विनीता की हवस चुदाई से पूरी की- XXX Story

मौसी की चूत का पानी पिया– 1 | Mausi Ki Chudai
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XXX Story : मैं और विनीता एक ही कोचिंग में पढ़ते थे और मैं उसकी सुन्दरता से काफी प्रभावित था एक तो वो दिखती ही मॉडल जैसी थी और दुसरे ये कि मैं खुद दिखने में किसी एलियन का बच्चा नज़र आता था।

मेरे मन में विनीता के लिए बहुत भावनाएँ थीं लेकिन वो तो रोहित नाम के एक लडके की दीवानी थी जो उसे कोचिंग पर छोड़ने लेने आता था। एक दिन मैंने देखा विनीता पैदल पैदा जा रही थी तो मैंने बाइक रोक कर पूछा “क्या हुआ आज तुम पैदल जा रही हो”।

उसने जैसे ही जवाब देने के लिए मुंह उपर किया मेरी नज़र गयी उन खूबसूरत आँखों पर जो आंसुओं से भरी थीं और मानो रो रो कर लाल हो रखी थीं।

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मैंने विनीता को कहा “बाइक पर बैठो” वो बैठ गयी और मैं उसे ले कर कोचिंग के पास वाले कॉफ़ी शॉप में ले गया जहाँ हमने कॉफ़ी पी और उसने बताया कि रोहित उस से दगा कर रहा था और किसी और लड़की के साथ उसने उसे उसी के फ्लैट में नंगा पकड़ लिया था।

मैंने विनीता को संबल दिया और समझाया फिर उसे उसके हॉस्टल छोड़ कर वहां से निकलने लगा तो विनीता बोली “कल आओगे लेने”” मैंने मन ही मन खुश हो कर हाँ में सर हिला दिया, अब तो रोज़ विनीता मेरे ही साथ कोचिंग पर जाती थी और हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए। विनीता जब मुझे बाइक पर पीछे से पकडती थी तो मेरी हालत टाइट हो जाती थी।

एक दिन जब सामने से एक गाय आ गयी और विनीता ने मुझे पीछे से पाकड़ लियातो उसके मेरे जिस्म से चिपकने से उसके परफ्यूम की खुशबु मेरे शर्ट पर रह गयी जिसे सूंघ सूंघ कर मैं आए दिन मुठ मारने लगा।

एक दिन हम कोचिंग पहुंचे तो पता चला कोचिंग ओनर की बीवी एक्सपायर हो गयी है और कोचिंग क्लास हफ्ते भर नहीं होगी, हम दोनों वापस जाने लगे तो विनीता ने कहा “कहीं और चलें” मैंने पूछा कहाँ तो बोली अपने घर ले चलो।

मैं हैरान हुआ लेकिन उसने दो बार कहा तो मैं उसे अपने रूम पर ले गया, इश्वर की कृपा थी की मेरा रूममेट भुवन उस दिन वहां नहीं था।

विनीता जैसे ही मेरे रूम में घुसी मैंने तुरंत सामान ठिकाने रखना शुरू किया तो वो हंस कर बोली “रहने दो ऐसा ही होता है बेचलर्स का कमरा” मैं चुप चाप उसके पास बैठ गया, विनीता ने पास पड़ा कागज़ उठा आकर पढना शुरू किया जिस पर मैंने उसके लिए एक कविता लिखी थी लेकिन कभी दे नहीं पाया।

तो उसे आश्चर्य हुआ कि मैंने कभी उसे बताया क्यूँ नहीं। मैं चुपचाप बैठा रहा तो वो सुबक उठी कि कहाँ रोहित जैसा हरामी जिस ने उसका कौमार्य भंग किया और फिर कोई और पटा ली और कहाँ मैं जो अपने दिल की बात भी नहीं कह पाया।

विनीता ने मुझे रोते रोते हग कर लिया और मैं भी उसके जिस्म से चिपक गया, हम दोनों रो रहे थे और हमारी साँसें भी काफी तेज़ चल रही थी ये सुबकने से था या कोई और बात थी मैं कह नहीं सकता पर जो भी था ।

बहुत खोबसूरत था क्यूंकि कोचिंग की सबसे सुंदर लड़की मेरे आगोश में थी। विनीता ने मेरे चेरे को अपने हाथों में लिया और बड़े ही प्यार से मेरे होठों को चूमने लगी उसके होंठ इतने कोमल थे की बस पूछो ही मत उसके चूमने से मेरे अन्दर भी चूमने की इच्छा हुई।

तो मैंने भी कोशिश की लेकिन कुछ था जो मुझसे हो नहीं पा रहा था तो विनीता ने मुझे सिखाया की किस तरह चूमते हैं, उसकी सिखाए अनुसार जब मैंने उसके होठों को चूमना शुरू किया तो मैं सातवें आसमान पर था और मुझे उसके जिस्म की खुशबु बावला किए जा रही थी।

विनीता ने पता नहीं किस जोश में आया कर मेरी शर्ट फाड़ दी और फिर मेरी बनियान भी फाड़ कर मेरे चेस्ट को चूमने और चाटने लगी, मुझे मज़ा तो आरहा था लेकिन मैं सोच रहा था ये इतनी भूखी कैसे है सेक्स की।

विनीता ने मेरी पूरे जिस्म पर आगे पीछे हर जगह चुम्बनों की बौछार शुरू कर दी और उसकी इस हरकत से मेरे लंड नए खुश हो कर सलामी दे दी जिसका पता विनीता को मेरी ट्राउज़र के उभार से महसूस हो गया था, उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कराहट फैल गयी।

उसने मेरे लंड को क़ैद से आज़ाद कर लिया और मेरा नौ इंच बड़ा मौर मोटा लंड फुँफकार कर बाहर नाचने लगा, ये देख कर विनीता ने पागलों की तरह मेरे लंड को चूमा और मेरे अंडों को ऐसे सहलाया की मेरे पूरे शरीर में एक झनझनाहट दौड़ गयी।

विनीता मेरे लंड पर टूट पड़ी और उसने मेरे झांटों की परवाह किये बिना ही मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया और चूसने का कमाल दिखाना शुरू कर दिया, ये मेरे साथ पहली बार हुआ था क्यूंकि अब तक तो मैंने हाथ से ही काम चलाया था और आज मेरा लंड एक कमाल खूबसूरत लड़की के मुंह में था।

विनीता नए मेरा लंड चूसते चूसते अपना टॉप उतार लिया और उसके तने हुए चुचे मेरी भूख को और बढ़ा रहे थे, मैंने उसके चूचों को ऐसे मसला की विनीता के सेक्स का राक्षस और जाग गया और उसने मुझे पलंग पर धकेल कर मुझे दीवार के सहारे अधलेटा कर दिया और अपनी लेग्गिंग्स उतार कर मेरे लंड पर सवार हो गयी।

विनीता ऐसे उछल उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में दाल कर कूद रही थी जैसे उसे आज अपनी चूत में लगी आज मेरे लंड से ही बुझानी थी।

विनीता के चुचे मेरे चेहरे के सामने झूल रहे थे और मैं उन्हें लगातार चूम और चूस रहा था, विनीता नए बिलकुल किसी पोर्न स्टार की तरह मेरे लंड को ग्राइंड करना शुरू किया तो मेरे लंड की सांसें रुक गयी और मैं पल भर में ही उसकी चूत में झड़ गया लेकिन वो मेरे उपर से नहीं उठी।

मेरा लंड अब भी विनीता की चूत में ही फँसा पड़ा था और उसने कोशिश कर के उसे दुबारा खड़ा कर लिया था, विनीता मेरे लंड को अपनी चूत से बाहर निकालना ही नहीं चाहती थी वो बस हॉर्नी सी सिस्कारियां भरते हुए मेरे लंड का रस और निकालने में जुटी हुई थी।

मेरा लंड किसी धीट बच्चे की तरह वापस खड़ा हो गया था और विनीता उस पर कूदे जा रही थी, एक बड़ी ज़ोर की चीख के बाद विनीता झड़ गयी लेकिन अब मेरा लंड दुबारा खड़ा हो गया था और विनीता भी एक बार फिर चुदने को तैयार खड़ी थी।

उसने खिड़की का पर्दा गिराया और खिड़की की रिम पर अपने हथ टिका दिए और मुझे पीछे से आने को कहा, मैंने सोचा कितनी हॉर्नी है ये लेकिन लाइफ में पहली बार चूत का स्वाद मिलने की वजह से मेरे लंड ने मेरी सोच को ब्लाक कर दिया।

मैंने विनीता के पीछे से जा कर उसकी चूत में लंड घुसाया तो उसने एक हलकी सी सिसकारी भरी और फिर से मेरे धक्के लेने को तैयार हो गयी, मैंने उसे चोदते समय लगातार उसके नन्हे नन्हे चुचे मसल रहा था और वो चिल्लाये जा रही थी “चोदो मुझे आज ऐसे चोदो की मेरी प्यास बुझ जाए”।

हम दोनों बीस मिनट तक उसी पोजीशन में सेक्स करते थक गए तो वो बेड पर लेट गयी और हमने मिशनरी पोजीशन में चुदाई शुरू आकर दी, मेरे लंड का साइज़ उसकी मोटाई और मेरे धक्कों की इतनी इन्तेसिटी के बावजूद वो बस सिस्कारियां ही भर रही थी।

आखिर हम दोनों झड़ गए और एक दुसरे के उपर ही सो गए, थोड़ी देर बाद जब मेरी नींद खुली तो मेरा लंड फिर से खड़ा था और विनीता मेरे लंड को अपने कोमल हाथों से सहला रही थी और मेरे अण्डों को चाट रही थी बस दो ही मिनट में वो फिर मेरे लंड को चूसने लगी और चुदाई का एक और सेशन शुरूहो गया।

उस दिन शाम तक मैंने विनीता की पांच बार चुदाई करी और उसने तीन बार मेरा लंड चूसा और मेरा वीर्य पिया, मैंने उसे हॉस्टल छोड़ा तो सही लेकिन अगले दिन उसने मुझे कोचिंग के टाइम से पहले ही फ़ोन कर दिया ।

मैंने पूछा “क्या हुआ कोचिंग में तो टाइम है अभी” तो बोली “मुझे मालूम है, दरवाज़ा खोलो” मैंने दरवाज़ा खोला तो वो मुझ पर लटक गयी और फिर से दो बार चुदी। एक दिन मुझे रोहित मिला और मैंने उनके ब्रेक अप का कारण पूछा तो रोहित नए कहा “यार बड़ी ही स्लट किस्म की है उसकी चूत की हवस खत्म ही नहीं होती सो मैंने छोड़ दिया”।

मैं परेशान था क्यूंकि विनीता अक्सर सिर्फ सेक्स ही सोचती थी एक दफे तो उसने मेरे लंड पर माज़ा गिरा गिरा कर चाटा और उसे पिया भी, मेरा गेट में सिलेक्शन हुआ और फाइनली मेरा विनीता से पीछा छूटा।

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