बस में अनजान आंटी को किया गरम -2 – Aunty Sex Story
- By : Hindi Kahani
- Category : Sex Stories
Aunty Sex Story के पहले भाग “बस में अनजान आंटी को किया गरम” में आपने पढ़ा की हमने कैसे आंटी साथ बस में मजे किए, अब इस कहानी में जाने की कैसे हमने बस के बाद oyo में Sandwich Chudai का मजा लिया!
अभी तक आपने पढ़ा :
तो आंटी ने कहा “कोई बात नहीं मेरा घर पास ही है तुम लोग मेरे साथ चलो”।
आंटी की बात सुनकर मुझे थोड़ा ठीक नहीं लगा रास्ते में मिलने वाली इयरफोन व चूत का कोई भरोसा नहीं जेब को या जिस्म को कभी भी नुकसान दे सकती है।
मैने उनकी बात काटते हुए कहा “आंटी कंट्रोल नहीं हो पा रहा बस स्टॉप के पास Oyo Hotel में चलते है।”
आंटी भी मान गई बस जब तक अपने अड्डे पर पहुंची तो मैने और विशाल ने अपने लन्ड को वापस पेंट में कर लिया मैने अपने हाथ से ही आंटी के पेटीकोट को भी ऊपर करा।
फिर हम सब धक्का मुक्की करते हुए बस से नीचे उतरे, भीड़ का फायदा लेकर मैं और विशाल बस से उतरते समय आंटी के जिस्म को हर तरफ छू रहे थे आंटी भी मस्त होकर हमारे छू ने का मज़ा ले रही थी।
बस स्टॉप के पीछे ही हमें एक होटल दिखा हम आंटी को वहां ले गए ID विशाल ने अपनी लगाई और रिसेप्शन वाले को 500 की नोट दे दी ता की वो बस एक ID से काम चलाए।
अब आगे की कहानी :
होटल छोटा था.
निचली मंज़िल पर बस 5 कमरे थे वो भी सिंगल बेड के।
वहां के लड़के ने हमे कमरा दिखाया।
कमरे में जब हम तीनों पहुंचे तो बस एक सिंगल बेड था।
वो छोटा सा कमरा था मगर साफ सुथरा था.
विशाल और आंटी अंदर घुसे मैंने पीछे से दरवाज़ा बंद कर दिया।
मैने एक नज़र कमरे में छुपा कैमरा ढूंढने की कोशिश करी लेकिन वहां एसी कोई जगह नहीं थी.
बस एक बेड उसपर नीली चादर थी.
ये कमरा शायद बस हमारे जैसे मेहमानों के लिए था।
मैने विशाल को देखा तो उसने आंटी के होठ चूसना शुरू कर दिए थे.
मुझे देखने में मज़ा आने लगा।

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आंटी भी उसका पूरा साथ दे रही थी.
मैने अपनी पेंट भी उतार ली और खड़े खड़े लन्ड सहलाने लगा।
आंटी ने मुझे देखा फिर आँख मरती हुए बोली “आओ मैं करती हूं तुम क्यों तकलीफ करते हो।”
मैं भी जाकर आंटी के पीछे आ गया.
मैने आंटी की गर्दन को चूमना शुरू करा।
विशाल ने उनके पल्लू को हटा दिया फिर उनकी चूंची की गहराई को चूमने लगा।
मैं धीरे धीरे आंटी की पीठ चूमते हुए नीचे चलता गया.
आंटी बहुत उत्तेजित हो गई थी वो हम्मम! आयामजमह! ओह लड़कों तुम बहुत चालू हो।l! रास्ते में ही गर्म कर दिया कमीनो। आगाह।
फिर हमने मिलकर आंटी को बेड पर धकेल दिया, और उनके ऊपर चढ़ गए।
विशाल को हमेशा गांड़ मारनी होती है इसलिए मैने आंटी को अपनी तरफ घुमाया।
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मैं उनके होठ चूमने लगा .
विशाल ने एक ज़ोर का थप्पड़ आंटी की गांड़ पर मारा जिस उनकी अआआह! निकल गई। फिर वो बोला “वाह आप तो मस्त माल हो, आंटी आपको बजाने में तो मज़ा आ जाएगा।”
आंटी बोली बेटा “तुम मुझे शांत नहीं कर पाओगे जितनी तुम्हारी उम्र है उससे ज़्यादा तो मैं लन्ड ले चुकी हूं।”
आंटी ने विशाल के गाल को प्यार से चूमा फिर मेरे लन्ड को सहलाने लगी।
हमने एक दूसरे के कपड़े उतार फेंके और तीनों नंगे हो लिए.
आंटी उठ कर बैठी और हम दोनों को नंगे लेटे देखने लगी।
उन्होंने हमारी टांगे खोली फिर अपने हाथ में थूक लेकर हमारे लन्ड पर मसलने लगी।
आंटी हमारी मुट्ठी मार रही थी.
हमारे मुंह से आआह! ओह हममम! मेघना आंटी ।

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क्या मस्त माल हो आंटी आप ओह आंटी आगाह।
मेघना आंटी ने अच्छे से हमारे लन्ड चिकने बना दिए लेकिन उन्होंने चूसने से इनकार कर दिया।
फिर मैने अपनी पेंट उठाई और उसमें से दो कंडोम निकाले.
मेरा उसूल है जब भी मैं सफर में होता हूं तो ताबीज़ और कंडोम साथ रखता हूं.
विशाल भी कंडोम देखकर संतुष्ट दिखाई दिया और आंटी भी खुश हो गई।
फिर विशाल और मुझे आंटी ने ही कंडोम पहनाए.
हम तीनों खड़े हुए और आंटी हमारे बीच में आ गई।
विशाल और मैने मिलकर उनके गले को चूमना चालू कर दिया.
मैने उनकी चूत सहलाई तो वो गीली हो चुकी थी।
मेघना आंटी की गीली चूत में मैने अपनी उंगली चढ़ा दी.
पीछे से विशाल ने भी ऐसा ही करा.
हम दोनों ने मेघना आंटी की चूत व गांड़ में उंगली चढ़ा दी फिर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगे।
आंटी मचल उठी ऊऊह! आआह बच्चों ! आआह!
कितनी लड़कियों को पेल चुके हो तुम लोग! अआआह
बहुत मज़ा आ रहा है। आआह!
फिर हम दोनों दोस्तो ने अपनी उंगली निकाली और लन्ड के टोपे को उनके आगे पीछे दोनों छेदों पर लगाया.
उनकी गांड़ वासना की वजह से मुझे कांपती हुई दिखी।
विशाल ने मुझे देखा मैने उसे देखा हमने हस्ते हुए एक ताली मारी फिर एक साथ ज़ोर का धक्का अपने लन्ड पर लगाया।
आअआआअह! कुत्तों मार डाला मुझे ओह फाड़ दी मेरी! आआह! कहते हुए आंटी तड़पकर चीखी।
हमारी हल्की सी हसी छूट गई.
फिर हमने आंटी को संभाला एक एक कर के हमने उनके जिस्म के हर हिस्से को चूमा और धक्के लगाने शुरू करे।
कुछ देर में उनको भी मज़ा आने लगा.
वो भी एक साथ अपने दोनों छेदों में लन्ड लेकर सुख भोग रही थी।
आंटी आगाह, ओह ! बच्चों ! अआआह! चोदो मेरे राजा आआह! हमममम; आगाह!
चोदो मज़ा आ गया आज तो मैने कभी ऐसा मज़ा नहीं देखा था।
पूओओह! आगाह हाशमी ओह विशाल आह मेरी जान।
आंटी आगाह, ओह अआआह आंटी अहम्म्म्म!
हम दोनों एक सी सिसकारिया निकाल रहे थे.

हम तीनों करीब 1 घंटा चुदाई करते रहे.
आखिर तक आते आते आंटी बोली बेटा मेरा होने वाला है तुम भी जल्दी करो प्लीज़।
फिर हम दोनों ने पूरी ताकत से आंटी को चोदा और एक एक कर के तीनों अपने अपने चरमसुख को पाते चले गए।
हम दोनों दोस्तो ने अपने लन्ड के रस को आंटी के अंदर ही छोड़ा जिससे उनकी गोद भर गई।




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