मेरी बरसो पुरानी चुदाई की प्यास- Antarvasna
- By : Admin
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मेरा नाम आदित्य है और में उत्तर प्रदेश के बरेली डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला हु। यह मेरी खुद कि सची कहानी है। यहाँ पर मैंने बहुत सी कहानिया पढ़ी है, कुछ लोग कहते है कि मुझे यह कहानी फेक लगी और वो फेक लगी।
लिखने वाले जाने मुझे तो यह सब रियल लगती है क्यूंकि लडकिया बहुत चुद रही है और लड़के उन्हें चोद रहे है पर मुझे अपनी पहली चुदाई करने में बहुत ही टाइम लग गया।
मुझे अपना पहला सेक्स २४ कि उम्र में मिला जो आज कल के लड़के लडकिया १६- १७ में ही कर लेते है और मुझे अपनी पहली चुदाई २४ कि उम्र में मिली थी। में उम्मीद करता हूँ मेरी कहानी आप सब को पसंद आएगी।
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कहानी पर आने से पहले में आप को अपने बचपन के बारे में बता दू क्यूंकि स्टोरी तो अपने बहुत पढ़ी होगी।
मुझे बचपन से ही चुदाई कि बहुत जादा इच्छा थी और इसका एक रीज़न था जब में छोटा था तब मेरे फुफेरे भाई मेरइ लुल्ली हिलाते थे। हा उस टाइम वो लुल्ली ही थी जो आज लंड है ७।५ इंच लुम्बा और २ इंच मोटा। और हां में बचपन में बहुत सुंदर था वो मेरे होठो पर किस करते थे तब में कुछ नहीं जनता था क्यूंकि में सिर्फ ८ साल का था।
९ साल पर ही वो मेरे लंड कि खाल को ऊपर नीचे करते थे और करते करते थोड़ी देर बाद बहुत अच्छा लगता था, जैसे आज पानी निकलते समय होता है। तब मेरा पानी नहीं निकलता था पर लंड कि खाल वो ऊपर नीचे करते थे।
ऐसे ही टाइम बीत गया और में १३ का हुआ तब एक दिन मैंने उन्हें झाड दिया कि यह तुम क्या करते हो। तब उन्होंने करना बंद कर दिया पर कुछ दिनों बाद मुझे खुद से मन होने लगा और एक दिन मैंने मुठ मारी खुद से उस दिन पहली बार मैंने अपना पानी निकला। मुझे बहुत अजीब लगा, सोचा ये क्या है? अब कभी नहीं करूँगा कच्झा गन्दा हो गया।
पर धीरे धीरे आदत हो गयी और मैंने मुठ मरना स्टार्ट कर दिया, २००९ से मैंने सेक्स स्टोरी पढना स्टार्ट कर दिया और रोज़ मुठ मरता था, १४ साल के बाद १८ साल तक लगभग मैंने रोज़ ही मुठ मारी, में बहुत शर्मीले था कभी किसी लकी को प्रपोस नही किया क्यूंकि में सोचता था कि जिससे शादी करूँगा उसी कि चुदाई करूँगा।
१८ साल कि उम्र में मुझे प्यार हो गया पर उस प्यार का कोई फायदा नही हुआ उस लड़की को २ साल देखा बहुत हिम्मत कर के उससे कहा पर उसने कहा। पर उसने मना कर दिया, जैसे कभी चुदेगी ही नहीं। वो मेरा सच्चा प्यार था। इसके बाद ३ -४ साल मैं रोता ही रहा, अकेला दुखी रहा।
खैर इस कहानी का कोई मतलब नहीं है अब। मैं अपनी असली कहानी पर आता हु चुदाई की।
२०१५ आने पर मुझे एक लड़की मिली फेसबुक पर। नाम था सौम्या। वो लखनऊ में रहती थी। मेरी उस से बात हुई। वैसे तो लखनऊ की रहने वाली नहीं थी। बल्कि वहां से बीटेक कर रही थी। रहने वाली तो वो कहीं और की थी।
उस ने मुझे बताया, कि वो काफी बार चुद चुकी है। हमने पहले प्लान बनाया, कि सन्डे को चुदाई का, लखनऊ में मिलने का वो मान गयी। पर फिर वो ड्रामा करने लगी, कि मैं नहीं आउंगी, ये और वो।
खैर अचानक से मैं २४ अप्रैल २०१५ का अपने दोस्त के साथ लखनऊ के लिए निकल गए और रास्ते में, मैंने उसको कॉल किया। मैंने उसको पूछा, तो उसने कहा, कि देखेंगे और फिर २५ की सुबह को हम बरेली से लखनऊ पहुच गए।
२५ को उस से बात हुई और उस ने कहा, कि वो २६ को आएगी। पर वो नहीं आई। २६ को और मनाया, कि आओ जाओ और फाइनली उसने कहा, कि व्वो मूवी देखने के बाद आएगी। मूवी देखने के बाद हम पोलिटेक्निक में मिले लखनऊ में।
मैंने उसे बताया, कि मैं ब्लैक पेंट और वाइट – रेड टीशर्ट में हु। तो वो मेरे पास आई और मुझे देख कर बहुत खुश हुई। क्योंकि पहले वो लड़के से चुदी थी, वो मुझसे बेकार था। मैं उसे बहुत अच्छा और हैण्डसम लगा।
फिर उसने कहा, कि वो नहीं आ रही थी और आई तो मुझे देखते ही, अपने हॉस्टल कॉल किया और फ्रेंड से बोली – आज रात मैं नहीं आउंगी। इसके बाद हम लोग ऑटो में बैठ गए और लोहिया पार्क चले गए। वहां हम बैठे रहे काफी देर और मैंने उससे पूछा, कि क्या हुआ? क्यों नहीं आ रही थी?
तो उसने बताया, कि उसने सावधान इंडिया देख लिया था।
मैंने कहा, कि वो बात ठीक है। पर मैं वैसा नहीं हु और मैंने अभी तक तुम्हे टच भी नहीं किया है। तुम चाहो, तो तुम जा सकती हो।
वो बोली – ऐसे कैसे चली जाऊ। अब मैं तुम्हे नहीं छोडूंगी।
इसके बाद हम लोग गोमती नगर रूम में चले गए। वो रूम मेरे दोस्त का था। रूम में जाकर हम लोग बैठ गए। मैंने अपने दोस्त से कुछ खाने को मंगवाया और कंडोम भी। वो लेने चले गया और इस बीच हम बातें कर रहे थे और उसके बाद मेरा दोस्त बर्गर, पेटीज और कोल्ड ड्रिंक ले आया और हम सब लोगो ने वो खाया।
खाने के बाद दोस्त चला गया और हम दोनों रूम में ही रह गए। वो लड़की बहुत ज्यादा जोश में थी और मैं नार्मल रहा। वो मुझ से चिपकने लगी और मेरे ऊपर चड़ने लगी।
मैं प्यार का मारा हुआ था। सो फीलिंग नहीं आ रही थी। तो मैंने उस से कहा, कि रुक जाओ। जरा आराम से करेंगे।
मैंने क्या – क्या सोचा था, कि जब मैं पहला सेक्स करूँगा। तो पहले किस करूँगा। फिर दूध ऊपर से दबाऊंगा, फिर ऊपर से चुसुंगा और फिर कपडे उतारूंगा। फिर ब्रा के ऊपर से चुसुंगा और फिर ब्रा खोल कर उसके दूध को खूब मसलुंगा। पर मेरा किस करने तक का मन नहीं हुआ।
वो लड़की अपने आप में गिल्टी फील करने लगी और कहने लगी – नहीं हो रहा मन, तो छोड़ो आओ बैठो। फिर मैंने सोचा, कि इस बेचारी की क्या गलती है। इसको क्यों ऐसा फील करवाऊ। मैं गिल्ट फील कर रहा था। मैंने उसको कहा – चलो करते है। वो बेचारी एकदम से खुद ही नंगी हो गयी।
मैं उसके सामने था। उसने अपना टॉप उतारा और फिर पेंट और खुद ही ब्रा भी उतार दी। उसने अपनी पेंटी भी खुद ही उतार दी। लड़का ही हु मैं। आखिर ये सब देख कर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया। मैंने सोचा, कि वो बेचारी तो चुदने के लिए खुद ही तैयार है और एक मैं हु, जो उसकी चुदाई कर ही नहीं रहा हु।
अब मैंने उसके दूध देखे। १५ साल से जो चीज़ देखना चाह रहा था, वो आज मेरे सामने थी। मेरी प्यास तो आज बुझने वाली ही थी। तो मैंने लड़की को बाथरूम में बुलाया और उसके सामने खड़ा हो गया। उसने कंडोम मेरे लंड पर चढ़ाया और मैंने उसे बाथरूम में ही लिटा लिया जमीन पर और उसके दूध चूसने लगा।
एक दूध मुह में, दूसरा हाथ में। उसकी आँखे बंद हो गयी और अब मैंने अपना लंड लिया और उसकी टाँगे खोली और चूत का छेद ढूंढने लगा।
मुझे चूत का छेद नहीं मिल रहा था। मैंने कहा, इसको कहाँ पर डालना है। फिर उसने अपने हाथ से अपने छेद पर मेरा लंड सेट किया और मैंने उसके अन्दर घुसा दिया और मैं अन्दर – बाहर करने लगा। वो आह्ह अहहाह अहहाह कर रही थी।
मैं ये सब पहली बार कर रहा था। इसलिए मेरा जल्दी पानी छुट गया और मैं ढीला पैड गया। मुझे बहुत गिल्टी फील होने लगी थी, कि इसका हुआ भी नहीं और मैं झड गया हु। उससे कहा, यार पहली बार था। फीलिंग भी नहीं थी। तुम्हारा हुआ क्या? उसका चहेरा उतारा हुआ था।
फिर हम वहीँ बाथरूम में बैठे रहे बहुत देर तक। फिर हम नहाये। मेरा दिमाग ख़राब था। फिर मैंने उसको कहा, उठो अब।
वो बोली – क्या? तो मैंने कहा – कुछ नहीं और उसे अपनी गोद में उठाया और बाहर पड़े गद्दे पर ले गया। उसके बॉडी पर मैंने कोल्डड्रिंक डाल दी और उसके दूध को चुसना शुरू कर दिया।
फिर साथ – साथ मैं उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था। इस बार मैंने अपने मंद से सब कुछ निकाल दिया था और बस उसकी चूत को ही देख रहा था।
मेरा ८ इंच का लंड कड़क हो चूका था। एक ही झटके में पूरा अन्दर घुसा दिया मैंने। उसके आँखे बंद हो गयी थी। वो अपनी गांड उठाने लगी और फिर मैंने लंड को अन्दर – बाहर किया। वो बोली – तेज करो। मैंने स्पीड बढ़ा दी और उसकी चूत से बहुत पानी निकल चूका था। पुरे रूम में फच – फच की आवाज़ आज रही थी।
चोदते – चोदते मैं एक दम से रुक गया और अब वो चीखने लगी। वो बोल रही थी – जल्दी करो। जल्दी करो। मैं रुका और अपने पुरे लंड को बाहर निकाल कर तेजी से पूरा का पूरा अन्दर घुसा दिया।
वो अहः अहहाह अहः अहः करने लगी और बोली – मुझे आज तक ऐसी चुदाई नहीं मिली। मुझे इस चुदाई में आज तक का सबसे ज्यादा मजा मिला है। हाहा अहः अहः अहहाह अहहाह अहहाह।
मैं लगातार चोदता रहा और उसकी चूत से इतना पानी बाहर आ गया था, कि लंड खुद ही सरक रहा था। वो ३ बार झड़ चुकी थी। पर मेरा अब पानी नहीं निकला। क्योंकि मैंने कण्ट्रोल किया हुआ था। लंड अन्दर बाहर करता रहा लगातार।
फिर वो जब एक बार और झड गयी। तो बोलने लगी – प्लीज जल्दी करो। मेरी चूत और नहीं सह सकती है। पूरी तरह से फट चुकी है। उसके ये कहने के बाद, मैं रुक गया। फिर हम साथ में नहाये और कपडे पहन लिए। फिर मैंने अपने दोस्त को बुला लिया और हम डिनर करने चले गए हजरतगंज।
तो दोस्तों, कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी। अपने कमेंट जरुर दीजियेगा।
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