नहलाकर रंडी चोदी- Call Girl Chudai
सभी पाठकों को मेरी तरफ से नमस्कार। मै राघव आज आपके सामने अपनी एक काल्पनिक कहानी रखने जा रहा हूँ। इस कहानी में पढिए, किस तरह से मुझे मेरे दोस्तों ने मेरे जन्मदिन पर तोहफा दिया। और इस तोहफे के साथ ही चुदाई का पूरा पैकेज भी था।
कहानी पर आने से पहले मै आपको अपने बारे में बता देता हूं। मेरा नाम राघव जोशी है, मै पुणे का रहने वाला हूं।
अमित कोलकाता का रहने वाला है और उसके घर मे उसके माता – पिता और वह ऐसे सिर्फ तीन ही लोग रहते है। अमित ने एक अच्छे कॉलेज से अपनी एम. बी. ए. की डिग्री पास करा रखी है।
और अभी एक बिजनेस शुरू करने की सोच रहा था। अमित के पापा सरकारी आफिस में एक अच्छे और ऊंचे पोस्ट पर अधिकारी है।
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अमित की मां एक स्कूल में टीचर है। अमित का कोई भाई बहन ना होने से उसके माता – पिता ने बचपन से अमित ने जो बोला वो उसे लाकर दिया था। इस कारण अमित थोड़ा जिद्दी बन गया था।
अमित के घर मे एक कामवाली काम करने के लिए आती थी, जिसका नाम अनीमिखा था। लेकिन सभी उसे प्यार से अनु ही बुलाते थे।
अनु रोज सुबह आठ बजे अमित के घर आती थी और फिर ११-१२ बजे तक सारा काम करके निकल जाती थी। उसके बाद वो शाम को एक बार आकर रात का खाना बना देती थी।
उसकी उम्र कुछ २७ के आसपास होगी। उसका रंग भी गोरा था, फिगर तो एकदम मस्त जैसे देखके ही लंड पैंट में सलामी देने लगे।
अमित भी एक 26 साल का बांका जवान था। अमित रोज कसरत करता था, जिससे अमित का शरीर भी तगडा बन गया था।
अमित शुरू से ही कामवाली नौकरानी पर अपनी नजरें रखता था। और अनु को भी ये बात अच्छे से पता थी, लेकिन वो भी क्या करती, सो चुप ही रहती।
जब से अमित एम बी ए के बाद घर मे रहने लगा था, तब से अनु के साथ उसकी हरकते बढती जा रही थी। जब भी अनु झुककर झाडू लगा रही होती, अमित ठीक उसके सामने जाकर उसके पहाड जैसे चूचियों को ब्लाउज के अंदर तक नजरे डालकर ताड लेता।
कभी कभी तो वो खुद ही जमीन पर कुछ गिरा देता, और अनु को बुलाकर उसे साफ करने के लिए कहता।
काफी दिन यही सिलसिला चलने के बाद अब अमित की हिम्मत बढने लगी थी, अमित अब धीरे धीरे उसे छूने लगा था। अनु उससे कुछ कह भी नही सकती थी, उसे अपनी नौकरी जाने का डर था।
अनु के इस प्रकार शांत रहने से अमित की हिम्मत बढती जा रही थी, अब वो अनु को आते – जाते बस छूने के बहाने ढूंढता।
वो अनु को कभी कमर में हाथ डाल देता या कभी चुतड़ों को सहला देता और कभी कभी तो उसकी हिम्मत यहां तक जाती की वो उन्हें मसल भी देता था।
अनु का चुप रहना ही अब उसकी ताकत बनता जा रहा था। और अब अमित बस मौका तलाशता रहता उसे छूने के लिए।
वैसे भी दिनभर घर मे अमित के अलावा कोई नही होता था तो अमित भी उसका पूरा फायदा उठा लेता।
एक दिन अनु किचन में खाना बना रही थी, तो अमित ने पीछे से जाकर कुछ सामान लेने के बहाने उसकी गांड की दरार में अपना लंड रगड दिया।
अचानक इस तरह से अमित के आ जाने से अनु भी घबराकर हटने को हुई लेकिन वो कुछ नही कर पाई। उस दिन से अमित अब खुलम खुला अनु के सामने अपना लंड हिलाता या कभी उसके दूध मसल देता।
अनु अमित के डर से अब काम पे जाने के लिए सलवार कमीज पहनकर आती थी, जिससे उसके शरीर का कोई हिस्सा अमित ना छू सके।
लेकिन उसको क्या पता था, अमित के दिमाग मे क्या चल रहा है। एक दिन अनु हॉल में झाडू लगा रही थी तो अमित ने उससे कहा, “यहां का होने के बाद मेरा कमरा भी साफ कर देना।”
अनु ने बस हां में सर हिलाया और अपने काम मे लग गई। हॉल की सफाई होने के बाद वो अमित के कमरे मे जाने लगी।
जैसे ही उसने अमित के कमरे का दरवाजा खोला, अमित नंगा खडा होकर अपने लैपटॉप में पॉर्न देखते हुए अपना लौडा हिला रहा था।
ये देखकर अनु के पैर एकदम से रुक गए। लेकिन अमित तो इसी पल का इंतजार कर रहा था। वो जल्दी से अनु के पास जाकर उसे कमरे में खींच लिया। और कमरे की सफाई करने के लिए कहा।
वो बस कभी अमित के लंड को तो कभी लैपटॉप मे लगे पॉर्न मूवी को देखे जा रही थी।
अमित ने भांप लिया कि, यही सही मौका है। उसने आगे बढकर अनु को उठाया और अपने बिस्तर पर पटक दिया। अनु को भी कुछ समझ नही आ रहा था, तो उसने ना ही अमित को कुछ कहा और ना ही उसे रोकने की कोशिश की।
अमित ने आगे होकर अब अच्छे से उसके चूचों को सहलाना जारी रखा। जिस वजह से अनु भी अब गर्म होने लगी थी।
अब अमित ने देर न करते हुए, अनु का सलवार और कमीज उतार दिया। अब अनु सिर्फ ब्रा और पैंटी में अमित के सामने थी।
अमित ने अब सीधा अनु की चुत पर हमला बोल दिया। उसने अनु की पैंटी को थोडा सा साइड करके उसकी चुत की फांको को चाटते हुए अपने मुंह मे लेकर चुसने लगा। थोडी देर बाद उसने अपनी उंगली को भी उसकी चुत में घुसा दिया।
थोडी ही देर बाद अमित ने उठकर उसकी पैंटी को निकालकर फेक दिया और उसे अपना लंड चूसने के लिए दिया। अब अनु भी मजे लेकर यह सब कर रही थी।
जैसे ही अमित ने उसे लंड चूसने को कहा, अनु ने भी बिना कोई झिझक दिखाए उसके लंड को अपने मुंह मे भर लिया। अनु अब एक लॉलीपाप की तरह अमित का लंड चाट रही थी चूस रही थी।
अमित का लन्ड अनु के गले तक जाकर आता था तो उसकी तो जैसे सांस ही अटक जाती थी।
अनु की लंड चुसाई के बाद अमित का लंड तो एकदम टनटना उठा।
तो अमित ने अनु को घोडी बनाकर पहले पीछे से उसके चुतड़ों पे दो चांटे लगाते हुए बोला, “साली कमीनी तेरी याद में न जाने कितनी रातें ये मेरा लंड तडपा है, आज जाकर इसे तेरी चुत नसीब हुई है।”
अब तक अनु भी काफी खुल चुकी थी, तो वो बोली, “अमित भैया अगर आप पहले भी मुझे पकडकर चोद देते मै खुशी खुशी आपसे चुदवाती।”
अनु का इतना कहना था कि, अमित ने पीछे से उसकी चुत पे अपने लंड से निशाना साधकर एक जोर का झटका लगा दिया।
इस पहले ही झटके में अमित का मूसल जैसा लंड आधे से ज्यादा अनु की चुत के अंदर तक चला गया। और अनु के मुंह से एक सिसकारी निकल गई।
अब अमित भी कहाँ रुकने वाला था, वो भी बिना रुके धक्के मारे जा रहा था। अभी तक अमित ने अनु की ब्रा नही निकाली थी। अमित ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध मसल रहा था।
अनु ने उससे कहा, “इनको दबाने का इतना ही शौक है, तो पहले इन्हें आजाद करो और फिर इनके साथ जो करना है वो करो।”
अनु के मुंह से ये बात सुनते ही अमित ने उसकी ब्रा निकालनी चाही, पर अमित से उसका हुक नही खुल रहा था। अमित पर तो जोश और हवस सवार थी, उसने अनु की ब्रा को फाडकर निकाल दिया।
अब अनु के आम जैसे चुचियां बिल्कुल आजाद थी। और उन्हें कैद करने के लिए अमित के हाथ तैयार थे।
अमित अब उसकी चुत में अपना लौडा घुसाए धक्के पे धक्के मारे जा रहा था। जिस वजह से अनु की चुचियां उसके हर धक्के के साथ हिल रही थी।
अब अमित ने उसके एक उरोज को अपने हाथ मे थामकर मसलने लगा। अमित अनु को पिछले दस मिनट से धकमपेल चुदाई करते हुए पेल रहा था।
अनु अब तक तीन बार झड चुकी थी और अब वो उससे कहने लगी, “अब बस भी करो, चुत में जलन हो रही है।”
लेकिन अमित ने उसकी बात को अनसुना कर दिया और उसने अपने धक्कों की गति तेज कर दी। अब वो झडने के करीब था।
तो उसने अनु को सीधा लिटा दिया और उसके दूधों को सहलाते हुए अपने लंड को उसके मुंह मे डाल दिया। थोडी देर लंड चुसवाने के बाद अमित अनु के मुंह मे ही झड गया।
सारा वीर्य अनु को पीना पडा, तब जाकर अमित ने उसके मुंह से अपना लौडा उसे निकालने दिया।
अब तो ये रोज का खेल हो चुका था। अनु सुबह आती और जल्दी पूरा काम खत्म करके चुदाई करवाती और अपने घर चली जाती।
आपको यह कहानी कैसी लगी कमेंट करके बताइए।
धन्यवाद।
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