दोस्त की सास की चुदाई का मजा- Saas ki Chudai

Saas ki Chudai

मैंने अपने नवविवाहित दोस्त की सास की चुदाई की| इस सेक्स भरे खेल की शुरुआत मेरे दोस्त की शादी वाली रात को ही हो गयी थी| सास की चुदाई की कहानी का मजा लें|

दोस्तो, मेरा नाम मनीष है| मैं मध्यप्रदेश के दतिया जिले से हूँ| आप लोगों को अपने बारे में बता दूं कि मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ और पार्ट टाइम शादीशुदा लेडीज को सेक्स सर्विस भी देता हूं|

ये सेक्स कहानी मेरे एक दोस्त की सास की चुदाई की कहानी है, जो मेरे शहर से कुछ दूर एक दूसरे कस्बे में रहती हैं| वैसे तो मैं अभी तक 10 महिलाओं को अपनी सेवा दे चुका हूं, मगर ये कुछ खास ही चुदाई हुई थी, जो मैं कभी नहीं भूल सकता|

मैं पहले आपको अपने दोस्त की सास का परिचय करवा देता हूँ| उनका नाम ममता है और उनकी उम्र 42 साल की रही होगी| ममता जी का शरीर पूरा भरा हुआ है| उनके मम्मे 36 इंच के हैं| उनको मैंने जब पहली बार देखा था, तो मेरा लंड सलामी देने लगा था| उन्हें देख कर पहले तो ये लगा ही नहीं था कि ये सास हैं| मैंने तो उन्हें की बड़ी बहन समझा था|

ये बात दो साल पहले मेरे खास दोस्त की शादी की उस समय की है| जब मैं उसकी बारात में गया था|

बारात दरवाजे पर पहुंची| लड़की वालों की तरफ से बहुत सी सुंदर-सुंदर लड़कियां भाभियां और आंटियां आई हुई थीं| मेरे सब दोस्त उन्हीं को देख कर आंखें सेंक रहे थे|

कुछ देर बाद मैं स्टेज पर अपने दोस्त के साथ बैठा हुआ बातें कर रहा था| फिर वरमाला का प्रोग्राम हुआ, तो सभी लोग उसमें मजा लेने में लगे हुए थे| उसी समय मुझे वाशरूम जाना पड़ा| मैं अपने दोस्त को बोलकर वाशरूम की ओर चला गया| मैंने मालूम किया तो पता चला कि वाशरूम डिनर हॉल से निकल कर दूसरी तरफ बने हुए थे|

मैं वहां जाने लगा| उधर अन्दर डिनर हॉल में कुछ लेडीज खाना खा रही थीं| मैं उनकी सुन्दरता को देखता हुआ आगे बढ़ गया|

जब वहां से मैं बाथरूम की ओर गया, तो मुझे एक रूम का गेट थोड़ा खुला हुआ दिखाई दिया| मैंने देखा कोई औरत पीछे मुँह करके कपड़े पहन रही थी| मैं उन्हें देख कर रुक गया|

तभी उनकी आवाज आई- रूबी, जरा मेरी ब्रा का हुक तो लगा देना|

मैंने इधर उधर देखा तो उधर कोई दूसरी लड़की दिख ही नहीं थी, यानि ये आवाज उसने मेरी आहट पाकर शायद मुझे ही रूबी समझ लिया था|

पहले तो मैं एकदम से डर गया और वहां से आगे जाने की सोचने लगा, पर तभी उन्होंने फिर से आवाज़ दी कि सुनाई नहीं देता रूबी | मुझे देर हो रही है | जल्दी कर दे| पहले ही मुझे दूसरी साड़ी पहननी पड़ रही है|

मैं डरते हुए उसके पास गया और उसकी ब्रा का हुक लगा दिया और मैं वहां से निकलने लगा|

उसी समय वो मुड़ी, तो रूबी की जगह मुझे पाकर हड़बड़ा गई|

फिर वो मुझे देख कर अपना साड़ी का पल्लू लेकर बोली- कौन हो तुम?
मैं हड़बड़ा गया और बोला- आपने ही तो मुझे बुलाया था|

वो बोली- मैं अपनी भतीजी को बुला रही थी | तुम कौन हो?
मैं बोला- मेरा नाम मनीष है | और जिस लड़के की शादी है, वो मेरा दोस्त है|
तो वो शर्माते हुए बोली- ओह | मैं उनकी सास हूँ|

मैंने उनको नमस्ते की और उन्हें देखने लगा| वो अपनी साड़ी पहनने लगी और मुझे देख कर मुस्कुराते हुए कहने लगीं- थाली से हल्दी गिर जाने से मेरे कपड़े खराब हो गए थे, इसलिए मुझे कपड़े बदलने आना पड़ा|

उनकी मुस्कुराहट भरी आवाज से मेरा भी डर कम हो गया और मैं उधर से जाने लगा|

दोस्त की सास बोलीं- आप जरा अन्दर आओ | मुझे अलमारी से कुछ निकलवाना भी है | मेरी पहुंच उधर तक नहीं हो पा रही है| अभी तुम्हारे अंकल भी नहीं हैं| वो द्वारचार के लिए चले गए हैं|

उन्होंने ऐसे बोलते हुए अपना नीचे का होंठ दबा लिया| तो मेरी समझ में आ गया कि ये चालू माल है|

मैंने कहा- पहले मुझे जरा बाथरूम जाना है, उधर से आकर अभी सामान निकाल देता हूँ|
दोस्त की सास बोलीं- अन्दर बाथरूम है न | इधर ही फारिग हो लो|

मैं उनके कमरे के बाथरूम में घुस गया| उधर शायद उनकी ही ब्रा पैंटी पड़ी थीं| मैंने पैंटी को उठा कर सूंघा, तो मस्त हो गया| शायद वो अपनी चूत में कुछ खुशबू लगाती थीं|

फिर जब मैं बाथरूम से बाहर आया, तब तक वो साड़ी पहन चुकी थीं|

मुझे देख कर बोलीं- मैंने आपका नाम नाम तो पूछा ही नहीं | क्या है?

मैंने उनको अपना नाम मनीष बोला और मैं उनकी अलमारी से सामान निकालने के लिए आगे बढ़ा|

जब मैं स्टूल पर ऊपर से सामान दे रहा था, तो उनके गहरे गले के ब्लाउज में साफ़ दिख रहे मम्मे मुझे मस्ती दे रहे थे|

दोस्त की सास के मम्मे देख कर मेरा पप्पू पैंट के अन्दर सलामी देने लगा| मैंने अपने आप पर बड़ी मुश्किल से संयम किया|

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दोस्त की सास भी शायद ये समझ चुकी थीं| पता नहीं सामान लेने में या जानबूझ कर उन्होंने अपने पल्लू को ढलक जाने दिया|
उनकी चूचियों का मदमस्त नजारा मेरा हाल खराब करने लगा|

इतने मैं मेरा बैलेंस बिगड़ गया और मैं अपने दोस्त की सास के ऊपर गिर पड़ा| हड़बड़ाहट में मेरा एक हाथ उनके मम्मों पर चला गया और दूसरा हाथ उनके पेट का सहारा लेता हुआ उनकी नाभि पर जा लगा|

इस वजह से वे भी घबरा सी गईं और उनके मुँह से ‘ओ मर गई||’ निकल गई|

उस समय मुझे न जाने कहां से हिम्मत आ गई और मैंने उनको एक किस कर दिया|
किस करने के बाद मैंने उनको छोड़ा नहीं, बस यूं ही उनकी तरफ देखने लगा|

अचानक न जाने क्या हुआ, वो भी मुझे पकड़ कर किस करने लगीं|
मुझे मजा आ गया| अब मैं भी उनको बहुत देर तक किस करता रहा| फिर मैं उनके मम्मे दबाने लगा|

वो मस्त होने लगीं और बहुत जोर से सीत्कार करने लगीं| वो भी जोश में आकर मुझे किस करने लगीं | कुछ ही देर के इस चूमाचाटी के प्रोग्राम में शायद वो झड़ गई थीं|

फिर वो मुझसे अलग हुईं और बोलीं- अब बर्दाश्त नहीं होता, जल्दी से चोद दे मुझे| समय भी कम है | बस दस मिनट में ही मुझे मजा दे दे|

मैं उनकी ये डिमांड सुनकर जोश में आ गया| मगर वहां चुदाई के खेल खेलने में खतरा था, तो मैंने उनकी चूचियां मसलते हुए कहा- अभी सब्र रखो आंटी, जल्दीबाजी में मजा नहीं आएगा| मुझे मौक़ा मिलते ही मैं आपको मस्ती से चोदूंगा|

वो भी मेरी बात सुनकर चुप हो गईं|

मैं उनको प्यासा छोड़कर चला आया| मुझे भी दोस्त के पास से आए हुए बहुत देर हो गई थी|

जब मैं स्टेज पर आया, तो मेरा दोस्त पूछने लगा- कहां चला गया था? कितनी देर लगा दी|
मैं बोला- कहीं नहीं यार | जरा डांस देखने लगा था|

कुछ देर बाद उनकी सास आशीर्वाद देने स्टेज पर आईं और मुझे देख कर मुस्कुरा कर वापस चली गईं| मैंने भी उनको देख कर स्माइल की और शादी का मज़ा लेने लगा|

कुछ टाइम बाद एक छोटा लड़का आया तो वो मुझसे बोला- जीजा, आपको मम्मी बुला रही हैं|
मेरा दोस्त बोला- जा | शायद तुझसे कोई काम होगा|

मैं अन्दर गया, तो ममता आंटी बोलीं- मनीष, तुम अपना नम्बर मुझे दे दो|

मैंने उनको अपना नम्बर दे दिया और चला आया| शादी की पूरी विधि चलती रही| मुझे इतना समय ही नहीं मिला कि मैं ममता आंटी की चुदाई कर सकूं|

विदाई के बाद मैंने उनको एक कोने में ले जाकर चूमा| उनके मम्मे दबा कर उनसे जल्द ही आकर दोस्त की सास की चूत चुदाई करने का वादा किया और वापस आ गया|

दो दिनों के बाद आंटी का फोन आया और बहुत ही सेक्सी आवाज आई| मुझे उनका नम्बर मालूम ही नहीं था, तो ये नम्बर मेरे लिए एक अनजान नम्बर था|

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मैं बोला- कौन?
आंटी बोलीं- इतनी जल्दी भूल गए | मैं ममता बोल रही हूँ|

मैं- ओह | याद आया | आप हैं | आपको कैसे भूल सकता हूँ जान | बोलो क्या काम है?
आंटी कामुक आवाज में बोलीं- अधूरा काम पूरा नहीं करोगे?
मैंने बोला- हां जरूर करूंगा|

अब मेरे मन में लड्डू फूटने लगे थे| मैं बस इस फिराक में था कि कब मुझे उनसे मिलने का मौका मिले और आंटी की चूत चुदाई का मजा ले सकूं|

उस दिन मैंने दोस्त की सास ममता आंटी के नाम की दो बार मुठ मारी और ठंडा हो कर सो गया|

अगले दिन आंटी का फोन आया और उन्होंने मुझे घर आने के लिए कहते हुए बताया कि आज आ जाओ, तेरे अंकल भी घर पर नहीं हैं|

मैं खुश हो गया कि दोस्त की सास की चुदाई का मौक़ा मिलेगा| और शाम को बाइक से उनके यहां चला गया, तो उन्होंने मेरा बहुत स्वागत सत्कार किया| मैं उनके घर पर रात रुकने के नजरिये से आया था| आज अंकल भी घर पर नहीं थे|

मैं तो बस उनकी मदमस्त चूचियों को ही देखे जा रहा था| आंटी भी झुक झुक कर मुझे सब्जी आदि दिए जा रही थीं|

एक बार जब वो झुकीं, तो मैंने सबकी निगाह बचाते हुए उनके कान में कह दिया- मैं अपने दोस्त की सास की चुदाई करने आया हूँ|
वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं|

दो घंटे बाद रात गहराने लगी थी| इस खाना खाने के बाद सब अपने कमरों में सोने चले गए| मैं भी लेट चुका था|

तभी ममता आंटी आयी, वो मुझे चिकोटी काटते हुए बोलीं- सो गए क्या?
मैं बोला- नहीं तो!
वो बोलीं- चलो खेल शुरू करते हैं|

वो उठते हुए कमरे में जाने लगीं और मुझे पीछे आने का इशारा कर दिया|

मैं उनके कमरे में गया, तो मैंने पूछा- अंकल कहां गए हैं| क्या रात को वापस आ जाएंगे?
वो बोलीं- वो इधर कम ही आते हैं| पास के गांव में खेती करवाते हैं, मैं यहां अकेली बच्चों के साथ रहती हूं|

मुझे मालूम था कि उनके चार बच्चे थे| मगर उनको देख कर ये नहीं लगता था कि ये चार बच्चों की मां हैं| ये मुझे काफी बाद में पता लगा था कि उनके पति की उम्र उनसे काफी ज्यादा थी| अंकल 54 साल के थे और वो अब उन्हें लंड का सुख नहीं दे पाते थे|

मैंने उन्हें बांहों में ले लिया और किस करने लगा| तो वो भी मेरा साथ देने लगीं| हम दोनों चिपक कर किस करने लगे| वो ‘ओह्ह आह||’ की आवाज निकालने लगीं|

कुछ ही देर बाद मैंने उनके ब्लाउज़ और ब्रा को निकाल दिया| ममता आंटी के रसीले मम्मे बाहर निकल कर हवा में उछलने लगे| मैं उनके दोनों मम्मों को अपने हाथों में भर कर जोरों से दबाने लगा| वो बहुत ज़ोर से ‘ओह्ह आह | ओह्ह आह||’ की आवाज़ निकालने लगीं|

फिर उन्होंने मेरी पैंट निकाल कर मेरा लंड बाहर निकाला और मस्ती से उससे खलने लगीं| मैंने आंटी से लंड चूसने का कहा, तो नीचे बैठ कर आंटी लंड चूसने लगीं|

आह क्या मज़ा आने लगा था दोस्तो | मेरे दोस्त की सास लंड बहुत अच्छा चूसती थीं|

उनके लंड चूसने से मेरे मुँह से कराह निकलने लगी- आह ममता रानी | और जोर से लंड चूसो| आह | कितना मस्त चूसती हो | आह बड़ा मज़ा आ रहा है | मेरे आंड भी सहलाओ रानी|

ममता आंटी मस्ती से मेरे आंड चाटते हुए मेरे लंड को फुल मजा देने में लगी थीं| मैं उनके मम्मे मसलने लगा था|

कुछ देर बाद ममता आंटी बोलीं- अब अपना लंड मेरी चूत में जल्दी से अन्दर डाल दो| मैं बहुत प्यासी हूँ|
मैंने उनको अपने नीचे लिटा कर दोस्त की सास की चूत में एकदम से अपना लंड डाल दिया|

उनके मुँह से जोर की आवाज़ निकली- आह | मार दिया फाड़ दी मेरी चूत | धीरे चोदो मनीष जी | आपका लंड बहुत मोटा और बड़ा है | तुम तो मार ही डालोगे|
मैं बोला- दामाद के दोस्त के लंड का मज़ा लो मेरी सासू अम्मा!

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मैं धीरे-धीरे दोस्त की सास की चूत में लंड के धक्के मारने लगा| वो गांड उठाते हुए ‘ओह्ह ओह |’ की मादक आवाजें निकालने लगीं|

मैं उनकी चूचियों को भींचते हुए उनकी चूत में पूरा लंड अन्दर बाहर करते हुए दोस्त की सास की चुदाई का मजा लेने लगा|
दोस्त की सास- आह चोदो | आह मज़ा आ रहहा है | आह आह उम्म!

अब उनकी चूत से फच फच की आवाज़ आने लगी थी| वो मस्ती से चुदते हुए कह रही थी- आह आज न जाने कितने दिनों बाद मुझे चैन मिला है | आह मज़ा आ रहा है| मेरी ऐसी चुदाई बहुत दिनों बाद हुई| मेरी प्यासी चूत को बड़ा जानदार लंड मिला है | ओह्ह|

कुछ ही देर बाद आंटी झड़ गईं और निढाल हो गईं|
मगर अभी मेरा नहीं हुआ था, तो मैंने उनको बताया|
वो हांफते हुए बोलीं- एक मिनट रुक जाओ|

मैंने लंड निकाला, तो अगले ही पल वो घोड़ी बन गईं और पीछे से चुदाई करने का इशारा करने लगीं| मैं पीछे से लंड पेल कर चूत चोदने लगा|
ममता आंटी बड़े मजे से मेरा लंड चूत में ले रही थीं| और मादक आवाजें भी निकाल रही थीं- आह आह मार दिया|

फिर कुछ देर बाद ममता आंटी मेरे लंड के ऊपर आ गई| उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत पर सैट किया और धक्के मारने लगीं|

मैं उनके मम्मे मसलता हुआ ज़ोर ज़ोर से दोस्त की सास की चुदाई कर कर रहा था|

आंटी ‘आह हहह||’ करते हुए गांड उछाल रही थीं|

फिर मेरा निकलने को हुआ, तो मैं उनको नीचे लिटा कर जोर जोर से चोदने लगा| पूरा कमरा फच फच फक फच की आवाजों से भर गया|

कोई बीस शॉट लगाने के बाद मैं झड़ गया| हम दोनों हांफने लगे|

कुछ देर बाद हम दोनों चिपक कर फिर से चूमाचाटी करने लगे|

उस रात मैंने उनको 3 बार चोदा और सुबह मैं अपने घर आ गया| अब जब भी उन्हें मेरे लंड की जरूरत होती, तो वो मुझे फ़ोन कर देतीं और मुझसे खूब चुदवातीं|

दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी थी दोस्त की सास की चुदाई की | अगर लिखने में कुछ गलती हुई हो, तो नजरअंदाज कर दीजिएगा|

अब मैं दिल्ली आ गया हूं| उनका रोज फ़ोन आता है, मगर मैं नहीं जा पाता हूं| उन्होंने अपनी एक सहेली को भी मुझसे चुदवाया था| वो सेक्स स्टोरी मैं अगली कहानी में लिखूंगा|

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