पहली चुदाई की शुरुआत भाभी के साथ- Desi Bhabhi Chudai, First Time Chudai
हम मुम्बई में किराए पर एक घर मे रहते हैं घर का किराया बहुत अधिक है और मेरे पिता को मेरे कॉलेज की फीस भी भरनी होती है। पिताजी एक क्लार्क थे पिताजी के पास कभी-कभी पैसों की समस्या इतनी अधिक हो जाती है कि वह घर का किराया भी नहीं दे पाते है।
हमारे मकान मालिक एक 60 वर्षीय व्यक़्ति हैं अगर पिताजी समय पर घर का किराया नहीं देते या भुगतान करने में देरी कर देते तो उससे मकान मालिक को कोई चिंता नहीं होती। जब पिताजी अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हो गए तो उन्होंने मां के इलाज के लिए एक बड़ा ऋण लिया मेरे पिता ने हर संभव तरीके की कोशिश की लेकिन मां का निधन हो गया।
मेरे पिता के ऋण लेने के बाद मकान के किराए का भुगतान करना बहुत कठिन हो गया उन्होने मकान मालिक को कहा वह कुछ महीने के लिए किराया नहीं दे सकते है वह बाद में पैसे दे देंगे।
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हमारे मकान मालिक आश्वस्त हो गए उन्होने कहा ठीक है तुम बाद मे किराया दे देना लेकिन मेरे पिता वह किराया नहीं दे सके क्योंकि वह खुद बीमार थे। उनका एक ऑपरेशन हुआ था इस बार मकान मालिक बहुत नाराज हुए वह अपना किराए चाहते थे।
एक दिन वह हमारे घर आए उस दिन मैं अपने कमरे में पढ़ रहा था मकान मालिक सुबह हमारे घर आए उस वक्त पिताजी घर से बाहर थे मेरी बहन खाना बनाने में व्यस्त थी। जब दरवाजे की घंटी बजने लगी तो मैने अपनी बहन से कहा वह दरवाजा खोले वह दरवाजा खोलने के लिए गई जब उसने दरवाजा खोला तो सामने मकान मालिक खड़े थे और वह बड़े गुस्से में थे उन्होंने पिता जी का नाम लेते हुए कहा कि तुम्हारे पिताजी कहां है।
मैं अपने रूम से उठकर बाहर की तरफ आया मेरी बहन काफी घबरा गई थी और वह रूम की तरफ दौड़ी चली गई मैंने उन्हें बैठने के लिए कहा लेकिन वह बहुत ही ज्यादा गुस्से में थे इसलिए वह बैठने तक को तैयार नहीं थे परंतु किसी तरह मैंने उनका गुस्सा शांत करवाते हुए उन्हें बैठने के लिए कहा।
वह पिताजी का इंतजार कर रहे थे और पिताजी अभी तक आए नहीं थे मैं भी बार-बार घड़ी की तरफ अपनी नजर दौड़ा रहा था मुझे भी बहुत ज्यादा घबराहट हो रही थी क्योंकि मैं इस बात से अनजान था कि अब आगे क्या होने वाला है।
जैसे ही पिताजी दरवाजे के पास आए तो उन्होंने पिताजी को देखते ही कहा क्या तुम्हें मेरे पैसे नहीं देने मैंने उन्हें शांत होने के लिए कहा लेकिन वह कहां मेरी बात सुनने को तैयार थे वह पिताजी के साथ बड़ी बत्तमीजी से बात कर रहे थे।
उन्होंने पिताजी को कहा कि तुम मेरे पैसे कब दे रहे हो तो पिताजी ने उनसे कुछ और समय मांगा वह पिताजी को कहने लगे कि यदि तुम पैसे नहीं दे सकते तो तुम कुछ समय बाद घर खाली कर देना।
अब पिताजी के पास कोई भी रास्ता नहीं था सिवाय पैसे देने के, पिताजी अपनी नजरें झुकाये मकान मालिक के सामने खड़े थे लेकिन उनके पास किसी भी बात का कोई जवाब नहीं था क्योंकि वह पैसे देने में समर्थ नहीं थे इसलिए वह कुछ भी कह ना सके।
वह पिताजी को ना जाने क्या कुछ कहकर घर से चले गए और उन्होंने थोड़े वक्त की मोहलत दे दी लेकिन पिताजी इस बात से चिंतित थे कि अब पैसे कहां से आएंगे क्योंकि पिताजी का इलाज भी चल रहा था पिताजी बहुत ज्यादा बेबस थे उन्होंने अपने हाथ से सब्जी के थैले को नीचे रखा और वह सोफे पर बैठ गए।
मैंने अपनी बहन को आवाज देते हुए बाहर बुलाया वह दौड़ी चली आई और मैंने उसे कहा तुम पिताजी के लिए पानी ले आओ मैं पिताजी के साथ बैठा हुआ था वह पिताजी के लिए पानी ले आई। पिताजी ने पानी पिया और वह चुपचाप बैठे हुए थे वह मुझे कहने लगे कि बेटा मुझे कुछ देर के लिए तुम अकेला छोड़ दो पिताजी अकेले बैठे हुए थे और मैं उन्हें कमरे से बार-बार देख रहा था।
मुझे यह चिंता सताए जा रही थी कि थोड़े समय पहले ही तो पिताजी का ऑपरेशन हुआ है लेकिन मेरे पास भी शायद इस बात का कोई जवाब नहीं था। पिताजी पूरी तरीके से पैसे के कर्ज तले दबे हुए थे और उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह पैसे कहां से दे लेकिन कोई ना कोई तो रास्ता हमें निकालना ही था।
रात के वक्त भी पिताजी ने खाना नहीं खाया मैं इस बात से बहुत चिंतित हो गया था लेकिन मेरे कॉलेज की पढ़ाई अभी खत्म भी तो नहीं हुआ थी और मेरा ऐसा कोई दोस्त भी नहीं था जिससे कि मैं पैसों की कुछ मदद ले सकता। पिताजी के चेहरे का बढ़ा हुआ रंग देखकर मैं बहुत ज्यादा परेशान हो जाता।
कुछ ही दिनों बाद हमारे मकान मालिक घर पर पैसे लेने के लिए आने वाले थे पिताजी इस बात से बहुत चिंतित थे और पिताजी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। अभी तक पिताजी पूरे पैसे नहीं कर पाए थे और आखिरकार हमारे मकान मालिक घर पर आ ही गये।
जब वह घर पर आये तो उस दिन मैं भी घर पर था पिताजी ने उन्हें हाथ जोड़ते हुए कहा कि मुझे थोड़ा समय और दे दे लेकिन वह बात को नहीं माने और कहने लगे कि इस महीने के आखिर तक तुम घर खाली कर देना।
पिताजी ने थोड़े बहुत पैसे उसे दे दिए थे लेकिन उसके बावजूद भी वह हमारी बात सुनने को तैयार नहीं था हम लोग चारों तरफ से घिरे पड़े थे हमारे पास सिर्फ 10 दिन का समय बचा था और 10 दिन में ही हमें पूरे पैसे करके मकान मालिक को देने थे उसके बाद ही हम लोग घर पर रह सकते थे।
पिताजी के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि हम लोग दूसरे घर पर किराए के लिए रह सके हमारे सर से छत छिन जाने के डर से मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गया था और मेरी बहन भी बहुत घबराई हुई थी मैंने अपनी बहन को कहा तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है सब कुछ ठीक हो जाएगा।
पिताजी ने काफी कोशिश की लेकिन किसी ने भी पिताजी की मदद नहीं की पिताजी बहुत ज्यादा बेबस थे और उनके पास कोई भी रास्ता नहीं था। वह मुझे कहने लगे कि बेटा मैंने ना जाने कितने लोगों की मदद की है परंतु आज जब मुझे मदद की जरूरत है तो सब लोगों ने मेरी मदद करने से इनकार कर दिया।
मेरी मां के देहांत के बाद पिताजी पूरी तरीके से टूट चुके थे वह अब किसी पर भी भरोसा नहीं करते और उन्होंने काफी कोशिश की लेकिन अभी भी कुछ पैसे कम थे। घर का दस महीने का किराया बकाया था जिसमें से थोड़े बहुत पैसे तो पिताजी दे चुके थे परंतु बीस हजार की कमी अभी भी थी मैंने भी काफी कोशिश की लेकिन मुझे ऐसा कोई रास्ता मिला ही नहीं जिससे कि मेरे पास भी पैसे हो पाते।
मैं अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान नहीं दे पा रहा था और इस वजह से मेरी पढ़ाई पर भी काफी फर्क पड़ रहा था। पिताजी ने मुझे कहा कि संतोष बेटा तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो मैं कुछ ना कुछ कोशिश कर के पैसे जमा कर ही लूंगा लेकिन मुझे पता था कि यह सब इतना आसान होने वाला नहीं है।
मैंने भी कोशिश करनी शुरू कर दी और इसी बीच एक दिन फेसबुक पर मेरी एक भाभी से दोस्ती हो गई। जब मैंने उन्हें अपने बारे में बताया तो वह मेरी मदद करने के लिए तैयार थी लेकिन उसके बदले उन्हें भी कुछ चाहिए था मैंने उन्हें कहा कि ठीक है मैं आपसे मिलने को तैयार हूं।
मैं जब उनके पास मिलने के लिए गया उनकी उम्र यही कोई 45 वर्ष के आसपास रही होगी उनका नाम मोनिका है। मैंने उनसे कहा आपको क्या चाहिए तो वह कहने लगी मुझे तुम्हारे साथ एक रात बितानी है। मैं उन्हें खुश करने की पूरी कोशिश करना चाहता था मेरी जिंदगी में यह पहली बार ही हुआ था कि जब किसी महिला के साथ में अंतरंग संबंध बनाने जा रहा था।
उन्होंने मुझसे मेरी उम्र पूछी तो मैंने उन्हें बताया मेरी उम्र 23 वर्ष है उन्होंने मेरे कपड़ों को उतारना शुरू किया। उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया तो वह बडे ही अच्छे से लंड को हिला रही थी जब उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो उन्होने चूसना शुरू किया मुझे मजा आने लगा बहुत देर तक वह ऐसा ही करती रही उन्होंने मेरे वीर्य को बाहर निकाल दिया था मेरे वीर्य को उन्होंने अपने मुंह के अंदर ले लिया मुझे बड़ा ही मजा आया। मै अपने लंड को उनकी चूत में डालने के लिए तैयार था उन्होंने अपने कपड़े खोले और मुझसे कहा कि तुम मेरी चूत को चाटो।
मै उनके कोमल और मुलायम स्तनों को चूसता रहा उनके बड़े बड़े स्तनों को जब मैं अपने मुंह में लेकर चूस रहा था तो मुझे बहुत आनंद आ रहा था काफी देर तक मैंने उनके स्तनों का रसपान किया। मैंने उनकी चूत पर जीभ को लगाया तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है मैं उनकी चूत को चाटे जा रहा था जिस प्रकार से उनकी चूत को मैं चाटे जा रहा था उससे उनकी चूत से पानी निकलता जा रहा था वह मुझे कहने लगी तुम और अंदर तक अपनी जीभ को डालो।
मैंने उनकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ को घुसा दिया वह मेरे लंड को चूत में लेने के लिए तैयार थी उन्होंने मेरे लंड की मालिश तेल से की उसके बाद मैंने भी अपने लंड को उनकी चूत में प्रवेश करवा दिया।
मेरा लंड बहुत ही ज्यादा मोटा है जैसे ही वह उनकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आ गया जब मैं उन्हें धक्के देने लगा तो और भी ज्यादा मजा आने लगा।
वह मुझे कहने लगी तुम्हारी उम्र तो बड़ी कम है जैसे तुम मेरी चूत मार रहे हो मुझे बहुत मजा आ रहा है करीब 5 मिनट तक उनको मैं अपने नीचे लेटाकर चोदता रहा गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। उन्होने मेरे सामने अपनी चूतड़ों को कर दिया उनके जब अपनी चूतडो को मेरे सामने किया तो मैंने अपने लंड को उनकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया। मै उनकी चूतड़ों पर बड़ी तेजी से प्रहार कर रहा था और वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी।
बहुत देर तक मैने उनकी चूतडो पर ऐसे ही प्रहार किया काफी देर तक ऐसा करने के बाद मुझे बहुत ही अच्छा लगा लेकिन जब उन्होंने मेरे लंड पर तेल की मालिश करते हुए अपनी गांड के अंदर मेरे लंड को लिया तो मुझे और भी मजा आया।
मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था मुझे उनकी गांड मारने में बहुत मजा आया मैं उनकी गांड मारता रहा आखिरकार मैंने जब उनकी गांड के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो उन्हें बहुत ही मजा आ गया वह बड़ी खुश नजर आ रही थी, जिस प्रकार से उनके साथ मैंने संभोग किया उन्होंने उसके बाद मेरी पैसे से मदद की।
मैंने वह पैसे मकान मालिक को दे दिए वह मेरी तरफ देखता रहा कि आखिर मैंन पैसो का प्रबंध कहां से किया। पिताजी को भी मुझे झूठ बोलना पड़ा मैना उनको कहा मैंने अपने दोस्त से पैसे लिए हैं उन से थोड़े समय बाद पैसे लौटाने की बात कही है लेकिन अब भाभी ने मेरे सर पर हाथ रख दिया था और अब सब कुछ मेरी जिंदगी में सामान्य होने लगा।
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