दूसरे की पत्नी बनने का सौभाग्य मिला- XXX Story in Hindi
- By : Admin
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मेरी शादी प्रमोद से हो तो चुकी थी लेकिन मैं बहुत ज्यादा उदास हो चुकी थी मुझे समझ नहीं आया कि मुझे क्या करना चाहिए मैं बिल्कुल भी यकीन नहीं कर पाई की क्या उसी प्रमोद से मेरी शादी हुई है जो घंटों मेरा इंतजार कॉलेज के बाहर धूप में किया करता था और जो मेरे लिए इतना ज्यादा तड़पता था।
यह सब इतनी जल्दी कैसे बदल गया मैं इस बात से बहुत चिंतित रहने लगी थी और मेरी आंखों से नींद भी गायब थी मेरी आंखों के नीचे काले घेरों ने अपनी जगह बना ली और मेरी याददाश कमजोर होने लगी। मैं अपनी उम्र से 10 वर्ष बड़ी लगने लगी थी मेरी शादी को हुए सिर्फ एक वर्ष ही हुआ था लेकिन इस एक वर्ष में मेरी जिंदगी पूरी तरीके से बदल चुकी थी।
मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मुझे इसका दोष किसे देना चाहिए क्योंकि प्रमोद के परिवार को मेरा परिवार भली-भांति जानता है और प्रमोद भी तो कॉलेज में मेरे पीछे पीछे आया करता था लेकिन अब वह इतना बदल गया कि उसके लिए जैसे मैं सिर्फ एक अनजान लड़की हूं।
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वह घर में मुझसे ऐसा बर्ताव किया करता जैसे कि हम दोनों एक दूसरे को कभी जानते ही नहीं थे। प्रमोद के अंदर यह बदलाव मैं बिल्कुल भी बर्दाश नहीं कर पा रही थी और मैं बहुत ज्यादा परेशान रहने लगी थी मेरी परेशानी की वजह सिर्फ प्रमोद ही था।
मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मैं प्रमोद को कैसे पहले जैसा बनाऊँ। एक दिन मेरी सहेलियों का मुझे फोन आया तो वह मुझसे कहने लगी तुम तो बहुत खुश नसीब हो तुम्हारी शादी प्रमोद से हो गई है। प्रमोद दिखने में बहुत ही हैंडसम है और उसके पीछे कॉलेज में बहुत लड़कियां खड़ी रहती थी लेकिन प्रमोद ने मुझे ही अपनी शादी के लिए चुना लेकिन मुझे कहां मालूम था कि सब कुछ इतनी जल्दी बदल जाएगा।
मेरे चेहरे को देख कर एक दिन मेरी मां ने कहा बेटा तुम्हें क्या हो गया है तुम तो पहले जैसे बिल्कुल भी नहीं रह गई हो। मैं अपनी मां से भी बहुत कम मिला करती थी और उनसे मैं फोन पर कम ही संपर्क किया करती थी लेकिन जब उन्होंने मुझे देखा तो वह लोग मुझे देखकर कहने लगे बेटा तुम्हें क्या हो गया है क्या कोई परेशानी है।
मेरी मां और मेरे पापा मुझे लेकर बहुत चिंतित हो चुके थे उन्होंने इस बारे में प्रमोद से भी बात की तो प्रमोद कहने लगे कि मैंने तो पुष्पा को कोई कमी नहीं रखी है और उसे घर में किसी भी चीज की कमी नहीं है।
मैंने प्रमोद से कई बार यह सवाल करने की कोशिश की कि आखिरकार वह मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहा है मैंने उसके साथ ऐसा क्या किया जो वह मुझसे बदला ले रहा है। मुझे क्या पता था कि प्रमोद मुझसे वाकई में बदला ले रहा है, जब पहली बार प्रमोद मेरे पीछे पड़ा था तो मैंने उसे हमेशा ही नीचे दिखाने की कोशिश की थी शायद उसी का बदला वह मुझसे ले रहा था।
उसने मेरी जिंदगी पूरी तरीके से नर्क बना दी मैं यह बात किसी को भी नहीं बता सकती थी और मैं अच्छे से अपना जीवन भी नही जी पा रही थी मुझे क्या मालूम था कि प्रमोद के दिल में अब तक मेरी वह बात है जो मैंने उसे कही थी। मैंने प्रमोद को कॉलेज के समय में कह दिया था कि मैं उससे कभी शादी नहीं करूंगी शायद उसके दिल पर यह बात लग गई थी और उसके बाद उसने मुझसे शादी करने के बारे में सोचा।
जब मुझे प्रमोद के बारे में पता चला कि वह तो हमारे कॉलेज की ही किसी दूसरी लड़की को प्यार करता है तो मेरे पैरों तले जैसे जमीन खिसक गई थी। एक दिन प्रमोद के कॉलेज का दोस्त गुड्डू आया हुआ था गुड्डू और प्रमोद के बीच में बहुत अच्छी दोस्ती थी वह दोनों हमेशा से ही एक दूसरे के साथ रहते थे।
जब गुड्डू और प्रमोद आपस में बात कर रहे थे तो मुझे उस वक मालूम पड़ा की प्रमोद ने सिर्फ मुझसे अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए शादी की है। मेरे सारे अरमान चूर चूर हो चुके थे मेरे पास हो उन चार दीवारों में कैद होने के सिवा और कोई रास्ता ना था। जब मैंने यह बात सुनी तो मेरे दिल से प्रमोद का ख्याल पूरी तरीके से निकल चुका था मैंने कभी भी प्रमोद के बारे में ऐसा कुछ नहीं सोचा था लेकिन उसने मेरे साथ बहुत ही गलत किया।
मैं अब अंदर ही अंदर तड़प रही थी और मुझे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि मैंने क्यों प्रमोद से शादी की लेकिन मैंने भी अपनी जिंदगी से समझौता कर लिया था और मैं घर में ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगी थी। हालांकि प्रमोद ने मुझे ट्यूशन पढ़ाने के लिए भी मना किया था लेकिन किसी प्रकार से मैं प्रमोद को मनाने में कामयाब रही और वह मुझे ट्यूशन पढाने देने के लिए राजी हो गए।
प्रमोद मेरे पति थे लेकिन उन्होंने पति का फर्ज कभी नहीं निभाया मैंने यह बात जब अपनी सहेली मीना को बताई तो मीना कहने लगी प्रमोद ने तुम से बदला लेने के लिए शादी की थी। मीना कहने लगी मैंने कभी भी प्रमोद के बारे में ऐसा नहीं सोचा था लेकिन उसने तुम्हारे साथ बहुत गलत किया उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था।
मुझे क्या मालूम था कि प्रमोद मेरे साथ ऐसा करने वाला है मीना मेरी बात सुनकर बहुत दुखी हुई और वह कहने लगी कि तुम मेरे पास कुछ दिनों के लिए आ जाओ। मीना मेरी बचपन की सहेली है इसीलिए तो मीना मुझे कहने लगी कि तुम मेरे पास कुछ दिनों के लिए केरला आ जाओ।
मीना अब केरल में ही रहती है मेरा केरल जा पाना मुश्किल था क्योंकि मुझे उसके लिए घर से इजाजत लेनी पड़ती लेकिन मैंने किसी प्रकार से प्रमोद को मना लिया और मैं केरल जाने के लिए तैयार हो चुकी थी। मेरी टिकट मीना ने करवा दी थी मीना ने मुझे मेरी टिकट भिजवा दी और मैं जब ट्रेन में अकेली बैठी हुई थी तो मेरे दिमाग में काफी सारे ख्यालात आ रहे थे।
मैं यह सोच रही थी कि कैसे मैंने प्रमोद से शादी की और किस प्रकार से प्रमोद ने मेरे साथ गलत किया लेकिन उससे भी बड़ा झटका तो मुझे उस वक्त लगा जब मैंने उन दोनों की बातों को सुन लिया। मैंने गुड्डू और प्रमोद की बातों को सुन लिया था और प्रमोद किसी और ही लड़की से प्यार करता था मेरे सपने सारे चकनाचूर हो चुके थे।
मैं जब शादी कर के प्रमोद के घर पर आई थी तो मेरे कई अरमान थे लेकिन मेरे अरमान चकनाचूर हो चुके थे। मेरे पास कुछ भी नहीं बचा था मेरी जिंदगी पूरी तरीके से दफन हो चुकी थी इसीलिए तो मैं अपनी सहेली मीना के पास जा रही थी। ट्रेन में मेरे आसपास काफी लोग बैठे हुए थे मैंने किसी से भी कुछ बात नहीं की और चुपचाप एक कोने में बैठी रही मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरी जिंदगी अब पूरी तरीके से खत्म हो चुकी है।
मेरे जीवन में कुछ भी नहीं बचा इसलिए मैं किसी से भी कुछ बात नहीं कर रही थी और चुपचाप अपने जीवन में हुई गलतियों के बारे में सोच रही थी। मेरे पास ही एक युवक बैठा हुआ था उसका रंग सांवला सा था लेकिन वह लड़का मुझे बार बार देखे जा रहा था आखिरकार मैंने उसकी तरफ देखना शुरू किया। उसने मुझसे पूछ ही लिया मैडम आप परेशान लग रही हैं? मैंने उसे कहा नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है लेकिन उसने मेरी आंखों को पढ़ लिया था उसकी बातों में बड़ी गहराई थी।
मैंने उससे उसका नाम पूछा तो वह कहने लगा मेरा नाम अक्षत है। अक्षत कहने लगा आपको कहां जाना है तो मैंने उसे बताया मैं केरल अपनी सहेली के पास जा रही हूं। उसने मुझे कहा वह कहां रहती हैं तो मैंने उसे पता बताया तो वह कहने लगा मैं भी वही रहता हूं मुझे भी वही जाना है। अक्षत की बाते मुझ पर जैसे जादू से कर रही थी उससे बात कर के मुझे अच्छा लग रहा था इतने समय बाद किसी से खुलकर बातें हो रही थी।
मैं अक्षत की बातों में पूरी तरीके से खोने लगी थी हम दोनों एक दूसरे से काफी देर तक बातें करते रहे। अब हम दोनों के बीच एक दूसरे के जीवन को लेकर चर्चाएं होने लगी तो मैंने अक्षत को अपने बारे में सब कुछ बता दिया। अक्षत मुझे कहने लगा आपके पति ने आपके साथ बहुत गलत किया उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था लेकिन अक्षत के पास भी कोई जवाब ना था।
अक्षत मुझे कहने लगा यदि आप जैसी लड़की से मेरी शादी होती तो शायद मैं आपका दिल कभी ना दुखाता। उसकी इस बात ने मेरे ऊपर जादू कर दिया था कुछ देर के लिए ही सही मैने अक्षत को अपने पति के रूप में स्वीकार कर लिया था। अक्षत मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखे जा रहा था मैंने भी अक्षत के साथ ट्रेन में ही सब कुछ करने का फैसला कर लिया।
रात को मैंने जब अक्षत को बाथरूम में बुलाया तो वह भी मेरे पीछे-पीछे चला आया। जब मैंने उसके होठों को चूमा तो उसके बाद अक्षत के अंदर से जैसे जवानी बाहर की तरफ को निकलने लगी। उसने मुझे कहा अब मैं आपकी इच्छाओं को पूरी कर के ही रहूंगा आपकी तड़प को मैं बहुत अच्छे से पहचान चुका हूं।
यह कहते ही उसने मेरी चिकनी चूत के अंदर अपनी उंगली को डाल दिया। प्रमोद ने मेरे साथ सिर्फ 8, 10 बार सेक्स किया होगा लेकिन जब अक्षत ने अपने मोटे से लंड को मेरी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया तो उसका लंड मेरी चूत की जड़ तक जा चुका था और मुझे दर्द होने लगा हालांकि दर्द बड़ा मीठा सा था।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से अक्षत मुझे धक्के मारता उससे मैं खुश होती चली गई। अक्षत ने मेरी बड़ी चूतड़ों को पकड़ रखा था और मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। उसने मेरे साथ 10 मिनट तक संभोग का आनंद लिया और 10 मिनट बाद जब अक्षत के वीर्य की पिचकारी मेरे मुंह के अंदर गई तो मैंने उसे कहा आज तो मजा ही आ गया।
अक्षत भी खुश था क्योंकि उसे भी कभी उम्मीद नहीं थी उसको मै ट्रेन मे मिल जाऊंगी। हम दोनों अपनी सीट पर वापस लौट आए और एक दूसरे के चेहरे को देखकर बार बार मुस्कुरा रहे थे। मुझे अक्षत के रूप में कुछ समय के लिए ही सही लेकिन एक पति मिल चुका था जो कि मेरा ध्यान रख रहा था।
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