आंटी और बेटी की एक साथ चुदाई – Desi Chudai ki Kahani

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Bur Ki Chudai

desi chudai ki kahani में मेरे पड़ोस की आंटी मुझे कसरत करते देखकर मुस्कुराती थी. एक दिन उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया और मेरे सख्त बदन को छूकर मजा लेने लगी.

यारो, मैं आपकी सोफी खान!

अब इस chut chudai ki kahani को पढ़ कर मजा लें.

यह chudai ki kahani hindi mein मेरे एक पाठक ने भेजी है.

मैं 22 साल का एक गोरा चिट्टा नवयुवक हूँ।

मुझे कसरत करने का बड़ा शौक है।

मैं सवेरे मॉर्निंग वाक पर जाता हूँ और शाम को अपनी छत पर ही कसरत करता हूँ।

मेरी पड़ोस की फातिमा आंटी मुझे हर रोज़ कसरत करते हुए देखती हैं, मुस्कराती हैं और चली जाती हैं.

मैं भी उन्हें खूब देखता हूँ।

कभी कभी वे वह गाउन में मैक्सी में या नाईटी में होती हैं तो उनकी चूचियों की और गांड की साइज साफ़ साफ़ दिखाई पड़ती है।

उन्हें देख कर मेरे लण्ड में कुलबुलाहट होने लगती है।

कभी कभी वे बोल लेती हैं, बातें भी कर लेती हैं।

मुझे भी उनसे बातें करने में अच्छा लगता है।

एक दिन वे बोली- बेटा विनीत, आजकल तुम बड़े हैंडसम लगते हो।

कसरत करते हुए बड़े सेक्सी दिखते हो।

मैंने कहा- अरे आंटी, आप भी तो बड़ी खूबसूरत लगती हैं।

सेक्सी मैं नहीं हूँ, आप हैं।

सच कहूं तो आप बड़ी हॉट हैं।

वे बोली- भक्क … तू बड़ा शरारती हो गया है।

मुझे उसकी यह बात बहुत अच्छी लगी।

मेरे लण्ड में सुरसुरी होने लगी।

फिर मैंने देखा कि आंटी हर रोज़ मेरे कसरत के समय अपनी छत पर टहलने लगीं।

मैं कसरत एक सैंडो बनियाइन और नेकर पहन कर करता हूँ।

मैं पसीने से भीग भी जाता हूँ लेकिन आंटी मुझे एकटक देखती रहतीं हैं।

मुझे भी उसे देखने में बड़ा मज़ा है।

एक दिन उन्होंने मुझे इशारे से अपनी छत पर बुला लिया।

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मैं भी बेधड़क उसके पास पहुँच गया.

उन्होंने कमरा अंदर से बंद कर लिया और बोली- विनीत, आज मैं तुमसे कुछ खुल कर कहना चाहती हूँ।

मैंने कहा- हां आंटी, कहो न प्लीज!

वे बोली- विनीत, तुम मुझे बड़े अच्छे लगते हो।

मुझे तुमसे और तुम्हारे बदन से प्यार हो गया है।

ऐसा बोलकर उसने मेरा लण्ड पर हाथ मारकर कहा- मुझे इसे खोल कर दिखाओ बेटा।

मैंने कहा- क्या कह रही हैं आप?

वे बोली- हां हां मैं सही कह रही हूँ।

मुझे अपना लण्ड दिखाओ अभी यहीं पर!

मैंने कहा- अरे आंटी कोई आ गया तो?

वे बोली- कोई नहीं आएगा।

तेरा अंकल दो दिन के लिए बाहर चला गया और मेरी बेटी पढ़ने गयी है। \

मैं घर में अकेली हूँ।

ऐसा कहते कहते उन्होंने मेरी नेकर नीचे घसीट दी।

नेकर नीचे गई तो लण्ड फनफनाकर खड़ा हो गया उनके सामने!

उन्होंने लण्ड पकड़ लिया और बोली- हाय दईया, बड़ा जबरदस्त लौड़ा है तेरा!

उनके पकड़ते ही लण्ड साला और भन्ना उठा।

उन्होंने झुक कर मेरा लण्ड कई बार चूमा, उसे अपने चेहरे पर रगड़ा, नाक पर, माथे पर, आँखों पर नाक पर और अपने होठों पर रगड़ा।

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मैं समझ गया कि आंटी लण्ड पर अपना पूरा प्यार लुटा रही हैं।

तब मैंने भी उनकी चूचियाँ दबा दीं, उनकी जाघों पर हाथ फेरा, चूत पर उँगलियाँ फिराईं।

उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत बड़ी खूबसूरत लग रही थी।

फिर वे भी मेरे सामने नंगी हो गई।

हम दोनों एक दूसरे के सामने एकदम नंगे थे।

उन्हें नंगी देख कर मेरा लण्ड और ज्यादा टन टनाने लगा।

आंटी मेरे बदन से चिपक गईं।

फिर उन्होंने मुझे सोफा पर बैठा दिया और खुद नीचे फर्श पर बैठ कर मेरा लण्ड चूसने लगी।

इत्तिफाक से मेरी झांटें बिलकुल साफ़ थीं।

लण्ड एकदम चिकना था।

उन्होंने आधे से ज्यादा लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ रखा था।

वे अंदर ही अंदर टोपा के चारों ओर जबान घुमाने लगी.

मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

आंटी इसी तरह बड़ी देर तक मेरा लण्ड बिना बाहर निकाले चूसती रहीं।

मुझे लगा कि मैं खलास हो जाऊंगा तो बोला- आंटी, लण्ड बाहर निकालो.

नहीं तो मैं अंदर ही झड़ जाऊंगा।

उन्होंने आँखों से इशारा किया- झड़ जा, मैं लण्ड बाहर नहीं निकालूँगी।

आखिर हुआ वही … मेरे लण्ड ने 4/5 पिचकारी अंदर ही छोड़ दी.

मुझे हैरानी हुई कि आंटी ने सारा माल बड़ी मस्ती से पी लिया।

तब मुझे आंटी से सच में प्यार हो गया।

फिर वे मुझे बाथरूम ले गई और वहां साबुन लगा कर मुझे और मेरे लण्ड को मजे से नहलाया।

नहलाते नहलाते लण्ड साला फिर से खड़ा हो गया।

बाथरूम बड़ा था।

आंटी अपनी टाँगें फैलाकर वहीं ज़मीन पर चित लेट गई और बोली- बेटा विनीत, अब तुम पेल दो अपना लण्ड मेरी चूत में!

मुझे चोदो।

मैं बहुत चुदासी हूँ बेटा!

मुझे आज बहुत दिनों के बाद कोई मस्त लौड़ा मिला है।

मुझे खूब घपाघप चोदो।

मैं तेरे लण्ड से चुदने के लिए बहुत दिनों से तड़प रही थी।

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आज मेरी इच्छा पूरी कर दो बेटा।

फाड़ डालो मेरा भोसड़ा!

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आंटी का इतना कहना हुआ कि लौड़ा मैंने एक ही बार में पूरा अंदर पेल दिया और मैं मस्ती से चोदने लगा आंटी की चूत।

लौड़ा घुसते ही उसकी चीख निकल पड़ी और फिर मैं बिना रुके दनादन चोदने लगा।

धीरे धीरे स्पीड बढ़ने लगी और उसकी सिसकारियां निकलने लगी, बोली- हाय रे … मुझे आज तक किसी ने इतनी मस्ती ने नहीं चोदा।

बड़ा मज़ा आ रहा है. अअअ अअहू हूह ऊऊओ … आआ मर गई मैं! वाह वाह क्या मस्त लौड़ा है तेरा! हह अहह हहय हह!

मैंने उन्हें बाथरूम में खूब जी भर के चोदा उसके भोसड़े की पूरी गर्मी निकाल दी.

खलास हो गया उसका मादर चोद भोसड़ा।

चोदने के बाद जब मैं जाने लगा तो आंटी ने कहा- बेटा विनीत, अब तुम मुझे रोज़ चोदा करो। तेरा जब मन हो तब मेरे पास आ जाना.

मैं चुदवा लूंगी।

मुझे चुदवाना हुआ तो मैं तुझे बुला लिया करुँगी।

हम दोनों का कई दिनों तक ऐसा ही खेल चलता रहा।

मैं उन्हें हर रोज़ चोदने लगा.

हर तरफ से मैंने आंटी का भोसड़ा चोदा, गांड में भी लण्ड ठोका और चूचियों के बीच में भी लण्ड खूब पेला।

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एक दिन जब वह नंगी नंगी मेरा लण्ड हिला रही थी तो अचानक बोली- बेटा विनीत, आज मैं तुझे एक बढ़िया चीज दूंगी।

मैंने कहा- क्या अच्छी चीज दोगी आंटी?

वे बोली- तुम सोच भी नहीं सकते, इतनी बढ़िया चीज दूंगी मैं तुम्हें!

मैंने कहा- अरे यार, कुछ खुल कर तो बताओ क्या दोगी?

वे बोली- आज मैं तुम्हें अपनी बिटिया की बुर दूंगी।

यह सुनकर मेरा लण्ड टन्न से खड़ा होकर दहाड़ने लगा।

मैंने कहा- अरे आंटी, ये आप क्या कह रहीं हैं?

वे बोली- मैं सही कह रही हूँ।

मेरी बेटी की एकदम नई ताज़ी बुर लोगे तो तुम्हें बड़ा मज़ा आएगा!

मैंने मुंह बनाते हुए कहा- क्या वह मुझे अपनी बुर दे देगी?

वह बोली- देगी क्यों नहीं भोसड़ी वाली, माँ की लौड़ी?

वो भी अब जवान हो गई है।

उसकी चूत तो बहुत गरम है बहनचोद!

वह तो दौड़ कर देगी तुम्हें अपनी बुर! तुम बस देखते जाओ।

ऐसा कह कर उसने आवाज़ लगाई- अरी ओ नायला … ज़रा मेरे कमरे में आना बेटी!

नायला बोली- अभी आती हूँ अम्मी।

नायला पल भर में ही कमरे में आ गयी.

तब तक आंटी ने चादर से मेरा चेहरा ढक दिया था।

नायला आते ही बोली- ओ माय गॉड … इतना बड़ा लण्ड अम्मी!

इतना मोटा और गोरा चिट्टा लण्ड! किसका है ये भोसड़ी का लण्ड अम्मी।

बड़ा क्यूट और मस्त लग रहा है लौड़ा बहनचोद!

आंटी एकदम से मेरे चेहरे से चादर हटाते हुए बोली- ले तू खुद ही देख ले बुरचोदी नायला की किसका लण्ड है।

नायला मुझे देख कर चीख पड़ी- अरे विनीत भइया तुम?

ये तुम्हारा लण्ड है?

इतना बढ़िया लण्ड अभी तक क्यों छिपाकर रखा था भइया?

मुझे मालूम होता तो मैं इसे बहुत पहले पकड़ लेती!

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मैं समझ गया की माँ बेटी दोनों आपस में ओपन हैं।

ऐसा बोलकर उसने लण्ड पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाया तो आंटी बोली- नहीं नायला, पहले अपने कपड़े उतारो, फिर लण्ड पकड़ो।

लण्ड नंगी होकर पकड़ा जाता है।

लण्ड जब तुम्हें नंगी देखेगा तो और दहाड़ेगा।

नायला बोली- तो क्या लण्ड की आँखें होती हैं अम्मी?

आंटी ने कहा- लण्ड की आँखें भी होती हैं और कान भी होते हैं।

लण्ड देखता भी है और सुनता भी है।

फिर जैसे ही नायला नंगी हुई तो मेरा लण्ड साला हिनहिनाने लगा।

नायला ने उसे पकड़ा, हिलाया और प्यार से चुम्मी लेने लगी।

फिर लण्ड वह अपने पूरे बदन पर घुमाने लगी।

उधर आंटी उसकी चूत में उँगली करने लगी और मैं उसकी चूचियाँ दबा दबा कर मज़ा लेने लगा।

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आंटी बताने लगी:

जानते हो विनीत, हम दोनों माँ बेटी पिछले 6 महीने से लेस्बियन कर रही हैं।

मैं इसकी चूत गांड चाटती हूँ और ये मेरी चूत गांड चाटती है।

हम दोनों एक दूसरे की चूत गांड में उंगली करती हैं और खूब गन्दी गन्दी बातें करतीं हैं।

एक दिन मैंने कहा- नायला साली कुतिया तेरी माँ का भोसड़ा!

तो उसने फ़ौरन जबाब दिया- फातिमा साली बुर चोदी रंडी … तेरी बिटिया की बुर!

बस तब मैं समझ गई कि मेरी बेटी को अब लण्ड की जरूरत है।

आज मैं तुझे दूंगी अपनी बिटिया की बुर!

मैं आज तेरा लण्ड अपने हाथ से इसकी चूत में पेलूँगी तब मुझे तसल्ली मिलेगी।

ऐसा कह कर आंटी ने लण्ड अपने हाथ में लिया और उसे नायला की चूत पर रगड़ने लगी।

मुझे बड़ा मज़ा आने लगा और नायला को भी!

आंटी बार बार मेरे लण्ड का टोपा अंदर घुसेड़ती और बाहर निकाल लेती।

नायला लण्ड पूरा लेने के लिए तड़पने लगी।

तब वह बोली- फातिमा भोसड़ी की … लण्ड पूरा क्यों नहीं घुसा देती मेरी चूत में?

इतनी देर से अपनी गांड मरा रही है क्या तू?

आंटी तो उसे तड़पा रही थी।

नायला ने जब गालियां सुनाईं तो आंटी ने मुझे इशारा किया।

फिर मैंने एक ही झटके में समूचा लण्ड पेल दिया उसकी चूत में!

तो वह चिल्ला पड़ी- उई माँ मर गई मैं!

फट गई मेरी चूत, बुर चोदी।

मैं कहीं मुंह दिखाने काबिल नहीं रही।

मेरा मुंह काला कर दिया इस मादरचोद विनीत ने।

इसकी माँ का भोसड़ा! आआह आआ हह उह ऊऊऊ आए हहह!

इतने में आंटी ने उसका मुंह कपड़े से दबा दिया, बोली- चुपचाप चुदवा ले चिल्ला मत।

मैं तेरी चूत को लण्ड खिला रही हूँ।

तेरी चूत साली लण्ड की भूखी है।

थोड़ी देर रुक … अभी तुझे बड़ा मज़ा आने वाला है।

मैं बिना रुके उसे घपाघप चोदने लगा, चुदाई की रफ़्तार बढ़ाने लगा।

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मुझे आंटी के सामने उसकी बेटी चोदने में बड़ा आनंद आ रहा था।

आंटी भी मुझसे अपनी बेटी चुदवाने का मज़ा ले रही थी।

थोड़ी देर में नायला खुद बोली- हाय रे मादरचोद विनीत, लौड़ा पूरा घुसेड़ दे अंदर! चोद ले मेरी चूत! घुसा दे अपना पूरा लण्ड। बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे!

आंटी उसकी बातें सुनकर बहुत खुश हुई।

फिर नायला भी अपनी गांड उचका उचका कर मस्ती से चुदवाने लगी, कमर हिला हिला कर चुदवाने लगी।

आंटी ने पूछा- मज़ा आ रहा है न भोसड़ी वाली नायला?

वह बोली- हाय अम्मी बड़ा मज़ा आ रहा है।

तूने बहन चोद मेरी चूत पहले क्यों नहीं चुदवाई?

इसका भोसड़ी का लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा है अम्मी!

मैं इधर पूरी मस्ती में था।

मैंने पोज़ बदला और उसकी एक टांग अपनी टांग पर रख लिया और साइड से पेल दिया लण्ड।

वह भी साली मजे से चुदवाने लगी।

आंटी उसकी चूचियाँ दबाने लगीं उसकी जांघें सहलाने लगी और मेरे पेल्हड़ भी मसलने लगीं।

मैं चोदने में जुटा था और वह चुदवाने में!

आंटी हम दोनों को देख कर मज़ा ले रही थीं।

उन्हें अपनी बिटिया चुदवाने का सुख मिल रहा था।

नायला की सिसकारियां मेरी उत्तेजना बढ़ा रही थीं।

बीच बीच में वह गालियां भी निकाल रही थी- हाय भोसड़ी की फातिमा तू आज अपनी बिटिया की बुर फड़वा कर ही दम लेगी।

बेटी चुदाने में बड़ा मज़ा आ रहा है तुझे हरामजादी।

रुक जा ज़रा आज मैं भी तेरा भोसड़ा फाड़ूंगी।

आंटी बोली- बुर चोदी नायला, साली कुतिया … तू लण्ड के लिए तड़प रही थी।

मैंने लण्ड तेरी चूत मे पेल दिया तो तू मेरा अहसान मान माँ की लौड़ी।

मैं अपनी बेटी की चूत को भूखी नहीं रख सकती … इसलिए लौड़ा पेला।

आगे भी पेलती रहूंगी।

अभी तो और बड़े बड़े मोटे मोटे लण्ड पेलूँगी तेरी चूत में भी और गांड में भी!

इन बातों से उत्तेजना इतनी बढ़ी की नायला चूत ने पानी छोड़ दिया.

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पूरा बिस्तर पानी से भीग गया।

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इसी बीच मेरे भी लण्ड से पिचकारियां निकलने लगीं जो नायला की चूत पर, चूचियों पर पेट पर और मुंह पर गिरी।

आंटी ने झट्ट से लण्ड मुंह में भर लिया और सारा माल चूस लिया।

फिर हम दोनों बाथ रूम गए, वहां साफ़ सुथरे होकर नंगे बेड पर लेट गए।

नायला बीच में एक तरफ मैं दूसरी तरफ आंटी थीं।

नायला का एक हाथ उसकी माँ की चूत पर था दूसरा मेरे लण्ड पर!

लण्ड साला फिर से खड़ा होकर दहाड़ने लगा।

नायला अचानक उठी और आंटी को उठाकर मेरे लण्ड पर बैठा दिया, बोली- विनीत अब तुम मेरे आगे चोदो मेरी अम्मी का भोसड़ा!

आंटी तो यह चाहती ही थीं।

वे भी बड़े मजे से मेरे लण्ड पर बैठ कर कूदने लगी।

मेरा लण्ड उनकी चूत में पूरा घुस ही चुका था।

नायला अपनी माँ चुदाने का लुत्फ़ उठाने लगी।

वह पीछे जाकर अपनी अम्मी की चूचियाँ दबाने लगी, बोली- हाय अम्मी, आज मुझे माँ चुदाने में सचमुच बड़ा मज़ा आ रहा है.

कितना सुन्दर होता है माँ चुदाना यह मुझे आज मालूम हो रहा है।

अब तो मैं जल्दी जल्दी अपनी माँ चुदवाया करुँगी।

फिर कुछ ही देर में नायला मेरे पास आयी और अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी।

मैं नायला की चूत चाटते हुए उसकी माँ का भोसड़ा चोदने लगा।

मुझे डबल मज़ा मिलने लगा।

फिर उसने आंटी को घोड़ी बना दिया और मेरा लण्ड पकड़ से पीछे से उसकी गांड में ठोक दिया, बोली- विनीत यार, मेरी माँ की गांड चोद कर दिखाओ।

अब उसे क्या पता कि मैं उसकी माँ की गांड कई बार मार चुका हूँ।

मैं फिर लण्ड कभी गांड में पेलता तो कभी चूत में!

मैं बेटी के सामने उसकी माँ चोदने का मज़ा लूटने लगा।

फिर मैंने आंटी को चित लिटाया और उसके ऊपर नायला को भी चित लिटाया।

दोनों की चूत ऊपर नीचे मेरे सामने आ गयी।

मैं कभी माँ की चूत में लण्ड पेलता तो कभी बेटी की चूत में।

मुझे दोनों माँ बेटी की चूत एक साथ चोदने में बड़ा आनंद आ रहा था।

अंत में मैंने कहा- आंटी जी, आपने मुझे अपनी बिटिया की बुर देकर बड़ा अच्छा किया।

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