकिन मेरा मन नहीं था जाने का।
तब मम्मी ने अपने दुपट्टे से कुछ जामुन मुझे दिए, और बोली कि चले जाओ नहीं तो भीग जाओगे।
मैं वहाँ से जामुन लेकर तो निकल गया, पर घर नहीं गया।
मैं वहीं छुप गया।
थोड़ी ही देर बाद भैया पेड़ से उतरे, और मम्मी के साथ खेतों की तरफ जाने लगे।
दोनों मुस्कुराते हुए प्यार से जा रहे थे।
आधे खेतों में खूब सारा बाजरा लगा हुआ था।
मैं भी छुपते हुए उनके पीछे बाजरे के खेतों में चला गया।
मम्मी घने बाजरे के खेतों में चली गई।
वे दोनों अंदर एक खेत की क्यारी पर बैठे और खूब प्यारी-प्यारी बातें करके हंस रहे थे।
दोनों मुस्कुराते हुए एक-दूसरे के शरीर को छू रहे थे।
मम्मी ने फिर भैया की आँखों में देखा, और भैया भी उनकी आँखों में देखते हुए उनके करीब आ रहे थे।
फिर मम्मी ने भैया के होठों पर अपनी उंगली रख दी, और प्यार से बोली-
मम्मी: कोई आएगा तो नहीं?
भैया ने मम्मी की उंगलियों को अपने हाथों में लिया, और प्यार से सहलाते हुए बोले: आप निश्चिंत रहो चाची, इधर खेतों में हम दोनों के अलावा और कोई नहीं है।
और भैया मम्मी को वहीं लिटाते हुए उनके ऊपर चढ़ गए, और मम्मी के गालों और होठों को चूमने लगे।
यह देखकर मैं हैरान हो गया।
भैया लगातार मम्मी के होठों को चूम रहे थे, और मम्मी भी उनके होठों को चूमते हुए उनके बालों और पीठ को सहला रही थी।
मम्मी अपने पैर को उनके पैर में फंसाकर बड़ी मजे से उनकी जांघों पर अपनी जांघ रगड़ रही थी।
उनकी पायल से हल्की-हल्की आवाज़ आ रही थी, और तभी बादल भी गरजने लगे।
उन दोनों का रोमांस चलता ही जा रहा था।
फिर भैया उठे, और मम्मी का सूट उतार दिया।
मम्मी के गोरे शरीर पर अब सिर्फ ब्रा और नीचे सलवार थी।
फिर भैया ने मम्मी की सलवार भी खोली और उतार दी।
उसके बाद उन्होंने अपनी टी-शर्ट और पैंट भी उतार दी।
अब दोनों ब्रा-पेंटी और भैया अंडरवियर में थे।
दोनों एक-दूसरे के शरीर को रगड़ने लगे और एक-दूसरे को किस करने लगे।
मम्मी का कोमल शरीर जो शहर में बहुत लाड़-प्यार से रखा था, अब किसी गाँव के देसी शरीर के नीचे रगड़ा जा रहा था।
उनका कोमल शरीर लाल होता जा रहा था।
दोनों एक-दूसरे के शरीर को किस कर रहे थे।
मम्मी उनके शरीर के हर हिस्से पर हाथ फेर रही थी, और सुशील भैया मम्मी की ब्रा उतारकर उनके दोनों स्तन मुक्त कर दिए।
फिर अपने मुंह में रखकर चूसने लगे।
मम्मी उनके बालों को सहलाकर प्यार से अपनी चूचियां को चूसवा रही थी।
फिर सुशील भैया ने मम्मी की पैंटी उतारी, और अपना अंडरवियर भी।
अब दोनों बिल्कुल नंगे हो गए।
तभी तेज बारिश होने लगी, और दोनों के शरीर बारिश की बूंदों से चमकने लगे।
मम्मी का शरीर बहुत चमक रहा था।
सुशील भैया मम्मी के हर हिस्से को चूम रहे थे।
बारिश की बूंदें मम्मी के शरीर को गीला कर रही थीं, और सुशील भैया हर बूंद को पी रहे थे। फिर भैया ने मम्मी की योनि खोली, और अपनी जीभ लगाकर उसमें से बह रहे रस को चूसना शुरू कर दिया।
मम्मी अपनी योनि में भैया की गर्म जीभ पाकर बहुत उत्तेजित हो गई, और उनके सिर को अपनी योनि में दबाने लगी।
मम्मी बहुत कामुक आवाजें निकाल रही थी।
ऊपर से तेज बारिश दोनों के शरीर को गीला कर रही थी।

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फिर सुशील भैया ने मम्मी को नीचे लिटाया, और उनके ऊपर चढ़ गए, और अपने लिंग को उनकी योनि पर रगड़ने लगे।
मम्मी की कोमल योनि में जैसे ही भैया ने अपना कठोर लिंग रगड़ना शुरू किया, मम्मी के पूरे शरीर में एक अद्भुत करंट दौड़ गया।
उन्होंने भैया को अपने सीने से चिपका लिया।
सुशील भैया ने नीचे हाथ ले जाकर अपने लिंग को सीधे मम्मी की योनि पर लगाया, और हल्का-हल्का धक्का देकर उनकी योनि में अंदर डालने लगे।
मम्मी उत्तेजित होकर भैया के कान को काटने लगी।
भैया और उत्तेजित हुए, और एक तेज धक्का देकर पूरा लिंग उनकी योनि में डाल दिया।
बादलों में तेज गर्जन हुई, और साथ ही मम्मी की एक जोर की आह निकली।
कुछ देर सब कुछ शांत हो गया।
मम्मी हाँफने लगी, और उनकी आँखें बंद थीं, और भैया को अपनी बाहों में कसकर पकड़ लिया था।
फिर धीरे-धीरे भैया ने कमर हिलाना शुरू किया, और मम्मी के मुंह से फिर से मदहोश सी आहें निकलने लगीं।
अब भैया की कमर की गति बढ़ने लगी, और मम्मी की योनि में जोर-जोर से लिंग अंदर-बाहर होने लगा।
तेज बारिश में Mummy ki Chudai बहुत तेज़ी से हो रही थी।
मम्मी नीचे लेटकर भैया के गालों और होंठों को चूम रही थी, और भैया अपनी कमर की गति बढ़ाकर मम्मी की योनि को चोद रहे थे।
फिर भैया ने मम्मी को घोड़ी बनाया, और पीछे से अपने लिंग को उनकी योनि में डालकर उनके बालों को पकड़कर गर्दन को चूमते हुए चोदना शुरू कर दिया।
नीचे लटके दोनों स्तनों को हथेलियों में लेकर जोर-जोर से उनकी योनि में धक्के मारने लगे। भैया के इस तरह की चुदाई से मम्मी बहुत खुश दिख रही थी।
उनके मुंह से बहुत सारी मदहोश आहें निकल रही थीं।
थोड़ी देर ऐसे चुदाई करने के बाद भैया मम्मी के ऊपर ही शिथिल हो गए, और दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे।
बारिश की गति अभी भी नहीं थम रही थी।
लेकिन भैया का लिंग अब थक गया था।
फिर मम्मी उठी, और उनके लिंग को मुंह में लेकर फिर से चूसना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर चूसने के बाद भैया का लिंग फिर से खड़ा हो गया।
इस बार भैया नीचे लेटे, और मम्मी को अपने लिंग पर बिठाया।
फिर दोबारा जोर-जोर से चुदाई शुरू हो गई।
लगभग 1 घंटे तक फिर से भैया ने मम्मी को चोदा, और उसके बाद जब बारिश थोड़ी कम हुई, तो वे दोनों अपने कपड़े पहनकर भीगे शरीर के साथ घर की ओर वापस चल दिए।
मैं वहां से भागकर जल्दी ही घर आ गया ताकि उन लोगों को शक न हो।
उसके बाद दीदी की शादी तक उन लोगों का कहीं न कहीं संबंध बना रहता था, और फिर मैं और मम्मी वापस शहर आ गए।

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