पति के साथ वाइल्ड सेक्स की रात – Biwi ki Chudai ki Kahani

biwi ki chudai ki kahani– दोस्तों, मेरा नाम सोनिया है और मैं दिल्ली से हूँ। आज मैं आपके लिए एक मस्त Wife Sex Story लेकर आई हूँ, जो मेरे और मेरे पति ऋत्विक के बीच की एक बहुत ही वाइल्ड, लेकिन प्यार भरी चुदाई की कहानी है।
मैं पंजाब की रहने वाली एक मस्त पंजाबन हूँ, 28 साल की, गोरी-चिट्टी, 34-28-36 का फिगर, लंबे काले बाल और एकदम चिकनी चूत।
ऋत्विक हरियाणा का जवान मर्द है, 30 साल का, लंबा-चौड़ा, 6 फीट का कद, और उसका लंड… हाय, 7 इंच का, मोटा और तगड़ा।
हम दोनों दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते हैं और अपनी शादीशुदा जिंदगी को अपने तरीके से जीते हैं।
हमारी शादी को चार महीने हो चुके थे, लेकिन इन चार महीनों में हमने मुश्किल से 20-22 बार ही सेक्स किया था।
अरे, कोई आम हसबैंड-वाइफ तो चार महीने में 400 बार से ज्यादा चुदाई कर लेते!
लेकिन हमारी जिंदगी में ऐसा कुछ भी नहीं था।
हम दोनों जॉब करते थे, सुबह 9 बजे घर से निकलते, ऑफिस में पूरी गाँड मरवाते, और रात को 8 बजे थक-हार कर घर लौटते।
थकान इतनी होती कि बेडरूम में नंगे लेटकर भी बस एक-दूसरे के जिस्म पर हाथ फेरते-फेरते सो जाते।
कसम से, ऐसी चूतिया जिंदगी जी रहे थे हम।
मैं हर वीक सन्डे का इंतज़ार करती, क्योंकि वही एक दिन था जब मेरी प्यासी चूत को ऋत्विक का लंड मिलता।
लेकिन ऋत्विक पूरे हफ्ते तो मुझे छूते तक नहीं थे, और सन्डे को भी बस 2-3 बार ही चोदते।
मैं सोचती, अगर कोई और मर्द इसकी जगह होता, तो वो दिन-रात मेरी चूत की धुनाई करता, मुझे साँस लेने की भी फुर्सत न देता।
मेरी जवानी, मेरा गोरा-चिकना जिस्म, मेरे 34C के मम्मे, और मेरी टाइट गाँड… कोई मर्द इन्हें देखकर पागल हो जाए, लेकिन ऋत्विक को न जाने क्या हो गया था।
चार महीने तक यही सब चलता रहा।
मेरी चूत की आग सन्डे को थोड़ी शांत हो जाती थी, लेकिन जब ऋत्विक ने सन्डे को भी बहाने बनाकर सेक्स से मुँह मोड़ना शुरू किया, तो मुझसे रहा न गया।
एक सैटरडे को मैंने ऑफिस में ही ठान लिया कि आज डिनर के बाद कुछ भी हो, चुदाई तो करूँगी।
लेकिन हुआ उल्टा।
ऋत्विक ने डिनर किया और फिर अपने ऑफिस का काम घर पर करने लग गए।
मैं देर रात तक बेड पर नंगी लेटी उनका इंतज़ार करती रही, लेकिन न जाने कब मुझे नींद आ गई।

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सुबह उठी तो देखा ऋत्विक घर पर नहीं थे।
फोन किया तो पता चला वो अपने ऑफिस के दोस्त के घर काम करने गए हैं।
दोपहर को जब वो लौटे, तब भी वो अपने लैपटॉप में सिर घुसाए रहे।
मुझ पर गुस्सा चढ़ गया।
मैं पंजाबन हूँ, मेरे अंदर की गर्मी और जवानी को कोई मर्द अनदेखा कैसे कर सकता है?
मैंने गुस्से में कहा, “ऋत्विक, प्लीज़ मुझे भी तो देखो!
हर वक्त काम-काम क्या चला रखा है?
मेरा भी तो ध्यान दो ना, प्लीज़!”
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ऋत्विक बोले, “हाँ, क्या हुआ तुझे?”
मैंने चिल्लाकर कहा, “अच्छा, क्या हुआ?
यार, मैं पिछले एक हफ्ते से चुदाई का प्लान बना रही हूँ, और तुम हो कि ऑफिस का काम घर ले आए।
इसे छोड़ो और मुझे देखो।
मैं तुम्हारी ऑफिस की फाइल्स से कहीं ज्यादा मज़ेदार चीज़ हूँ!”
लेकिन ऋत्विक ने फिर बहाना बनाकर मुझे इग्नोर कर दिया और अपने काम में लग गए।
मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर था, लेकिन अब मुझे ही कुछ करना था।
मैं हार मानने वालों में से नहीं हूँ।
मैंने अपनी सबसे सेक्सी ब्रा-पैंटी का सेट निकाला।
लाल रंग की लेस वाली ब्रा और पैंटी, जो मेरे गोरे जिस्म पर आग लगा देती थी।
एक-एक करके मैंने सारे सेट्स पहनकर ऋत्विक को रिझाने की कोशिश की।
मैं उनके सामने कैटवॉक करती, अपनी गाँड मटकाती, अपने मम्मों को उछालती, लेकिन ऋत्विक ने एक नज़र भी नहीं उठाई।
आखिर में मैं पूरी नंगी होकर उनके सामने घूमने लगी।
मेरी चिकनी चूत, मेरे उभरे हुए मम्मे, मेरी पतली कमर… सब उनके सामने था, लेकिन ऋत्विक ने फिर भी ध्यान नहीं दिया।
मेरी चूत की आग अब और भड़क रही थी।
गुस्से में मैं नंगी ही बेड पर लेट गई।
मेरी चूत से पानी टपक रहा था, लेकिन ऋत्विक को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।

मैं उठी और किचन में गई।
सोचा, कोई मूली, गाजर या बैंगन मिल जाए, जिसे मैं अपनी चूत में डालकर इस आग को शांत कर सकूँ।
लेकिन मेरी बदकिस्मती, किचन में ऐसा कुछ भी नहीं था।
मैं और गुस्से में बेड पर लेट गई।
मेरी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी।
मैंने अपनी टाँगें चौड़ी कीं और अपनी चूत में उंगली डालने लगी।
“हाय… ओह्ह…” मेरे मुँह से हल्की सिसकारी निकली, लेकिन मेरी चूत को उंगलियों से कहाँ सुकून मिलने वाला था?
मैंने फिर ऋत्विक से रिक्वेस्ट की, “जान, प्लीज़ अब तो आ जाओ…”
लेकिन उन्होंने फिर मुझे इग्नोर कर दिया।
मेरा मूड और मन पूरी तरह खराब हो चुका था।
मैं नंगी ही लेटी थी, और न जाने कब मेरी आँख लग गई।
रात को 2 बजे मेरी नींद खुली, क्योंकि मुझे ज़ोर से पेशाब लगी थी।
मैं उठी, बाथरूम गई, पेशाब किया और अपनी चूत और हाथ धोए।
बाथरूम से बाहर आने वाली थी कि तभी मुझे मिरर में अपना जिस्म दिखा।
मैं रुक गई और अपने आप को देखने लगी।
मैंने सोचा, “हाय, मेरा इतना जवां, सेक्सी जिस्म!
ऊपर से लेकर नीचे तक, एक भी बाल नहीं।
मेरी चूत एकदम साफ, चिकनी।
अगर कोई मर्द मुझे ऐसे देख ले, तो उसका लंड तो पल में खड़ा हो जाए।
लेकिन ऋत्विक को न जाने क्या हो गया है।
मेरे मम्मे, मेरी गाँड… कुछ भी नहीं दिखता इन्हें?”
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मैं बाथरूम से निकलकर बेडरूम में आई।
देखा कि ऋत्विक बेड पर लेटे हुए, सिर्फ़ अंडरवियर में, आराम से सो रहे थे।
तभी मेरे दिमाग में एक शैतानी आइडिया आया।
मैंने अलमारी से चार पल्लू निकाले और ऋत्विक के दोनों हाथ और दोनों टाँगें अलग-अलग बाँध दीं।
ऋत्विक सिर्फ़ अंडरवियर में थे, और गर्मियों की रात थी, इसलिए वो हल्के कपड़ों में सो रहे थे। मैंने उनका अंडरवियर उतारने की कोशिश की, लेकिन वो टाँगें बँधी होने की वजह से नहीं उतर रहा था।
मैंने कैंची उठाई और उनका अंडरवियर काट दिया।
अब ऋत्विक का लंड मेरे सामने नंगा था।

सोते हुए भी उसका लंड खड़ा था, 7 इंच का, मोटा और तगड़ा।
मैंने उसे देखा और मेरे मुँह में पानी आ गया।
मुझे लंड चूसना बहुत पसंद है, और ये मौका मैं कैसे छोड़ सकती थी?
मैंने झट से उनका लंड अपने मुँह में ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी।
“चप… चप… स्स्स…” मेरे मुँह से आवाज़ें निकल रही थीं।
ऋत्विक की नींद टूटी, और अपने हाथ-पैर बँधे देखकर वो चौंक गए।
“जान, ये क्या कर रही हो?” ऋत्विक ने घबराते हुए पूछा।
“तुम चुप रहो!
खुद तो कुछ करते नहीं, और जब मैं कर रही हूँ तो रोक रहे हो?
बस, शट अप!” मैंने गुस्से में कहा और फिर से उनका लंड चूसने लगी।
मैंने अपनी जीभ से उनके लंड के टोपे को चाटा, फिर पूरे लंड को अपने मुँह में गहराई तक लिया।
“म्म्म… ओह्ह…” मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।
ऋत्विक का लंड और सख्त हो गया था।
मैंने अपने होंठों से उनके लंड को चूमा, चाटा, और फिर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी।
फिर मैं खड़ी हुई और उनकी छाती पर बैठ गई।
मैंने अपनी चूत उनके मुँह पर रख दी, ताकि वो मेरी चूत चाटें।
लेकिन ऋत्विक ने चाटने से मना कर दिया।
मैंने थोड़ी ज़बरदस्ती की, तो उन्होंने मेरी चूत को अपने दाँतों से हल्का सा काट लिया। “आह्ह… हाय!” मुझे दर्द हुआ, लेकिन उस दर्द में भी मज़ा था।
मैंने फिर उनके लंड पर 4-5 हल्के थप्पड़ मारे।
ऋत्विक सिसकने लगे।
“क्यों, अब क्या हुआ?
दर्द हुआ मेरे बच्चे को?” मैंने हँसते हुए कहा, “अभी तो शुरुआत है, आगे-आगे देखो क्या होता है!”
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मैंने उनके लंड पर थूक लगाया और अपनी टाँगें चौड़ी करके अपनी चूत को उनके लंड पर सेट किया।

धीरे-धीरे मैंने उनका लंड अपनी चूत में लिया।
“आह्ह… हाय रे… कितना मोटा है…” मैं सिसक रही थी।
मैं उनकी कमर पर ऐसे बैठी थी जैसे पॉटी करने बैठते हैं।
फिर मैंने अपनी गाँड ऊपर-नीचे करके अपनी चूत को उनके लंड से चोदना शुरू किया। “पच… पच… आह्ह… ओह्ह…” मेरी चूत और उनके लंड के टकराने की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।
मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकती।
मैंने अपनी गाँड को और तेज़ी से हिलाना शुरू किया।
“हाय… ऋत्विक… तुम्हारा लंड… आह्ह… मेरी चूत को फाड़ रहा है…” मैं सिसक रही थी।
फिर मैं उनके ऊपर लेट गई और अपनी कमर को हिलाकर उनका लंड अपनी चूत में अंदर-बाहर करने लगी।
“आह्ह… उह्ह… ऋत्विक… और ज़ोर से…” मैं चिल्ला रही थी।
करीब 20 मिनट तक मैंने अलग-अलग स्टाइल में अपनी चूत को उनके लंड से चोदा।
मैंने कभी उनकी कमर पर बैठकर गाँड हिलाई, कभी उनके ऊपर लेटकर कूल्हे मटकाए, और कभी उनके लंड को अपनी चूत में गहराई तक लिया।
“पच… पच… आह्ह… हाय…” मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।
आखिरकार ऋत्विक का लंड मेरी चूत की आग को और बर्दाश्त न कर सका।
उनके लंड ने मेरी चूत में ढेर सारा पानी छोड़ दिया।
“आह्ह… हाय… कितना गर्म है…” मैंने सिसकते हुए कहा।
लेकिन मेरी चूत का पानी अभी नहीं निकला था।
ऋत्विक का लंड छोटा होकर मेरी चूत से बाहर निकल गया था।
मैंने कहा, “ऋत्विक, अभी मेरा नहीं हुआ है… प्लीज़ कुछ करो!”
ऋत्विक बोले, “ठीक है, मेरा एक हाथ तो खोल दो।”
मैंने उनका एक हाथ खोल दिया।
ऋत्विक ने मेरी चूत में अपनी दो उंगलियाँ डालीं और ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करने लगे। “आह्ह… हाय… ऋत्विक… और तेज़…” मैं चिल्ला रही थी।
दो मिनट में मेरी चूत ने पानी की पिचकारी छोड़ दी।
“आह्ह… उह्ह… हाय रे…” मैं पूरी तरह टूट चुकी थी।
मैं इतनी थक गई थी कि मुझे लगा जैसे मेरे जिस्म से जान निकल गई हो।
मैं न जाने कब सो गई।
अगली सुबह ऋत्विक ने मुझे चाय देकर उठाया।
उन्होंने मेरे माथे पर चूमा, मेरे होंठों को ज़ोर से चूसा और बोले, “जान, मुझे माफ कर दो।
मैंने तुम्हारी खुशी से ज्यादा इस चूतिया काम को ध्यान दिया।
अब से मैं तुम्हें हर रोज़ चोदूँगा।”
उसी दिन ऋत्विक ने मुझे फिर चोदा, और रात को दो घंटे तक मेरी चूत की धुनाई की।
उस रात के बाद से आज तक कोई ऐसी रात नहीं गई जब मैंने उनका लंड न लिया हो।
तो दोस्तों, आपको मेरी Biwi ki Chudai ki kahani कैसी लगी? प्लीज़ मुझे ज़रूर बताना। और मेरी प्यारी बहनों, जो मैंने किया, वो तुम भी अपने पति या बॉयफ्रेंड के साथ एक बार ज़रूर ट्राई करना। फिर मुझे बताना कि क्या हुआ!
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