छत में बड़ी बहन को चोदा – bhai bahan ki chudai ki kahani
bhai bahan ki chudai ki kahani में मेरी बहन बहुत सेक्सी है. उसकी शादी हो चुकी है पर कोई बच्चा नहीं है. मैं उसे चोदना चाहता था. मुझे मौक़ा मिला तो मैंने बहन को चोदा भी.
दोस्तो, मेरा नाम राकेश है, मैं यूपी का रहने वाला हूँ.
मेरी दो बहनें हैं.
एक का नाम है ममता और दूसरी का नाम है ख़ुशी.
ममता दिखने में एकदम कमाल की, गदराई हुई जवान टर्किश लड़की जैसी है.
उसे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है और चोदने का मन कर सकता है.
bhai bahan ki chudai ki kahani hindi mein उस समय की है जब मैं मुंबई से यूपी अपने गांव आया था.
हमारे बड़े पापा की लड़की की शादी थी.
जिस दिन मैं पहुंचा, उसके अगले दिन ही शादी थी.
सब लोग शादी की तैयारी में व्यस्त थे.
तभी मैंने अपनी बहन ममता को देखा.
वह और भी गदराई और कमाल की लग रही थी.
उसने सूट-सलवार पहना था, जिसमें उसकी ब्रा की पट्टी दिख रही थी.
उसकी गांड को देखकर मैं उस पर फिदा हो गया.
मेरा लंड पैंट के अन्दर खड़ा हो गया और मैं उसे चोदने के बारे में सोचने लगा.
सब लोग अपने-अपने काम में व्यस्त थे.
धीरे-धीरे शाम हो गई और सब बारात में जाने की तैयारी करने लगे.
लेकिन मैंने मना कर दिया, बहाना बनाया कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है.
पापा, बड़े पापा की लड़की की शादी में चले गए.
हां, मैं बताना भूल गया कि मेरी बड़ी बहन ममता की शादी हो चुकी है, तो मेरे जीजू भी बारातियों के साथ चले गए.
सबके जाने के बाद मम्मी, मैं और ममता ने छत पर बिस्तर लगाया और सोने लगे.
कुछ देर बाद मम्मी उठीं और बोलीं- मुझे नींद नहीं आ रही … मैं नीचे जा रही हूँ सोने!
मैंने भी कहा- मम्मी, मैं भी नीचे जा रहा हूँ.
अब ममता अकेली छत पर सोने लगी.
रात के तकरीबन 2 बजे मैं उठा और छत पर आया.
मैंने देखा कि ममता चादर ओढ़कर सो रही थी.
मैं उसके बगल में जाकर लेट गया.
मैंने धीरे से चादर हटाई तो देखा कि ममता ब्लाउज़ और पेटीकोट में सो रही थी.

उसका पेटीकोट जांघों के ऊपर तक चढ़ गया था जिससे उसकी चूत दिख रही थी.
उसने पैंटी पहनी ही नहीं थी.
मैंने देर न करते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ चड्डी में आ गया.
आप ये bhai bahan ki chudai ki kahani हमारी वेबसाइट हिंदी कहानी डॉट को डॉट इन पर पढ़ रहे हैं.
मैंने उसके पेटीकोट को और ऊपर किया जिससे उसकी चूत पूरी तरह दिखने लगी.
उसकी चूत एकदम लाल-लाल और क्लीन शेव थी.
मैंने दीदी की चूत पर हाथ फेरना शुरू किया.
लेकिन दीदी का कोई रिएक्शन नहीं आया.
लग रहा था कि वह बहुत गहरी नींद में थी.
अब मैं उसकी चूत चाटने लगा.
वह नींद में अकड़ने लगी और बड़बड़ाने लगी.
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और बोलने लगी- चाटो मेरे राजा … आह चाटो राजा!
मैं समझ ही न पाया कि यह क्या हुआ!
दीदी खुद ही चुत चाट लेने के लिए कह रही है.
फिर मैंने सोचा कि चाट ही लेता हूँ, ज्यादा गर्म हो जाएगी तो बहन की चुत भी चोद लूँगा.
मैं मस्ती से उसकी जांघें फैला कर उसकी चुत के काफी अन्दर तक अपनी जीभ पेल कर चाट रहा था.
उसकी चुत से मस्त रस झिरने लगा था.
मैं उसकी चुत के दाने को अपने होंठों से पकड़ कर खींचने लगा और चूसने लगा.
मेरे इस कदम से शायद दीदी से रहा न गया और वह मेरे सर के बालों को जोर से खींचने लगी.
तभी अचानक से वह उठ गई और मुझसे दूर हट गई.
वह चिल्लाई- ये क्या कर रहे हो तुम?
मैंने कहा- दीदी, जो आप चाहती हैं … अभी आपने नींद में मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ा.
आप भी तो यही चाहती हैं न!
वह एकदम से आंखें फैला कर मुझे घूर कर देख रही थी.

Also Read: – ननिहाल में मासी की लड़की को किया गर्म – bhai bahan sex story
मैंने कहा- क्या हुआ दीदी?
वह अपनी चुत को पेटीकोट से ढकती हुई बताने लगी- अरे वह तेरे जीजू दारू पीकर आते हैं और सो जाते हैं न … तो मैं कोई सपना देख रही थी.
यह पिछले दो-तीन महीने से चल रहा है.
मैं सोती सोती एकदम से उठ जाती हूँ और …
मैंने कहा- और … और क्या दीदी?
वह एकदम से मुझसे लिपट कर रोने लगी.
उसके मुँह से यही निकला- मैं बहुत प्यासी हूँ भाई!
मैंने कहा- दीदी, आप टेंशन मत लो. मैं तुम्हें चोद दूँगा!
वह एक बार फिर से पीछे हटती हुई बोली- लेकिन ये गलत है!
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है दीदी!
एक औरत को लंड चाहिए और एक मर्द को चूत चाहिए!
अभी यूं समझो कि हम अभी भाई-बहन नहीं, एक मर्द और एक औरत हैं!
तुम्हें लंड की ज़रूरत है और मुझे चूत की!
यह सुनकर दीदी मान गई.
आप ये bhai bahan ki chudai kahani हमारी वेबसाइट हिंदी कहानी डॉट को डॉट इन पर पढ़
फिर मैं बात करते हुए उसके दोनों दूध दबाने लगा और उसका ब्लाउज़ खोल दिया.
मैं उसके दोनों दूध बारी बारी से पीने लगा और वह भी मचल उठी.
वह मेरे सिर को अपनी दोनों चूचियों पर रगड़ने लगी.
मैं अपनी बहन का दूध पी रहा था और वह मेरे लंड को आगे-पीछे करने में लग गई थी.
फिर उसने मेरे लंड को मुँह में भर कर आइसक्रीम की तरह चूसना शुरू कर दिया.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
मैं दीदी की चूत चाट रहा था और वह मेरा लंड चूस रही थी.
तकरीबन दस मिनट तक ऐसा ही चलता रहा.
मेरी दीदी झड़ गई.
मैंने उसका सारा माल चाट लिया.
मैं भी झड़ने वाला था तो मैं दीदी के मुँह में ही झड़ गया.
दीदी ने भी मेरा पूरा माल चाट लिया.
मेरे लौड़े से इतना ज़्यादा माल निकला था कि उसके मुँह से बाहर टपक रहा था.
दीदी ने उसे भी चाट लिया.
वह बोली कि मेरे मुँह का स्वाद कसैला सा हो गया है.

मुझे कुछ खाने को दे.
मैंने कहा- कुछ और तो नहीं है, सिगरेट है … अगर सिगरेट से काम बन जाए तो सुलगा दूं?
उसने झट से हां कह दिया और मैंने अपने जेब से सिगरेट की डिब्बी निकाल कर एक सिगरेट सुलगा कर उसे दे दी.
वह बड़ी मस्त अंदाज में सिगरेट के कश लगाने लगी.
मुझे भी उसी सिगरेट से कश लगाने के लिए उसने मुझे सिगरेट पकड़ा दी.
हम दोनों सिगरेट पीते हुए कुछ देर तक एक-दूसरे से बात करते रहे और किस करते रहे.
वह हंस कर बोली- एक बात कहूँ?
मैंने कहा- क्या?
वह बोली- मुझे उसी समय पता चल गया था कि तुम मेरो चुत चाट रहे हो … लेकिन मैंने पहले कुछ कहा नहीं.
फिर जब तुमने मेरे दाने को चूसा, तो मुझसे रहा न गया और मैं अपनी आंखें खोल कर तुम्हें रोकने लगीं.
मैंने कहा- हां कुछ तो पर्दा रखना जरूरी लग रहा होगा न आपको?
वह मेरे लौड़े को सहलाने लगी तो कुछ ही देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
इस बार मैंने देरी न करते हुए दीदी के दोनों पैर फैलाए और उसकी चूत पर अपने लंड का सुपाड़ा रख दिया.
वह हम्म कह कर बोली- पेल दो!
मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरे लंड का सुपाड़ा दीदी की चूत में घुस गया.
मोटा सुपारा एक झटके से घुसा तो दीदी तड़प उठी और चिल्लाने लगी- आह्ह जरा धीरे चोद न … तेरे जीजू ने मुझे तीन महीने से चुदा ही नहीं है.
इसलिए शायद उसकी चूत टाइट हो गई थी.
वह लंड निकालने के लिए मुझे पीछे को धकेलने लगी.
लेकिन मैंने उसे ज़ोर पकड़ा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर एक और ज़ोरदार झटका दे मारा.
इस बार मेरा आधा लंड दीदी की चूत में घुस गया.
दीदी की आंखों से आंसू आने लगे.
मैं रुक गया और उसे किस करता रहा.
थोड़ी देर बाद उसे राहत मिली तो मैंने एक और ज़ोरदार झटका मारा.
इस बार मेरा 6 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड दीदी की चूत में पूरा घुस गया.
मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया.
जब देखा कि अब दीदी को राहत है तो मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया.
दीदी को मज़ा आने लगा.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
आप ये sister sex story हमारी वेबसाइट हिंदी कहानी डॉट को डॉट इन पर पढ़ रहे हैं.
दीदी के मुँह से मदभरी सिसकारियां निकलने लगीं- हा आह हा आह!

मैं उसके दोनों दूध दबाने लगा और चोदने लगा.
दीदी धीरे-धीरे अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी.
वह अब मस्ती में चिल्लाने लगी ‘चोद दे मेरे राजा आह और जोर से चोद … आह फाड़ दे मेरी चूत!’
इससे मुझे और जोश आ गया और मैंने स्पीड और बढ़ा दी.
दीदी को मीठा मीठा दर्द होने लगा और उसकी कामुक सिसकारियां तेज़ हो गईं.
फिर अचानक से उसकी चूत का पानी छूटने लगा जो मेरे लंड पर लग रहा था.
इससे लंड और तेज़ी से अन्दर-बाहर होने लगा.
कुछ देर बाद दीदी शायद फिर से झड़ने वाली थी.
यही हुआ भी, कुछ देर में दीदी पुनः झड़ गई.
मैं अभी भी उसे उतनी ही स्पीड से चोदता रहा, चोदता रहा.
कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला हो गया.
मैंने दीदी से पूछा- मेरा निकलने वाला है!
दीदी बोली- मेरी चूत में ही निकाल दे!
तेरे जीजू तो आज तक एक भी ब.च्चा नहीं दे पाए हैं, तेरा ही ब.च्चा हो गया तो मैं तेरे ब.च्चे की माँ बन जाऊंगी!
आप ये brother and sister sex story हमारी वेबसाइट हिंदी कहानी डॉट को डॉट इन पर पढ़ रहे हैं.
मैंने कहा- हां, फिर आपकी ससुराल वाले भी कुछ नहीं कहेंगे!
वह बोली- हां, इस बात को लेकर बड़ी चिकचिक होती है!
अब मैं दीदी की चूत में ही झड़ गया.
उस रात हम दोनों ने तीन बार चुदाई का मजा लिया और तीनों बार मैं उसकी ही चूत में ही झड़ा.
दीदी अगले महीने तक रुकने वाली थी.
मैंने एक महीने तक हर रोज़ तीन-तीन शॉट लगाए और उसे चोदता रहा.
फिर मैं मुंबई आ गया.
आज दीदी का मैसेज आया था- मैं प्रेग्नेंट हूँ! तेरे बच्चे की माँ बनने वाली हूँ!
आगे क्या हुआ, अगली bhai bahan ki chudai ki kahani में बताऊंगा कि लड़का पैदा हुआ या लड़की.
फिर छोटी वाली बहन को कैसे पेला, इसके बारे में भी लिखूँगा.




No Comments