बहन की चुदाई का सपना हुआ साकार- Bhai Behen ki Chudai
- By : Admin
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अन्तर्वासना पर मैंने भाई बहन की चुदाई की कहानियां बहुत मजा लेकर पढ़ी| पर मुझे नहीं पता था कि एक दिन मेरे साथ भी ऐसी ही कोई घटना घटित होने वाली है|
मेरा नाम निधान है और मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूं| मुझे रिश्तों में चुदाई की कहानियां बहुत पसंद है| मगर मैं ये नहीं जानता था कि एक दिन मेरे साथ भी ऐसा ही हो जायेगा| आज मैं आपको अपने जीवन की उसी घटना के बारे में बताने जा रहा हूं|
कहानी पर आने से पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ बता देता हूं| मेरी उम्र 28 साल है| मैं मूल रूप से कानपुर का रहने वाला हूं| वर्तमान समय में मैं हैदराबाद में रह रहा हूं| वहीं पर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम करता हूं|
कानपुर वाले घर में मेरी मां, पापा और छोटी बहन रहती थी| मेरी बहन का नाम सुषमा है| उम्र में वो मुझसे तीन साल छोटी है| वो घर में सबकी लाडली है| ये कहानी जो मैं आप लोगों को आज बताने जा रहा हूं, यह करीबन दो साल पुरानी है|
उस वक्त मेरी बहन ने अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी| पढ़ाई में हम दोनों भाई-बहन ही अच्छे थे| एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरी बहन अब जॉब की तलाश में थी|
चूंकि मैं हैदराबाद जैसे बड़े शहर में रह रहा था तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरे ही शहर में जॉब ढूंढ लो| मेरी यह बात मेरे माता-पिता को भी ठीक लगी| मेरे शहर में रहने से उनको भी अपनी बेटी की सेफ्टी की चिंता करने की आवश्यकता नहीं थी|
हैदराबाद में पी|जी| रूम लेकर मैं रह रहा था| मगर अब सुषमा भी साथ में रहने वाली थी तो मैंने एक बीएचके वाला फ्लैट ले लिया| कुछ दिन के बाद बहन भी मेरे साथ मेरे फ्लैट में शिफ्ट हो गई|
सुषमा के बारे में आपको बता दूं कि वो काफी खुलकर बात करने वालों में से है| उसकी हाइट 5|6 फीट है और मेरी हाइट 6 फीट के लगभग है| मेरी बहन के बदन की बात करूं तो उसकी गांड काफी उठी हुई है| जब वो अपनी कमर को लचकाते हुए चलती है तो किसी भी मर्द को घायल कर सकती है|
मेरी बहन का फीगर 36-30-38 का है| आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसकी चूचियां भी कितनी बड़ी होंगी| उसकी चूचियां हमेशा उसके कपड़ों से बाहर झांकती रहती थीं| मैंने सुना था कि जवान लड़की की चूत चुदाई होने के बाद उसकी चूचियों का साइज भी बढ़ जाता है|
अपनी बहन की चूचियों को देख कर कई बार मेरे मन में ख्याल आता था कि कहीं यह भी अपनी चूत चुदवा रही होगी| मगर मैं इस बारे में विश्वास के साथ कुछ नहीं कह सकता था| मेरी बहन खुले विचारों वाली थी तो दोनों तरह की बात हो सकती थी|
जब वो मेरे साथ फ्लैट में रहने लगी तो अभी उसके पास जॉब वगैरह तो थी नहीं| वो अपना ज्यादातर समय फ्लैट पर ही बिताती थी| मैं सुबह ही अपने काम पर निकल जाता था| पूरा दिन फ्लैट पर रह कर वो बोर हो जाती थी|
एक रोज वो कहने लगी कि वो सारा दिन फ्लैट पर रह कर बोर हो चुकी है| उसका मन कहीं बाहर घूमने के लिए कर रहा था| उसने मुझसे कहीं बाहर घूमने चलने के लिए कहा|
मैंने कह दिया कि हम लोग मेरी छुट्टी वाले दिन चलेंगे|
फिर वीकेंड पर मैंने अपनी बहन के साथ बाहर घूमने का प्लान किया| अभी तक मेरे मन में मेरी बहन के लिए कोई गलत ख्याल नहीं था| हम लोग पास के ही एक मॉल में घूमने के लिए गये| मेरी बहन उस दिन पूरी तैयार होकर बाहर निकली थी|
उसके कुर्ते में उसकी चूचियां पूरे आकार में दिखाई दे रही थीं| हम लोगों ने साथ में घूमते हुए काफी मस्ती की और फिर घर वापस लौटने लगे| मगर रास्ते में बारिश होने लगी| इससे पहले कि हम लोग बारिश से बचने के लिए कहीं रुकते, हम दोनों ऊपर से लेकर नीचे तक पूरे भीग चुके थे|
बारिश काफी तेज थी इसलिए मैंने सोचा कि बारिश रुकने का इंतजार करना ही ठीक रहेगा| हम दोनों बाइक रोक कर एक मकान के छज्जे के नीचे खड़े हो गये| सुषमा के बदन पर मेरी नजर गई तो मैं चाह कर भी खुद को उसे ताड़ने से नहीं रोक पाया|
उसकी मोटी चूचियों की वक्षरेखा, जिस पर पानी की बूंदें बहती हुई अंदर जा रही थी, मेरी नजरों से कुछ ही इंच की दूरी पर थी| उसको देख कर मेरे लौड़े में अजीब सी सनसनी होने लगी| मैंने उसकी सलवार की तरफ देखा तो उसकी भीगी हुई गांड और जांघें देख कर मेरे लंड में और ज्यादा हलचल होने लगी|
मैं बहाने से उसको घूरने लग गया था| ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था| फिर कुछ देर के बाद बारिश रुक गयी और हम अपने फ्लैट के लिए निकल गये| उस दिन के बाद से मेरी बहन के लिए मेरा नजरिया बदल गया था|
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अपनी बहन की चूचियों को मैं घूरने लगा था| बहन की गांड को ताड़ना अब मेरी आदत बन चुकी थी| मेरी हाइट उससे ज्यादा थी तो जब भी वो मेरे सामने आती थी उसकी चूचियां ऊपर से मुझे दिखाई दे जाती थीं| कई बार हंसी-मजाक में मैं उसको गुदगुदी कर दिया करता था|
इस बहाने से मैं उसकी चूचियों को छेड़ दिया करता था| कभी उसकी गांड को सहला देता था| यह सब हम दोनों के बीच में अब नॉर्मल सी बात हो गई थी| जब भी वो नहा कर बाहर आती थी तो वह तौलिया में होती थी| ऐसे मौके पर मैं जानबूझकर उसके आस-पास मंडराने लगता था|
जब मैं उसके साथ छेड़खानी करता था तो वो मेरी हर हरकत को नोटिस किया करती थी| उसको मेरी हरकतें पसंद आती थीं| इस बात का पता मुझे भी था| जब भी मैं उसको छेड़ता था तो वो मेरी हरकतों को हंसी में टाल दिया करती थी|
वो भी कभी-कभी मुझे यहां-वहां से छूती रहती थी| कई बार तो उसका हाथ मेरे लंड पर भी लग जाता था या फिर यूं समझें कि वो मेरे लंड बहाने से छूने की कोशिश करने लगी थी| अब आग दोनों तरफ शायद बराबर की ही लगी हुई थी|
ऐसे ही मस्ती में दिन कट रहे थे| एक दिन की बात है कि मैं उस दिन ऑफिस से जल्दी आ गया| हम दोनों के पास ही फ्लैट की एक-एक चाबी रहती थी| मैंने बाहर से ही लॉक खोल लिया था|
जब मैं अंदर गया तो उस वक्त सुषमा बाथरूम के अंदर से नहा कर बाहर आ रही थी| मैंने उसे देख लिया था मगर उसकी नजर मुझ पर नहीं पड़ी थी| उसने अपने बदन पर केवल एक टॉवल लपेटा हुआ था|
वो सीधी कबॉर्ड की तरफ जा रही थी| मैं भी उसको जाते हुए देख रहा था| अंदर जाकर उसने अलमारी से एक ब्रा और पैंटी को निकाला| उसने अपना टॉवल उतार कर एक तरफ डाल दिया| बहन के नंगे चूतड़ मेरे सामने थे|
मेरे सामने ही वो ब्रा और पैंटी पहनने लगी| उसका मुंह दूसरी तरफ था इसलिए उसकी नंगी चूत और चूचियां मैं नहीं देख पाया| मगर जल्दी ही उसको किसी के होने का आभास हो गया और वो पीछे मुड़ गई|
जैसे ही उसने मुझे देखा वो जोर से चिल्लाई और मैं भी घबरा कर बाहर हॉल में आ गया| कुछ देर के बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुझ पर गुस्सा होते हुए कहने लगी कि भैया आपको नॉक करके आना चाहिए था|
मैंने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा- अगर मैं नॉक करके आता तो क्या तुम मुझे वैसे ही अंदर आने देती?
उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया| मैं समझ गया कि उसकी इस खामोशी में उसकी हां छुपी हुई है|
अब मैंने थोड़ी हिम्मत की और उसके करीब आकर उसको अपनी बांहों में भर लिया| वो मेरी तरफ हैरानी से देख रही थी| मैंने उसकी आंखों में देखा और देखते ही देखते हम दोनों के होंठ आपस में मिल गये| मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया|
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पहले तो मेरी बहन दिखावटी विरोध करती रही| फिर कुछ पल के बाद ही उसने विरोध करना बंद कर दिया| शायद उसको भी इस बात का अंदाजा था कि आज नहीं तो कल ये सब होने ही वाला है| इसलिए अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी|
दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को पीते रहे| उसके बाद मैंने उसके कपड़ों उतारना शुरू कर दिया| उसका टॉप उतारा और उसको ब्रा में कर दिया| फिर मैंने उसकी जीन्स को खोला और उसकी जांघों को भी नंगी कर दिया|
अब मैंने उसकी ब्रा को खोलते हुए उसकी चूचियों को नंगी कर दिया| उसकी मोटी चूचियां मेरे सामने नंगी हो चुकी थीं| उसकी चूचियों को मैंने अपने हाथों में भर लिया|
उसके नर्म-नर्म गोले अपने हाथ में भर कर मैंने उनको दबा दिया| अब एक हाथ से उसकी एक चूची को दबाते हुए मैं दूसरे हाथ को नीचे ले गया| उसकी पैंटी के अंदर एक उंगली डाल कर मैंने उसकी चूत को कुरेद दिया|
बहन की चूत पानी छोड़ कर गीली हो रही थी| मैंने उसकी चूत को कुरेदना जारी रखा| उसका हाथ अब मेरे लंड पर आ गया था| मेरा लंड भी पूरा तना हुआ था| वो अब मेरे लंड को पैन्ट के ऊपर से ही पकड़ कर सहला रही थी|
मैं भी उत्तेजित हो चुका था और मैंने अपनी पैंट को खोल दिया| पैंट नीचे गिर गयी| सुषमा ने मेरी पैन्ट को मेरी टांगों में से निकलवा दिया| वो अब खुद ही आगे बढ़ रही थी| उसने मेरे अंडरवियर को भी निकाल दिया|
मेरे लंड को पकड़ कर वो उसकी मुठ मारने लगी| मैं तो पागल ही हो उठा| मैं उसकी चूचियों को जोर से भींचने लगा| फिर मैंने झुक कर उसकी चूचियों को मुंह में भर लिया और उसके निप्पलों को काटने लगा|
इतने में ही मेरी बहन ने अपनी पैन्टी को खुद ही नीचे कर लिया| उसकी चूत अब नंगी हो गई थी| मैं उसकी चूचियों को चूस रहा था| उसके निप्पलों को काट रहा था| बीच-बीच में चूचियों के निप्पलों को दो उंगलियों के बीच में लेकर दबा रहा था|
सुषमा अब काफी उत्तेजित हो गई थी| अचानक ही वो मेरे घुटनों के बीच में बैठ गई और अपने घुटनों के बल होकर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया| मेरी बहन मस्ती से मेरे 8 इंची लंड को चूसने लगी| ऐसा लग रहा था जैसे उसको मेरा लंड बहुत पसंद है|
वो जोर से मेरे लंड को चूसती रही और मेरे मुंह से अब उत्तेजना के मारे जोर की आवाजें सिसकारियों के रूप में बाहर आने लगीं| आह्ह | सुषमा, मेरी बहन, मेरे लंड को इतना क्यों तड़पा रही हो!
मैंने उसके सिर को पकड़ कर अपने लंड पर अंदर दबाना और घुसाना शुरू कर दिया|
दो-तीन मिनट तक लंड को चुसवाने के बाद मैं स्खलन के करीब पहुंच गया| मैंने बहन के मुंह में लंड को पूरा घुसेड़ दिया और मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी बहन के मुंह में जाकर गिरने लगी|
मेरी बहन मेरा सारा माल पी गयी| मैंने उसको बेड पर लिटा लिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा| वो तड़पने लगी| उसकी चूत पानी छोड़ रही थी| मगर उसकी चूत की चुदाई शायद पहले भी हो चुकी थी| चूत भले ही टाइट थी लेकिन कुंवारी चूत की बात ही अलग होती है| मुझे इस बात का अन्दाजा हो गया था|
मैं उसकी चूत को चाटने लगा| उसकी चूत का सारा रस मैंने चाट लिया|
जब उससे बर्दाश्त न हुआ तो वो कहने लगी- भैया, अब चोद दो मुझे| आह्ह | अब और नहीं रुका जा रहा मुझसे|
मैंने उसकी चूत में अन्दर तक जीभ घुसेड़ दी और वो मेरे मुंह को अपनी चूत पर जोर से दबाने लगी|
फिर मैंने मुंह हटा लिया| अब उसकी टांगों को मैंने बेड पर एक दूसरे की विपरीत दिशा में फैला दिया| बहन की चूत पर अपने लंड को रख दिया और रगड़ने लगा| मेरा लंड फिर से तनाव में आ गया| देखते ही देखते मेरा पूरा लंड तन गया|
मैंने अपने तने हुए लंड के सुपाड़े को चूत पर रखा और एक झटका दिया| पहले ही झटके में लंड को आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुसा दिया| वो दर्द से चिल्ला उठी- उम्म्ह| अहह| हय| याह|
मगर मैं अब रुकने वाला नहीं था| मैंने लगातार उसकी चूत में झटके देना शुरू कर दिया| बहन की चूत की चुदाई शुरू हो गई|
सुषमा की चूत में अब मेरा पूरा लंड जा रहा था| वो भी अब मजे से मेरे लंड को अंदर तक लेने लगी थी| मैं पूरे लंड को बाहर निकाल कर फिर से पूरा लंड अंदर तक डाल रहा था| दोनों को ही चुदाई का पूरा आनंद मिल रहा था|
अब मैंने उसको बेड पर घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड को पेलने लगा| उसकी चूत में लंड घुसने की गच-गच आवाज होने लगी| मेरे लंड से भी कामरस निकल रहा था और उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी इसलिए चूत से पच-पच की आवाज हो रही थी|
फिर मैंने उसको सीधी किया और उसके मुंह में लंड दे दिया| मेरे लंड पर उसकी चूत का रस लगा हुआ था| वो फूल चुके लंड को चूसने-चाटने लगी| उसकी लार मेरे लंड पर ऊपर से नीचे तक लग गई|
अब दोबारा से मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चूत में जोर से अपने लंड के धक्के लगाने लगा| पांच मिनट तक इसी पोजीशन में मैंने उसकी चूत को चोदा और वो झड़ गई| अब मेरा वीर्य भी दोबारा से निकलने के कगार पर पहुंच गया था|
मैंने उसकी चूत में तेजी के साथ धक्के लगाना शुरू कर दिया| उसकी चूत मेरे लंड को पूरा का पूरा अंदर ले रही थी| फिर मैंने दो-तीन धक्के पूरी ताकत के साथ लगाये और मैं अपनी बहन की चूत में ही झड़ने लगा| उसकी चूत को मैंने अपने वीर्य से भर दिया|
हम दोनों थक कर शांत हो गये| उस दिन हम दोनों नंगे ही पड़े रहे| शाम को उठे और फिर खाना खाया| उसके बाद रात में एक बार फिर से मैंने अपनी बहन की चूत को जम कर चोदा| उसने भी मेरे लंड को चूत में लेकर पूरा मजा लिया और फिर हम सो गये|
उस दिन के बाद से हम भाई-बहन में अक्सर ही चुदाई होने लगी| अब उसको मेरे साथ रहते हुए काफी समय हो गया है लेकिन हम दोनों अभी भी चुदाई करते हैं| मुझे तो आज भी ये सोच कर विश्वास नहीं होता है कि मैं इतने दिनों से अपनी बहन की चूत की चुदाई कर रहा हूं|
तो दोस्तो, यह थी मेरी कहानी| हम भाई-बहन की सेक्स स्टोरी आपको पसंद आई तो मुझे मैसेज करके बताना| मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा| मैसेज करने के लिए आप नीचे दी गई ई-मेल आइडी का प्रयोग करें|
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