दीदी की चुदाई बाथरूम में- Bhai Behen ki Chudai

Bhai Behen ki Chudai

हेलो फ्रेंड, आई एम् राज। आज मैं आपको एक कहानी सुनाने जा रहा हु जो मेरी दीदी की चूत की चुदाई की हैं। उम्मीद है आप को पसंद आएगी। अगर आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आये तो जरुर कमेन्ट करे ( लडकिया जरुर हमे कम्मेंट करे।) तो अब में आता हु कहानी पर!

यह कहानी मेरे और मेरी दीदी के बीच कि है। में १८ साल का हु और मेरी दीदी मुझ से ४ साल बड़ी है। मेरी दीद बड़ी ही सुंदर और सेक्सी है किसी मॉडल कि तरह।

मेरी दीदी का नाम रिया है। बहुत पुराणी बात है मेरा घर २ फ्लोर का है और नीचे १ मास्टर बेडरूम, डाइनिंगहॉल, बाथरूम, लिविंग रूम और एक गेस्ट रूम है।

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मास्टर बेडरूम में मम्मी और पापा सोते है और ऊपर वाले फ्लोर में २ बेडरूम और एक बड़ा बाथरूम और एक हॉल है। १ बेडरूम में दीदी सोती है और एक मैं सोता हु। बाथरूम एक होने की वजह से हम बाथरूम शेयर करते है।

मेरे स्कूल की टाइमिंग और दीदी के कॉलेज कि टाइमिंग सुबह एक ही होने की वजह से दीदी पहले जल्दी बाथरूम में चली जाती है और मेरे घुसने से पहले ही तैयार हो कर बाहर आ जाती है।

उस दिन मुझे थोडा जल्दी जाना था स्कूल। दीदी बाथरूम में गुसी हुई थी। मैंने दीदी को आवाज़ दी। जल्दी करो। मुझे आज जल्दी स्कूल जाना है। आज मेरी एक्स्ट्रा क्लास है। दीदी बोली – मैं अभी – अभी गुसी हु बाथरूम में।

थोडा इंतज़ार करो। मैंने सोचा, कि चलो पापा वाले बाथरूम में चले जाता हु। लेकिन जब दरवाजा खटखटाया, तो पता लगा, कि वहां पर मम्मी नहा रही थी।

फिर मैं वापस ऊपर वाले बाथरूम में आया और जोर से दरवाजा खटखटाया। दरवाजा शायद जोर से नहीं बंद हुआ था, वो एकदम से खुल गया। अन्दर देख कर मैं तो एकदम से दंग रह गया। दीदी पूरी नंगी थी और वो अपनी चूत के बाल साफ़ कर रही थी।

दीदी ने मुझे देखा और तुरंत अपने को ढकने की कोशिश करने लगी। वो बोली – छोटू (दीदी मुझे बचपन से छोटू ही बुलाती थी) तुमको रुकने को बोला था ना। थोड़ी देर रुक नहीं सकता। मैं तो सामने का नजारा देख कर दंग रह गया था।

फिर बोला – दीदी, मुझे जल्दी स्कूल जाना है। मैंने भोला बनते हुए बोला, जैसे मुझे कुछ भी पता ना हो? मैंने फिर से कहा – मुझे देर हो रही है और पता नहीं अन्दर आप ये क्या कर रही हो? दीदी मुझे बाहर जाने को बोलने लगी और बोली – मुझे नहाने दे। बाद में आना। लेकिन, मुझे तो दीदी को और देखने का मन हो रहा था।

उनको नहाते हुए देखना था। बहुत ही सुंदर लग रही थी वो। मेरा लंड एकदम से खड़ा हो चूका था। मैंने दीदी से रिक्वेस्ट की, कि प्लीज मुझे नहाने दो। मैंने शांति से नहा कर चला जाऊंगा। दीदी कुछ देर सोची और फिर बोली – ठीक है अन्दर आ जा।

लेकिन किसी को कुछ बोलना मत, अभी जो कुछ भी हुआ और तुमने देखा। मैंने कहा – ठीक है दीदी और मैं अन्दर घुस गया। तब तक दीदी टॉवल ले कर अपने को ढक चुकी थी। मैं शावर को ओन कर के नहाने लगा।

मैंने साबुन लगाते हुए दीदी को पूछा, कि आप क्या कर रही थी? दीदी बोली – कुछ नहीं कर रही थी मैं। मैंने भोला बनते हुए कहा – मैंने आपको देखा था। आप अपने वहां के बाल साफ़ कर रही थी। दीदी मुस्कुराते हुए बोली – छोटू, वहां पर बाल ज्यादा हो गए थे। इसलिए मैं उनको साफ़ कर रही थी।

दीदी पर मेरे यहाँ पर बाल अभी हुए ही नहीं है। ऐसा क्यों दीदी? दीदी ने कहा – तेरे भी बाल आ जायंगे। तब तुम मेरे जितने बड़े हो जाओगे। तो मैंने कहा – ऊऊओ।।ह ऐसा। फिर मैंने दीदी से कहा – दीदी, आप मुझे अपना वहां दिखाओ ना।

मुझे देखना है, कि वहां पर बाल होते कैसे है? कैसे दिखते है वहां पर बाल? दीदी बोली – तुम बहुत बदमाश हो गए हो छोटू। मैंने कहा – क्या दीदी? मैंने तो सिर्फ देखने के लिए कहा है। इसमें बदमाश वाली क्या बात है। फिर दीदी बोली – नहीं दिखा सकती। मैं रिक्वेस्ट करने लगा।। प्लीज दीदी दिखाओ ना।

प्लीज। वरना सबको बता दूंगा, कि तुम बाथरूम में क्या कर रही थी। मेरे ये कहते ही, दीदी डर गयी और बोली – अच्छा, दिखाती हु। पर तुम किसी को कुछ बताना मत। तुम पहले मुझे प्रॉमिस करो। मैंने कहा – ठीक है दीदी।

फिर दीदी ने अपनी झांट वाली चूत मुझे दिखाई, जो थोडा साफ़ की हुई थी। मैं सब कुछ जानते हुए भी भोला बना रहा, जैसे कि मुझे कुछ भी मालूम नहीं हो।

दीदी ये क्या है आपका। आपका मेरे से अलग है। दीदी बोली – छोटू तुम्हे कुछ नहीं पता क्या? तुम्हारे स्कूल में तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? तो मैंने नहीं में सिर हिला दिया। दीदी बोली – कोई बात नहीं। मैं तुझे बता देती हु। लड़की और लड़के का अलग – अलग होता है।

लड़की वाले को चूत कहते है और लड़के वाले को लंड। मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा हो चूका था। मैंने बोला – दीदी आप अपने बाल साफ़ कर सकती हो, मेरे सामने। मैंने किसी को कुछ बोलूँगा नहीं। दीदी बोली – ठीक है। फिर दीदी ने अपनी झांट मेरे सामने ही साफ़ करनी शुरू कर दी। इधर मेरा तो बुरा हाल होने लगा था।

बाल साफ होने के बाद, दीदी कि चूत बहुत ही चिकनी और सुंदर दिख रही थी। उधर दीदी भी अपने बाल साफ़ करते हुए काफी गरम हो चुकी थी। मेरे लंड पर दीदी कि नजर गयी, तो वो बोली – तुम भी अपना अंडरवियर उतार दो।

अब इसको पहनने का कोई फायदा नहीं है। पर मुझे शर्म आ रही थी। फिर दीदी ने खुद ही मेरा अंडरवियर उतार दिया और शावर में मेरे साथ खड़े होकर नहाने लगी।

इधर हूँ दोनों आमने – सामने खड़े हो कर शावर ले रहे थे। मेरा लंड खड़ा होने कि वजह से दीदी की चूत से सटा हुआ था। दीदी की चूत कि गरमी और चिकनापन मुझे लंड पर महसूस हो रहा था। मुझे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

मैंने अपने लंड को दीदी की चूत से पूरा सटा दिया और रगड़ने लगा। मेरी दीदी मुझ से थोड़ी लम्बी है और इस वजह से दीदी की चूत का छेद सीधा मेरे लंड से सटा हुआ था।

दीदी की चूत चिकनी थी और मुझे उसकी गरमी अपने लंड पर महसूस हो रही थी। मेरा लंड पूरा तन्न कर खड़ा हो चूका था। मैंने धीरे – धीरे अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा था। दीदी को भी मजा आ रहा था।

वो बिना कुछ कहे शावर में कड़ी थी और मजा ले रही थी। मैंने अपना मुह दीदी की चूची पर लगा दिया। मुझे तो मानो जैसे जन्नत ही मिल गयी हो।

मुझे मजा आने लगा था। तभी मुझे मम्मी की आवाज़ आई। मुझे जल्दी से वहां से निकलना पड़ा। उस समय तो हम दोनों चुदाई का आनंद नहीं ले पाए। लेकिन, उसी रात को मैं दीदी के रूम में गया और चुदाई का मजा लिया।

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