मॉल में मिली हॉट आंटी की चुदाई – Aunty Sex Story

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Aunt Fucking Stories

Aunty Sex Story में एक मॉल में एक आंटी से मेरी दोस्ती हो गयी. बातें होते होते सेक्स तक पहुँच गयी. एक दिन उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया. उन्होंने मेरे साथ कैसे सेक्स किया?

हिंदी कहानी डॉट को डॉट इन के पाठकों को मेरा नमस्कार।

मेरा नाम राजेश, 42 साल, है और मैं दिल्‍ली में रहता हूँ।

मैं एक कंप्यूटर इंजिनियर हूँ, पंजाब का रहने वाला हूँ पर नौकरी की वजह से 15 साल से दिल्ली में रह रहा हूँ।

मेरा कद 5’10” है और मैं पंजाब का होने की वजह से काफ़ी गोरा और स्मार्ट लगता हूँ।

मैं अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में बहुत अच्छा प्लेयर रहा हूँ जिसकी वजह से मेरा स्टॅमिना बहुत अच्छा है।

यह मेरी पहली Aunty ki Chudai ki Kahani है और मैं यह आशा करता हूँ कि सबको Aunty Sex Story पसंद आएगी।

मुझे कभी किसी के सीक्रेट बताना अच्छा नहीं लगता, तो कृपया कोई मुझसे मेरी नायिका की डीटेल के लिए ना ही सोचें।

मैं यह मानता हूँ कि ये सब हमारे जीवन के वो पल हैं जो सिर्फ़ हम और हमारे पार्ट्नर के बीच ही रहने चाहिए।

तो अब हॉट आंट Xxx स्टोरी पर आते हैं।

हुआ यूँ कि कोरोना के बाद मैं एक मॉल में कुछ कपड़ों की शॉपिंग करने गया था।

इतने समय बाद मॉल खुलने की वजह से काफ़ी भीड़ थी।

मैंने अपनी बारी पर कुछ कपड़े सेलेक्ट किए और फूड पॉइंट की तरफ़ चल दिया।

जैसे ही मैं मुड़ा तो एक आंटी, जो काफ़ी सामान ले जा रही थी, उनकी ट्राली बहुत ज़ोर से मेरी टाँग में लगी।

मैंने गुस्से में पलट के देखा और कुछ बोलने ही वाला था कि उनका सामान और उम्र, जो लगभग 50 साल थी, की वजह से चुप रह गया।

उन्होंने मुझे बहुत प्यार से सॉरी बोला और कई बार माफी माँगी।

मैंने भी उनको बोला- कोई बात नहीं … हो जाता है, भीड़ ही इतनी है।

इतना कह कर मैं आ गया।

स्टोर से बाहर आकर में कुछ खाने के लिए गया तो वहाँ भी मुझे भीड़ में वही आंटी दोबारा मिली.

तो मैंने स्माइल करते हुए उनको आगे जाने के लिए बोल दिया।

वे भी हंस पड़ी और बोली- अब दोबारा नहीं लगेगा, डोंट वरी!

क्योंकि हम दोनों के पास सामान था तो उन्होंने कहा- आप मेरा सामान देख लो (निगरानी) और मैं ऑर्डर कर देती हूँ।

मैंने मना किया तो उन्होंने ज़ोर दे कर कहा- इसको सॉरी समझ लेना।

मैं उनके सामान के पास बैठ गया और वे ऑर्डर करके आ गयीं।

बातों-2 में उन्होंने अपना नाम नियाशा बताया।

मैंने भी अपने बारे में बताया।

उन्होंने बताया कि उनके पति का देहांत हो चुका है और बच्चे बड़े हैं और अमेरिका सेट्ल हैं।

यहाँ वे अपने सास ससुर के साथ रहती हैं।

थोड़ी देर में हमारी अच्छी दोस्ती हो गयी क्योंकि मुझे खुश रहना और बातें करना अच्छा लगता है।

मैं बहुत पॉज़िटिव इंसान हूँ।

खाना खाने के बाद मैंने ही बिल दिया, उन्होंने मना भी किया था पर मुझे किसी लड़की के पैसों से कुछ भी लेना कभी अच्छा नहीं लगता।

हमने एक दूसरे के नंबर लिए और घर आ गये।

सुबह मैंने उन्हें जस्ट एक गुड मॉर्निंग मेसेज किया.

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जिसके जवाब में उन्होंने भी प्यारा सा मेसेज किया।

फिर धीरे-2 मेसेज भी बढ़ने लगे और बातें भी।

कुछ ही दिन में हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गये और मिलने भी लगे।

उनको कॉफी पीना बहुत पसंद था तो हम अक्सर कॉफी शॉप पर मिलते थे।

मेसेज भी कुछ दिन में रोमॅंटिक होने लगे.

और एक दिन हम दोनों ने एक दूसरे से यह मान लिया कि हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और हमारी उम्र का फ़र्क इसमें कोई प्राब्लम नहीं लाएगा।

हम अब हाथ पकड़ कर बैठते थे और कार में एक दूसरे को ‘लिप किस’ भी कर लेते थे।

अब हम दोनों में एक्साइट्मेंट बढ़ने लगी थी और हम जी भर के प्यार करना चाहते थे।

जल्दी ही वो दिन भी आ गया।

एक दिन उन्होंने मुझे बताया कि उनकी सास और ससुर किसी रिश्तेदार की बेटी की शादी में शहर से बाहर जा रहे हैं और 2 दिन बाद ही वापिस आ पाएँगे।

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मैं भी यह सुनकर बहुत खुश था क्योंकि अब हमें पूरा टाइम मिलेगा एक दूसरे के साथ!

आपको मैं यह बताना भूल ही गया कि इस उम्र में भी आंटी ग़ज़ब की सेक्सी थी।

उनका फिगर 38-34-42 का था जो उन्हें एक भरे-पूरे शरीर की मालकिन बनाता था।

सबसे बड़ी बात यह थी कि उनकी आँखों में बहुत ज़्यादा ही सेक्स अपील और नशा था.

उनकी आँखों में देख कर लगता था कि जैसे वे कभी भी और कहीं भी शुरू हो सकती थी।

बहुत कम ही औरतें होती हैं जिनमें इतना नशा होता है।

खैर … वो दिन भी आ गया।

मैं एक दिन पहले से ही बहुत ज़्यादा खुश था।

उन्होंने मुझे टाइम पर आने को बोला था तो मैं सही समय पर पहुँच गया।

उनका घर बहुत अच्छे से साफ और सजाया हुया था।

वैसे भी उनका घर एक बहुत अच्छे ही इलाक़े में था।

वहाँ एक फायदा यह भी था कि लोगों को एक दूसरे के घरों में झाँकने की आदत और टाइम नहीं था.

तो हम रिलॅक्स थे कि कोई भी हमें तंग नहीं करेगा।

मैं घर पहुँचा तो उन्होंने काली लेगिंग और लाल रंग की कुरती पहन रखी थी जो उन्हें उम्र में और भी कम दिखा रही थी।

घर के अंदर बुलाते ही उन्होंने मुझे कस के गले लगाया और बड़े प्यार माथे पर किस किया।

मैंने भी उन्हें उतने ही प्यार से गले लगाया और उनके माथे और आँखों पर किस किया।

मेरा हाथ पकड़ कर वे मुझे ड्रॉयिंग रूम में ले गयीं और वहाँ सोफे पर बिठा दिया- तुम यहीं बैठो, मैं अभी आती हूँ.

यह कह कर वे किचन में चली गयीं।

10 मिनट में ही वे हम दोनों के लिए कॉफी बना के ले आई।

उन्होंने बड़े प्यार से मेरी गोद में बैठ कर कॉफी पी और मुझे भी अपने हाथों से पिलाई।

कॉफी पीते हुए मैंने ध्यान दिया कि उन्होंने अपने दोनों हाथों में बड़ी प्यारी मेहन्दी लगाई हुई है।

मैंने मेहन्दी लगाने की वजह उनसे पूछी तो उन्होंने कहा- थोड़ी देर रूको, पता लग जाएगा बेबी!

थोड़ी देर में डोरबेल बजी तो मैं चौंक गया कि अब कौन आ गया।

नियाशा ने मुझे रिलॅक्स हनी को बोला और कहा कि उन्होंने ही किसी को कुछ काम के लिए बुलाया है।

इतना कह कर वे गेट खोलने चली गयी।

जब नियाशा वापिस आई तो उनके साथ एक बुज़ुर्ग पंडित जी थे।

मैं कुछ समझा नहीं.

तो नियाशा ने मुझे बताया कि पंडित जी को उन्होंने ही बुलाया है।

उनका कहना था कि वे मुझे पूरी तरह पाना चाहती हैं एक पति की तरह।

मैंने उनको बताया कि हमारी शादी तो क़ानूनी तौर पर हो नहीं सकती।

पर नियाशा ने कहा कि वे मुझे पति की तरह ही समझती हैं. और क़ानूनी ना सही, वो मुझे शादी करके ही हासिल करना चाहती हैं।

मैं उनके प्यार और समर्पण पर मना नहीं कर सका।

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नियाशा ने पंडित जी को सारी तैयारी करने के लिए कहा और मुझे दूसरे रूम में आने के लिए कहा।

दूसरे कमरे में आने पर नियाशा ने मुझे कुर्ता पाजामा दिया, जो उन्होंने पहले ही मेरे नाप का मेरे लिए ले लिया था।

नियाशा ने कहा कि मैं नहा कर ये कुर्ता पाजामा पहन लूं।

मैंने उनकी बात मान ली।

बाथरूम में अच्छा सा बॉडी लोशन था जिससे मैं अच्छे से नहा के बाहर आ गया।

बाहर वही क्रीम रंग का कुर्ता पाजामा पड़ा था जो मैंने पहन लिया।

साथ में मॅचिंग पठानी चप्पल भी थी।

नियाशा ने पूरी तैयारी की हुई थी।

सब पहन कर और पर्फ्यूम लगा कर मैं बाहर आ गया।

बाहर आते ही मेरी आँखें खुली की खुली रह गयीं।

नियाशा ने लाल रंग का लहंगा और क्रीम ब्लाऊज़ पहन रखा था।

उनके हाथों में मेहन्दी, लाल रंग की चूड़ियाँ थी.

सुर्ख लिपस्टिक में वे बिल्कुल नयी नवेली दुल्हन लग रही थी।

बहुत ज़्यादा ही अदा और प्यार से नियाशा ने मुझे बुलाया- आओ जानू!

मेरी तो धड़कनें ही रुक सी गयीं थी।

मैंने नियाशा का हाथ पकड़ा और हम पंडित जी के पास चले गये।

नियाशा ने पंडित जी को कहा- आप बस हमारे फेरे करवा दीजिए, हम दोनों और नहीं रुकना चाहते।

पंडित जी ने नियाशा की बात मान ली और जल्दी से हमारे फेरे करवाए और हमें आशीर्वाद दे कर चले गये।

अब मैं और नियाशा घर में बिल्कुल अकेले थे।

एक बार फिर से नियाशा ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेडरूम की तरफ चलने का इशारा किया।

हम दोनों बेडरूम में आए तो वहाँ का नज़ारा देखने लायक था।

सारा बेडरूम गुलाब की महक से खिला हुया था और बेड पर गुलाब की पंखुड़ियों से दिल बना हुआ था।

पंखे से बेड तक गुलाब के फूलों की लड़ियां लगी हुई थी।

नियाशा ने मुझे वहाँ बिठाया और मेरे लिए गर्म दूध ले आई।

बड़े प्यार से मुस्कुरा के बड़ी अदा के साथ उन्होंने अपने हाथ से मुझे दूध पिलाया।

आधा दूध मैंने उनको ही पिलाया।

अब हमारे मिलन की घड़ी आ गयी थी।

‘आई लव यू जान’ कहते हुए नियाशा मेरे गले लग गयी।

मैंने भी उनको कस कर अपने बदन से चिपका लिया।

अब हम दोनों के लिए और रुकना मुश्किल था।

मैंने सबसे पहले नियाशा के माथे पर किस किया तो उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली।

उसके बाद मैंने एक एक करके नियाशा के दोनों गालों पर, आँखों पर, नाक पर, गर्दन पर किस किया.

तो नियाशा ‘ऊऊ ऊओह्ह ह्ह्ह ह्ह’ कहते हुए मुझसे कस कर लिपट गयी।

फिर मैंने उनके चेहरे को पकड़ा और उनकी आँखों में देखते हुए उनके लाल सुर्ख होंठों को अपने होंठों में ले लिया।

नियाशा के होंठ बहुत ज़्यादा ही मुलायम थे जिससे उन्हें चूसने में एक अलग ही मज़ा आ रहा था।

उन्होंने भी अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को पीछे से पकड़ रखा था और वे भी पूरे ज़ोर से मेरे होंठ चूस रही थी।

पूरे कमरे में बस म्‍म्म्म और ऊऊऊ ऊओह की आवाज़ गूँज रही थी जो हम दोनों को और भी प्यासा बना रही थी।

नियाशा की सारी लिपस्टिक उतर कर मेरे होंठों पर आ गयी थी और अब नियाशा पागलों की तरह मुझे सारे चेहरे पर चूम रही थी।

अब मैंने नियाशा के ब्लाऊज़ की डोरियाँ खोलनी शुरू की और एक एक करके सारी डोरियाँ खोल दी जिससे उनकी पिंक जालीदार ब्रा नज़र आने लगी थी।

मैंने पीछे से ब्लाऊज़ को फैला दिया और नियाशा के गोरे बदन को चूमने लगा।

नियाशा मचलने लगी।

अब मैंने आगे आकर ब्लाऊज़ उतार दिया और गुलाबी जालीदार ब्रा में सामने खड़ी नियाशा अप्सरा लग रही थी।

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मैंने दाँतों से उनके कन्धों से उनकी ब्रा की पट्टियां भी उतार दी।

यहाँ मैं यह बताना चाहता हूँ कि मैं फोरप्ले में काफ़ी ज़्यादा टाइम लगाता हूँ जिससे दोनों को ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा आए।

मैं कोई जल्दी नहीं कर रहा था।

फिर मैंने ब्रा का हुक खोल कर बरा उतार कर एक तरफ रख दी.’

साइड से लहंगे की डोरी खोल दी तो एक झटके में नियाशा का लहंगा नीचे गिर गया।

नियाशा अब सिर्फ पेंटी में मेरे सामने थी।

मैंने नियाशा को उठा कर बेड पर गुलाब के फूलों पर लिटा दिया।

अब मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए।

फिर मैंने नियाशा को देखा।

ऐसा लग रहा था कि जैसे गुलाब पर गुलाब लेटा हुआ हो।

मेरे पास आने पर नियाशा ने आँखें खोल दी और मुझे इशारे से बुलाया।

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उन्होंने कहा- अब आ जाओ ना जान!

मैंने नियाशा के मेहन्दी लगे दोनों हाथों को चूमा, उनकी गोरी बाहों को अच्छे से चूमा, चाट और चूसा।

नियाशा अब होश से बाहर थी और ‘ज़ान उम्म् … आआ आहह’ की आवाज़ें निकाल रही थी।

अब मैंने उनके दोनों पैर, टाँगें, गोरी और मोटी जांघें एक एक इंच पर चूम, चाट और चूस ली।

नियाशा मेरे बाल नोच रही थी और उनका सिर दायें बायें हो रहा था।

उनकी गोरी जांघों पर कई जगह मेरे चूसने से लाल निशान पड़ गये थे।

मैंने नियाशा की पेंटी भी उतार दी।

अब मैंने नियाशा को पेट के बल लिटा दिया और उनकी गुदाज पीठ, टाँगें, जांघें और गोरे गोरे चूतड़ एक एक इंच पर चूस लिए।

नियाशा ने चादर को कस के पकड़ लिया था।

उनकी पीठ और चूतड़ चूसने में एक अलग ही नशा सा लग रहा था।

अब नियाशा को सीधा किया और उनके होंठ अपने होंठों में ले कर एक बहुत लंबी और वाइल्ड स्मूच की।

नियाशा ने अपने हाथों और टाँगों की मदद से मेरे अंडरवीयर को उतार दिया।

करीब 10 मिनट तक हमने एक दूसरे के होंठ चूसे।

अब मैंने नियाशा की गर्दन को चूमते हुए उनके दोनों स्तनों को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया।

नियाशा बुरी तरह कसमसा रही थी।

उनके स्तन बहुत भरे हुए और गोरे थे।

मैंने नियाशा से पूछा- ये स्तन किसके लिए हैं?

तो उन्होंने कहा- जान, ये दोनों आपके लिए हैं। आप इनको दबाओ, चूसो और सारा दूध पी जाओ।

मैंने नियाशा के एक स्तन को मुँह में लिया और ज़ोर ज़ोर से उसको पीने लगा।

साथ ही उनका दूसरा स्तन बुरी तरह मसल रहा था।

नियाशा ने मेरा सिर पकड़ रखा था और ज़ोर ज़ोर से आवाज़ें निकाल रही थी।

कुछ मिनट बाद मैंने दूसरा स्तन चूसना शुरू किया और पहले को मसलने लगा।

नियाशा काम आवेश में ‘जाआन पीई ज़ाओ सारा आआअ दूऊऊध’ चिल्ला रही थी।

कुछ ही टाइम में उनके दोनों स्तन लाल हो गये थे और उन पर हर जगह मेरे चूसने के निशान बन गये थे।

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फिर मैंने नियाशा के पेट और नाभि को चूमते हुए नीचे का रुख़ किया।

मैंने नियाशा की दोनों मांसल जांघों को खोल दिया।

उनकी शेव की हुई, फूली हुई गोरी चूत मेरे सामने थी।

मैंने झुक के चूत को किस किया तो नियाशा की सिसकारी निकल गयी।

अब मैंने दोनों हाथों से नियाशा की चूत की फांकों को खोल दिया और अपनी जीभ अंदर डाल कर उनकी रसीली चूत को चूसने लगा।

इतना करते ही नियाशा पागल ही हो गयी और ‘चूऊऊसो … ओऊऊ ऊऊ आआ अहह’ की आवाज़ें निकालने लगी।

मैंने उनकी रसीली चूत को बहुत देर तक चूसा तो नियाशा अकड़ने लगी और ज़ोर से आवाज़ करते हुए झड़ गयी।

मैंने उस रस को अच्छे से चाट लिया।

अब मैं उनके साथ लेटा था।

कुछ मिनट बाद नियाशा ने अपनी आँखें खोली और मुझे गले से लगा लिया।

अब नियाशा मेरे ऊपर आ गयी और उन्होंने भी मुझे सिर से पैर तक चूमना, चाटना और चूसना शुरू कर दिया।

उन्होंने मेरे गालों, आँखों, होंठों को अच्छे से चूमा।

गर्दन को चूमते हुए नियाशा नीचे की तरफ आई और उन्होंने मेरे दोनों निप्पल को बहुत देर तक ज़ोर से चूसा।

उन्होंने कई जगह काट भी लिया जिससे मेरे बदन पर उनके काटने के निशान पड़ गये।

फिर नियाशा नीचे आई और उन्होंने मेरे लंड को, जो 7 इंच लंबा और काफ़ी मोटा है, उसको अपने हाथों में लिया और ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे करने लगी।

मेरे मुँह से ‘नियाशा आआ ऊऊ ऊहह’ की आवाज़ें निकल रही थी।

कुछ टाइम बाद नियाशा ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और बड़ी ज़ोर से चूसने लगी।

ऐसा लग रहा था जैसे किसी भूखे को बहुत टाइम बाद खाना मिला हो।

वे मेरा लंड अपने मुँह से निकल ही नहीं रही थी।

यहाँ मैं यह भी बताना चाहता हूँ कि मेरा स्टॅमिना ऐसा है कि कितना भी चूसने से मेरा डिस्चार्ज नहीं होता, चूत में जाकर ही होगा।

फिर उन्होंने मेरी गोटियों को अच्छे से चूसा।

मैं ऊऊ ऊओह, ओहो होह होहो बोल रहा था।

अब फाइनल टाइम आ गया था।

मैंने नियाशा को बेड पर लिटा दिया और उनके चूतड़ के नीचे एक तकिया लगा दिया।

नियाशा ने अपनी दोनों टाँगें खोली और बोली- आ जाओ मेरी जान और मुझ में समा जाओ। मैं आपकी हो जाना चाहती हूँ।

मैंने अपना लंड छेद पर सेट किया, नियाशा ने अपनी बाहों में मुझे पकड़ लिया।

तब मैंने नियाशा को कहा- आइ लव यू स्वीट हार्ट!

नियाशा के ‘आइ लव’ बोलते ही मैंने ज़ोर से झटका दिया और लंड आधा अंदर उतार दिया।

‘आईई ईईई उई ईई गईई’ कहते हुए नियाशा ने मुझे छोड़ना चाहा पर मैंने कस के पकड़ रखा था।

बहुत साल सेक्स नहीं करने की वजह से उनकी चूत बहुत टाइट हो गयी थी।

मैंने उनके होंठों को अपने होंठों में पकड़ा और एक और ज़ोर के झटके से पूरा लंड जड़ तक डाल दिया।

नियाशा की आँखों में आँसू आ गये तो मैं रुक गया।

कुछ ही टाइम में नियाशा नॉर्मल हो गयी और मुझे किस करने लगी।

अब मैंने भी झटके देने शुरू कर दिए।

एक बार पूरा लंड बाहर निकाला और दोबारा डाल दिया।

आआ आहह की आवाज़ के साथ नियाशा ने मुझे बेसाख्ता चूमना शुरू कर दिया।

कुछ टाइम बाद मैंने नियाशा की टाँगें अपने कंधे पर रखी और इस पोज़ में उनको चोदने लगा.

लंड अब पूरी स्पीड से अंदर बाहर हो रहा था और नियाशा पूरा मज़ा ले रही थी।

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उनकी चूत बहुत गर्म थी।

फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी।

अब मैंने नियाशा को अपने ऊपर आने को कहा।

नियाशा ने लंड सेट किया, आँखें बंद की और ऊऊ ऊओह ज़ाअन् कहते हुए पूरा लंड अंदर ले लिया।

अब नियाशा पूरी चुदाई की मस्ती में लंड पर उछल रही थी और उनके भरे हुए स्तन ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे।

“मेरा दूध पिओ!” कहते हुए नियाशा झुकी और उन्होंने अपना एक स्तन मेरे मुँह में दे दिया जिसे मैं पीने लगा, फिर दूसरा पिया।

उसके बाद नियाशा दोबारा लंड पर अलग अलग तरह से उपर नीचे हों रही थी।

उनकी आँखें बंद हो गयीं थी और वे झड़ने वाली थी।

“ज़ाआआन् मैं ग ईई ईईईई” कहती हुई नियाशा ज़ोर ज़ोर से झड़ गयी और मेरे ऊपर ही गिर गयी।

पर मेरा अभी नहीं हुआ था।

साँस नॉर्मल होने पर मैंने नियाशा को घोड़ी बन जाने को कहा।

ओये होए … घोड़ी बन के उनकी फिगर और भी मस्त लग रही थी।

मैंने पीछे से उनकी चूत में लंड डाला और अच्छे से चोद रहा था।

उनके चूतड़ हाथ मारने से लाल हो गये थे।

मैंने उनको इस पोज़ में कई मिनिट चोद के फिर उनके कंधे पकड़ लिए और अब अपने पूरे ज़ोर से उनको चोदने लगा।

नियाशा के भारी स्तन ज़ोर से हिल रहे थे और बेड भी हिल रहा था।

हॉट आंट Xxx नियाशा की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थी।

मैंने भी पूरा ज़ोर लगा दिया था।

कुछ मिनट बाद मैं भी उनकी चूत की गर्मी से पिघलने लगा और झड़ने लगा।

नियाशा ने एकदम से नीचे लेट कर मुझे अपने उपर लिटा लिया और लंड अंदर डाल के होंठों में होंठ ले लिए।

उन्होंने एक भी कतरा बाहर नहीं गिरने दिया, मेरा सारा वीर्य नियाशा ने अंदर ही लिया।

हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लस्त पस्त पड़े थे।

उस रात हमने 4 बार सेक्स किया।

उसके बारे में अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे नियाशा ने मुँह में वीर्य लिया, कैसे मैंने उनको दोनों तरफ से चोद दिया।

पर हमारा प्यार ज़्यादा टाइम नहीं रहा।

नियाशा को इस साल ही अपने बच्चों के पास 5 साल के लिए अमेरिका जाना पड़ा।

अब मैं दोबारा बिल्कुल अकेला और तन्हा हूँ।

मुझे पूरी उम्मीद है कि आपको मेरी यह पहली Aunty Sex Story पसंद आई होगी।

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