मेरा नाम दिव्यांश है, दोस्तो कहानी उस समय की है जब मेरी उम्र बीस वर्ष थी और मैं बी.एस.सी. फाइनल का छात्र था। मुझे कॉलेज में सब चॉकलेटी ब्वॉय कहते थे, मेरा रंग गोरा और शरीर सामान्य है। मेरी ऊंचाई 6 फिट और सोमित की ऊंचाई मेरी ऊंचाई से थोड़ी …
मैं झाँसी का रहने वाला हूँ. पिछले साल मैं ग्रेजुएशन का पेपर दे रहा था. मेरी इंग्लिश बहुत कमजोर थी. इसलिए मैं पढ़ने के लिए कोई अच्छी कोचिंग ढूढ़ रहा था. ऐसी ही पता करते करते मैं ठाकुर द्वारा की तरह निकल गया. वहां पर बहुत सारी इंग्लिश की कोचिंग …
आज मैं आप लोगों को एक असली घटना सुनाने वाला हूँ। यह घटना मेरी ज़िंदगी की बहुत ही सुखद घटना है। पिछले साल मैं उदयपुर में होटल शिकरबाड़ी में रुका हुआ था। यह होटल एक सुनसान जगह पर बहुत आलीशान तरीके से बनाया हुआ है और इस होटल के चारों …
मेरा नाम अंजलि है, मुझे प्यार से सभी अंजू कह कर बुलाते हैं। अपनी गाण्ड में लौड़े लेना मेरी सबसे बड़ी खुशी है! कुछ लड़कियाँ समझती हैं कि इसमें बहुत ज्यादा दर्द होता है, या यह गलत है, लेकिन मैं जानती हूँ कि दुनिया में इससे बेहतर आनन्द कोई नहीं …
आआआअहह छ्चोड़ो ना सर उम्म्म्मम प्लीज़ औछ्ह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो आप आआहह प्लीज़ सर मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ मुझे छोड़ दीजिए.……….ये थी डीएवी कॉलेज की इंग्लीश की टीचर जोत वर्मा. इन्होने ने इसी एअर कॉलेज में बतौर इंग्लीश टीचर जाय्निंग की थी. और जब से जाय्निंग की …
शुरुआत- सुंदरियों का परिचय यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति “बादशाह” के खंड हिन्दुस्तान के समृद्ध शासन का समय था। अखंड हिन्दुस्तान के खलीफा महान तैमूर महान के वंशजो में से एक जिसका हिन्द की राजधानी दिल्ली में शासन था। इनके की पूर्वजो ने दुनिया के अब तक के सबसे …
मैं अपनी साड़ी लपेट चुकी थी और बालो को आखिरी स्वरुप दे रही थी की तभी सासु माँ की आवाज़ आयी की तैयार हुई की नहीं, सब लोग आ चुके होंगे ज्यादा देर नहीं करते अब। मैं तुरंत कंघा नीचे रखते हुए बोली हो गया बस और कमरे से बाहर …
मेरा नाम अदिति है, और मैं एक 34 वर्षीय गृहिणी हूँ। मैंने 29 साल की उम्र में अपने पति अमित से शादी कर ली। लगभग 3 महीने पहले, हमें एक सुंदर बच्चे का आशीर्वाद मिला था। और अब हम एक पूरा परिवार थे। कहानी शुक्रवार की सुबह से शुरू होती …
ट्रक हिचकोले खाते हुए पंजाब की कच्ची सड़क को पार करता अपने मुकाम की ओर बढ़ रहा था। ट्रक में जमा ‘माल़ ‘ 14 औरतें / लड़कियां थी। कुछ कुंवारियां थी जिन्हें मुंबई या दिल्ली में काम दिलाने का वादा किया गया था पर अब किसी की गुलाम बनने वाली …
कभी वो मुझे मेरी माँ सी लगती थी तो कभी बहन का प्यार देती थी ,वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी थी जिससे मैं दिल खोलकर अपनी बाते कर सकता था ,माँ बाप के जाने के बाद वही तो थी जिसने मुझे सम्हाला था ,हर दर्द मे साथ थी वो …