ऐसे चोदा की बदन हिला दिया- Antarvasna Sex Story

Antarvasna Sex Story

मैं अपने माता पिता के साथ चंडीगढ़ में रहता हूँ मैं एक कम्पनी में जॉब करता हूँ। हम लोग कोलकता के रहने वाले है पहले हम लोग वहीं रहा करते थे लेकिन जब से मेरे पिताजी रिटायर हुए है तब से वह मेरे साथ चंडीगढ़ में रहने लगे है।

मेरी बहन की शादी को तीन वर्ष हो चुके है वह मुंबई में रहती है उसका नाम सिमरन है वह मुझसे सिर्फ दो वर्ष ही छोटी है। मेरी बहन की शादी हो जाने के कुछ समय बाद ही मेरे पिताजी रिटायर हो गए थे उन्होंने अपने रिटायर होने पर एक छोटी सी पार्टी रखी थी जिसमे हमारे कुछ रिस्तेदार और पिताजी के कुछ दोस्त आये हुए थे।

रिटायर होने के कुछ समय बाद ही पिताजी और मां मेरे साथ चंडीगढ़ आ गए थे मुझे चंडीगढ़ में रहते हुए करीब पांच साल हो गए है तब से मैं चंडीगढ़ में ही नौकरी कर रहा हूँ। मैंने ही अपने पिताजी और मां को मेरे साथ आने को कहा था, मेरी बहन की शादी हो जाने के बाद वह घर पर अकेले हो गए थे और उनकी देख भाल के लिए घर मे कोई भी नही था जिस वजह से वह लोग मेरे साथ आ गए।

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पहले वह लोग चंडीगढ़ आने के लिए मना कर रहे थे परन्तु मेरे और मेरी बहन के काफी समझाने के बाद वह लोग हमारी बात माने और वह लोग चंडीगढ़ आ गए। जब पिताजी और मां चंडीगढ़ मेरे साथ रहने आये तो मुझे बहुत अच्छा लगा क्योकि इतने समय से मैं अकेला ही रह था परन्तु उनके आने से मुझे काफी अच्छा महसूस हुआ।

शुरुआत में तो उन लोगो को एडजेस्ट करने में दिक्कत हो रही थी क्योंकि उनके लिए यह सब नया ही था और वह किसी को भी नही जानते थे इसलिए उन्हें थोड़ी बहुत दिक्कत हो रही थी लेकिन धीरे धीरे सब ठीक होने लगा वह भी अगल बगल लोगो को जानने लगे थे पापा के तो कई दोस्त भी बन चुके थे वह शाम के वक्त उन्ही के साथ टहलने जाया करते थे।

मेरी मां की भी अगल बगल जान पहचान होने लगी थी जिस वजह से वह भी काफी खुश नजर आ रही थी। अब उन लोगो को कोई भी दिक्कत नही थी कभी कभार पिताजी और मां साथ मे घूमने निकल जाया करते थे उन्हें भी अब रास्तो की जानकारी होने लगी थी।

एक दिन पिताजी के दोस्त शर्मा अंकल घर पर आए हुए थे वह काफी देर तक घर रुके वह पिताजी से मेरी शादी की बात करने आये थे परन्तु मुझे इस चीज की कोई भी जानकारी नही थी मैं जब शाम को घर लौटा तो मां ने मुझे यह सब बताया। मां मुझे कहने लगी कि शर्मा जी अपनी बेटी के रिश्ते के लिए यहां आए थे और वह कह रहे थे कि संजय हमे बहुत पसन्द है।

मैंने मां से कहा लेकिन मां मैं तो उस लड़की को जानता भी नही हूँ तो फिर मैं कैसे उससे शादी कर लूं मुझे तो उसका नाम तक पता नही है। मां कहने लगी उसका नाम राधिका है और वह बहुत ही अच्छी लड़की है तभी पिताजी आये और वह कहने लगे कि बेटा शर्मा जी हमारी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलना चाहते है तो इसमें बुरा क्या है।

मैने मां और पिताजी से कहा कि मुझे सोचने का थोड़ा समय दो वह कहने लगे ठीक है बेटा तुम आराम से इस बारे में सोचो। यह सब अचानक से हुआ तो मेरी कुछ समझ में नही आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए इसलिए मैंने उनसे थोड़ा समय मांगा ताकि मैं सोच सकूँ की मुझे क्या करना है।

मैं अपने ऑफिस के लिए तैयार होकर नाश्ता कर रहा था तभी पिताजी आये और वह कहने लगे बेटा क्या तुमने इस बारे में कुछ सोचा है तो मैंने उन्हें कहा कि पिताजी अभी तक तो मैने इस बारे में कुछ नही सोचा है लेकिन जल्द ही मैं आपको इस मे बताता हूँ।

मैंने जल्दी से नाश्ता किया और मैं अपने ऑफिस के लिए निकल गया। मैं शादी करने के बिल्कुल भी पक्ष में नहीं था लेकिन जब उन्होंने मुझे राधिका से मिलवाया तो उससे मिलकर जैसे मेरे दिल की धड़कन बढ़ने लगी वह इतनी ज्यादा सुंदर थी की मेरा मन हो रहा था कि उसे मैं तुरंत ही शादी कर लूं।

मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि राधिका इतनी ज्यादा सुंदर होगी वह भी मेरे साथ अपने आपको बडा ही कंफर्टेबल महसूस कर रही थी आप तो जैसे हम दोनों एक दूसरे के लिए पूरी तरीके से पागल होने लगे थे और हम दोनों एक दूसरे से शादी करने के लिए तड़पने लगे थे।

मैं और राधिका हर रोज एक दूसरे से फोन पर बातें किया करते मैं जब भी उससे फोन पर बात करता तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगता और उसे भी बड़ा मजा आता।

जब वह मुझसे फोन पर बातें किया करती एक दिन हम दोनों एक दूसरे से फोन पर बातें कर रहे थे और बातें करते करते कब सो गए पता ही नहीं चला अगले दिन राधिका ने मुझे कहा मैं सो गई थी इसलिए मुझे पता ही नहीं चला मैंने उसे कहा क्या आज हम लोग मिले? वह कहने लगी क्यों नहीं और हम दोनों एक दूसरे को मिले उस दिन मैं अपने ऑफिस से फ्री हुआ फ्री होने के बाद मै राधिका को मिलने के लिए चला गया मैं जब राधिका को मिलने के लिए गया तो मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था हम दोनों कॉफी शॉप में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे।

मैंने उस दिन राधिका का हाथ पकड़ लिया और उसका हाथ पकड़कर मुझे बड़ा ही अच्छा महसूस हो रहा था वह भी बड़ी खुश थी और मुझे कहने लगी कि मुझे तुम्हारे साथ बड़ा अच्छा लग रहा है। मैंने उसे कहा तुम बहुत ही अच्छी हो और बहुत प्यारी भी हो उस दिन राधिका मेरी बातों से बहुत ज्यादा प्रभावित हो गई थी और वह मुझे कहने लगी चलो आज हम लोग कहीं घूमने के लिए चलते हैं।

अब हम दोनों उस दिन लॉन्ग ड्राइव पर साथ में जाना चाहते थे लेकिन उस दिन काफी देर हो गई थी तो मैंने राधिका को मना किया लेकिन राधिका तो जैसे मेरी बात सुनने को तैयार ही नहीं थी और उस दिन हम दोनों लॉन्ग ड्राइव पर निकल पड़े। अब हम दोनों काफी आगे आ गए थे इसलिए बहुत ज्यादा अंधेरा हो गया था तो मैंने राधिका को कहा कि अब घर जाना ठीक नहीं होगा।

वह मुझे कहने लगी हम लोग यहीं कहीं रुक जाते हैं मुझे नहीं पता था कि राधिका के मन में क्या चल रहा है और उस दिन हम दोनों एक होटल में रुक गए। जब हम लोग उस दिन होटल में रुके तो हम दोनों ही एक दूसरे के लिए तडपने लगे थे और हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार थे।

मै अब राधिका के होठों को चूमने लगा और उसके होठों को चूमकर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था मैं उसके होंठों को अपने होंठों मे लेकर चूसता तो वह पूरी तरीके से गर्म हो जाती और मेरी गर्मी को उसने बढ़ा दिया। मैंने उसे कहा आज तुम्हारा मेरे साथ रुकने का मन था तो उसने मुझे कुछ नहीं कहा लेकिन वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो चुकी थी मेरा लंड खड़ा हो चुका था।

मैंने अपने लंड को बाहर निकाला जैसे ही उसने मेरे लंड को देखा तो वह उसे अपने मुंह के अंदर लेने लगी और उसे अच्छा लगने लगा। वह मेरे लंड को चूसती जा रही थी उसने मेरे लंड को चूसा जब तक उसने मेरे लंड से पानी निकाल नहीं दिया। वह पूरी तरीके से तड़पने लगी थी मैं अपने आपको रोक नहीं पा रही थी मैंने उसे कहा क्या मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दूं तो वह कहने लगी हां।

मैंने जब उसके गोरे बदन को देखा तो मेरा मन उसे चोदने का होने लगा मै उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाना चाहता था मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर में लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई और उसकी चूत से खून की पिचकारी बाहर की तरफ निकली। मैंने उसे कहा आज तो मुझे मजा आ गया वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और मुझे कहने लगी आज मैं बहुत ज्यादा खुश हूं आज तुम मेरे अंदर की आग को बढ़ाती जा रहो।

मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था जिस तेज गति से मैं उसे धक्के मार रहा था उससे उसकी चूत से लगातार खून बाहर की तरफ को निकाल रहा था उसकी चूत से निकलता हुआ खून अब इतना अधिक होने लगा था कि वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग अब बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है।

मैंने उसे कहा क्या मैं तुम्हारी चूत के अंदर ही अपने वीर्य को गिरा दूं तो वह कहने लगी हां तुम अपने वीर्य को मेरी चूत मे गिरा दो मैं अब उसकी चूत के अंदर अपने माल को गिर चुका था उसकी इच्छा बुझ नहीं पाई थी और हम दोनो एक दूसरे के साथ दोबारा से संबंध स्थापित करना चाहते थे।

मैंने उसे कहा हम लोगों को दोबारा सेक्स संबंध बनाने चाहिए वह बहुत ज्यादा तड़प रही थी मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया और उसकी चूत से खून बाहर निकल रहा था क्योंकि वह यह भलीभांति जानती थी कि हम दोनों की शादी हो ही जाएगी इसलिए उसे कोई भी आपत्ति नहीं थी।

अब वह मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए दोबारा से तैयार हो चुकी थी मैंने उसकी चूत के अंदर बड़ी तेजी से धक्का दिया जिससे कि उसकी योनि के अंदर मेरा लंड जा चुका था अब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जाते ही वह जोर से चिल्लाने लगी। उसकी अंदर की आग बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी थी जिससे कि वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी अब मैंने उसे कहा कि तुम डॉगीस्टाइल पोजीशन में बन जाओ।

उसने अपनी चूतड़ों को मेरी तरह कर लिया मैंने अब उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाना शुरू किया मेरा लंड उसकी चूत के अंदर जाते ही अब मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और उसे भी बहुत ही ज्यादा अच्छा महसूस होने लगा था

आखिरकार मेरा वीर्य उसकी चूत में गिर गया तो वह बहुत ही ज्यादा खुश हुई और मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत ही मजा आ रहा है। उसके कुछ समय बाद मेरी शादी हो गई शादी हो जाने के बाद में रोज सेक्स का मजा लिया करता हूं।

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