गांड की खुजली मिटाओ ना- XXX Story in Hindi
- By : Admin
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मैं कॉलेज में पढ़ता था और हमारा टूर कॉलेज के दौरान मनाली जाता है मालानी में हमारे साथ हमारे क्लास के लगभग सारे ही बच्चे थे हम लोग बस में बैठे हुए थे। कंचन का मेरे प्रति कुछ अलग ही लगाव था कंचन हमारे क्लास में पढ़ती थी लेकिन मैंने कभी भी उसकी तरफ़ उस नजर से नहीं देखा लेकिन जब कंचन मुझे टूर के दौरान प्रपोज करती है तो मैं कंचन को मना नहीं कर पाता और मैं कंचन के साथ रिलेशन में रहता हूं।
हम दोनों ने मनाली में खूब एंजॉय किया हम दोनों अब बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड थे लेकिन उस वक्त शायद हम दोनों की उम्र कम थी इसलिए हम दोनों को इस चीज का एहसास नहीं हो पाया। हम दोनो एक साथ बहुत खुश थे मैं कंचन के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करता था लेकिन उसी दौरान जब कंचन और मेरे बीच में झगड़े हुए तो हमने उसे सुलझाने की कोशिश की और सब कुछ ठीक हो गया परंतु हम दोनों के बीच दोबारा से झगड़े होने शुरू हो गए।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार ऐसा क्यों हो रहा है शायद हम दोनों की यह ना समझी थी हम दोनों ने जब एक दूसरे को प्रपोज किया था उस वक्त हम दोनों की उम्र कम थी और हम दोनों इस चीज को कभी समझ ही नहीं पाए कि हम दोनों एक दूसरे के लिए बने ही नहीं है।
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कंचन और मेरे बीच में अब सब कुछ ठीक हो चुका था लेकिन मुझे उस वक्त एहसास हो चुका था कि मुझे कंचन से अब अलग हो जाना चाहिए और फिर मैं कंचन से अलग हो गया। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में नहीं थे लेकिन शायद मेरा वह फैसला बहुत अच्छा फैसला था जो कंचन और मेरे बीच में संबंध खत्म हो चुके थे क्योंकि हम दोनों शायद ही एक दूसरे को कभी समझ पाते।
मेरा कॉलेज पूरा हो चुका था और मैं जॉब करने के लिए बेंगलुरु चला गया था मैं बेंगलुरु में अपनी जॉब कर रहा था और उसी दौरान मुझे कंचन का भी फोन आया था। कंचन से मैंने साफ तौर पर कह दिया था कि हम दोनों के बीच अब वह रिलेशन नहीं रह सकते जो कि पहले थे। इससे अच्छा तो यही होगा कि हम दोनों एक दूसरे से अलग हो जाएं तुम अपनी जिंदगी अच्छे से जियो और मैं भी अपने जीवन में आगे के बारे में सोचूं।
कंचन समझ चुकी थी कि मैं उसके साथ अब कोई रिलेशन नहीं रखना चाहता हूं इसलिए कंचन ने भी उस दिन के बाद कभी मुझे फोन नहीं किया और हम दोनों के बीच में उसके बाद कभी कोई बात ही नहीं हुई। धीरे-धीरे समय बीता जा रहा था और करीब 5 वर्ष बाद मेरी भी शादी हो चुकी थी और मैं अपनी शादी से बहुत खुश था क्योंकि मेरी पत्नी मेरा बहुत ध्यान रखा करती थी।
जब मैं अपनी पत्नी से पहली बार मिला था तो उससे मिलकर मुझे लगा कि मुझे उसी से शादी करनी चाहिए हम दोनों के विचार एक जैसे हैं और हम दोनों के खयालात मिलने की वजह से हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं। मेरी पत्नी मेरे साथ बेंगलुरू में ही रहती है और मैंने बेंगलुरु में एक फ्लैट भी ले लिया है काफी मेहनत के बाद मैं अपने लिए एक फ्लैट खरीद पाया।
मेरे जीवन में सब कुछ अच्छे से चल रहा था लेकिन उसी दौरान शायद मेरे साथ एक घटना होने वाली थी जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था और शायद मैं उस वक्त गलत नहीं था लेकिन मुझे भी अंदाजा नही था कि सब कुछ इतना जल्दी हो जाएगा। मैं अपने ऑफिस में था हमारे ऑफिस में एक प्रोजेक्ट आया और उस प्रोजेक्ट में कुछ दिक्कते आने लगी इसी बीच मेरे बॉस ने मुझे काफी कुछ कहा जिससे कि मुझे लगा की मुझे अब इस ऑफिस में काम नहीं करना चाहिए।
मैंने उस ऑफिस से रिजाइन देने के बारे में सोच लिया और मैंने ऑफिस से रिजाइन भी दे दिया मैं कुछ दिनों तक घर पर ही था मेरा मूड भी ठीक नहीं था लेकिन मेरी पत्नी ने मुझे काफी सपोर्ट किया और कहा आप बिल्कुल भी निराश मत होइए सब कुछ ठीक हो जाएगा।
कुछ दिनों बाद सब कुछ सामान्य हो गया और मैंने दूसरी जगह जॉब के लिए अप्लाई किया मेरे पास एक्सपीरियंस था इसलिए मेरी दूसरी जगह जॉब लग गई। मेरी दूसरी जगह जॉब लग चुकी थी और उस ऑफिस में काफी अच्छा माहौल था सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि जिस ऑफिस में मैं काम कर रहा हूं उस ऑफिस के बॉस की पत्नी कंचन होगी।
जब एक दिन कंचन ने मुझे देखा तो मैंने अपनी नजरें झुका ली मैं कंचन से अपनी नजर मिला ही ना सका कंचन ने मुझसे बात नहीं की और जब उसने मुझे ऑफिस में बुलाया तो कंचन वहीं बैठी हुई थी। कंचन ने मेरी तरफ देखा लेकिन उसने मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे वह मुझे पहचानती ही नहीं हो मुझे लगा कि उस वक्त उसने बिल्कुल ठीक किया क्योंकि यदि वह उस वक्त ऐसी कोई बात करती जिससे कि उसके पति को है शक हो।
वह मुझे पहले से ही जानती है तो शायद उनके दिमाग में भी मेरे प्रति कुछ गलत ख्याल आ सकते थे इसलिए कंचन ने मुझे उस वक़्त कुछ भी नहीं कहा, मेरे बॉस ने मुझे कहा आप बहुत ही अच्छे से काम कर रहे हैं और मुझे खुशी है कि आप हमारे ऑफिस में हैं। मेरे बॉस कहने लगे हम लोगों ने कुछ दिनों बाद एक पार्टी रखी है तो आप यदि अपनी पत्नी को भी लेकर आये तो बहुत अच्छा होगा।
मैंने अपने बॉस से कहा जी सर मैं जरूर अपनी पत्नी को भी साथ लाऊंगा उसके बाद मैं ऑफिस से बाहर आ गया। मैं जब घर पहुंचा तो मैं सिर्फ यही सोचता रहा कि कहीं मैंने कुछ गलत तो नहीं किया लेकिन मैं इस दुविधा में था कि मैंने तो कुछ गलत ही नहीं किया है।
ना यह बात मैं अपनी पत्नी को बता सकता था और ना ही किसी और के साथ मैं यह बात शेयर कर सकता था इसलिए मैंने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। कुछ दिनों बाद हमारे ऑफिस में पार्टी थी तो उस दौरान मैं अपनी पत्नी को भी अपने साथ ले गया उस दिन कंचन भी आई हुई थी।
मैंने अपने बॉस को अपनी पत्नी से मिलवाया तो कंचन भी मेरी तरफ देखने लगी और कहने लगी तुम्हारी पत्नी तो बहुत सुंदर है। मैंने कंचन से कहा आप भी तो काफी सुंदर हैं और उसके बाद हम लोगों ने पार्टी का खूब इंजॉय किया। हम लोग घर वापस आ गए लेकिन मेरे दिमाग में सिर्फ यही चलता रहा कि कंचन के साथ कहीं मैंने गलत तो नहीं किया।
मैंने एक दिन कंचन का नंबर ले लिया और उसे फोन किया मैंने जब कंचन को फोन किया तो मैंने उसे कहा कंचन कहीं तुम्हें मेरी वजह से बुरा तो नहीं लगा। कंचन मुझे कहने लगी भला मुझे किस चीज का बुरा लगेगा तुमने ही तो फैसला लिया था कि तुम्हें मुझसे अलग हो जाना चाहिए तो तुम मुझसे अलग हो गए।
मैंने कंचन से कहा देखो कौन सा मुझे मालूम था कि हम दोनों की मुलाकात कभी हो पाएगी यदि मुझे मालूम होता तो शायद मैं कभी ऐसा फैसला लेता ही नहीं। अब हम दोनों अलग हो चुके हैं और मैं नहीं चाहता कि तुम यह बात बॉस से कहो या उन्हें इस बारे में कुछ पता चले कंचन कहने लगी मैं किसी से भी यह बात नहीं करूंगी।
तुमने उस वक्त मेरा दिल दुखाया था मुझे आज तक उस बात का एहसास है लेकिन मैं तुम्हारी तरह नहीं हूं कि मैं तुम्हें कुछ तकलीफ दूं। मैंने कंचन से कहा देखो कंचन मेरी भी शादी हो चुकी है और मैं नहीं चाहता कि मेरे जीवन में भी कुछ ऐसी परेशानी हो।
मैं काफी दिन से परेशान चल रहा था तो मैंने सोचा कि मुझे तुमसे ही बात करनी चाहिए इसीलिए मैंने तुमसे बात की। कंचन मुझे कहने लगी कोई बात नहीं तुम यह सब भूल जाओ और अब अपने काम पर ध्यान दो। मैंने कंचन से पूछा तुम खुश तो हो ना वह मुझे कहने लगी अब तुम्हे उससे क्या लेना देना यदि मैं खुश भी हूं तो और यदि मैं नहीं भी हूं तो।
मैंने कंचन से कहा तुम ऐसा ना कहो वह मुझे कहने लगी ठीक है मैं अभी फोन रखती हूं बाद में तुम्हें फोन करूंगी। एक दिन में ऑफिस में ही था मुझे कंचन का फोन आया और कंचन ने मुझे कहा तुम घर पर आ जाओ ना मैं घर पर उससे मिलने के लिए चला गया।
मैं जब उसके घर पर गया तो उसका घर काफी बड़ा था मैंने कंचन से कहा तुम्हारा घर तो बहुत बड़ा है और तुम जैसा सोचा करती थी बिल्कुल वैसा ही पति तुम्हे मिला। उसे सिर्फ अच्छे पैसे वाला पति मिला था लेकिन वह उसका बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पा रहा थे। जब कंचन ने मुझे बताया कि उसके पति उसके लिए बिल्कुल भी वफादार नहीं है तो मैं यह सुनकर बहुत दंग रह गया। मुझे अपने बॉस के बारे में बिल्कुल नहीं पता था उसने मुझसे कहा कि वह तो मेरी तरफ देखते तक नहीं है।
कंचन ने मुझे गले लगा लिया उसकी तडप मैं समझ चुका था मैंने भी कंचन की तड़प को मिटाने के लिए उसके होठों को चूमना शुरू किया और उसे वही सोफी पर लेटा दिया। मैंने जब उसके स्तनों को चूमना शुरू किया तो मुझे बड़ा मजा आने लगा और उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था।
काफी देर तक मैंने उसके स्तनों का रसपान किया और उसके स्तनों से मैंने खून तक निकाल कर रख दिया मैंने जैसे ही उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसके अंदर एक अलग ही उत्तेजना पैदा होने लगी। मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसा दिया जब मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो वह चिल्ला रही थी और उसे बड़ा मजा आ रहा था मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया और उसकी योनि के मजे मैंने काफी देर तक लिए लेकिन उसकी इच्छा पूरी नहीं हुई थी।
मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और मैंने कंचन की गांड के अंदर घुसा दिया उसकी गांड में मेरा लंड जाते ही उसके मुंह से बड़ी तेज चीख निकलने लगी। वह अपनी चूतडो को मेरी तरफ मिलाती उसकी चूतडो का रंग लाल पड गया। मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था वह मेरा साथ बड़े अच्छे से देती जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ तो उसने मुझे गले लगाया और कहा आज भी मैं तुम्हें बहुत मिस करती हूं। कंचन को मिलने में अक्सर चले जाया करता हूं।
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