दोस्त की पत्नी को अपने लंड से खुश किया- Antarvasna Sex Story

Fuck in Relationships

एक दिन महेश घर पर आया महेश मेरा बहुत पुराना और प्रिय मित्र है दुर्भाग्यवश कुछ दिनों से वह अपनी पत्नी के साथ कुछ समस्याओं से जूझ रहा था वह बहुत दुखी था।

मैंने उसे रात के खाने के लिए आमंत्रित करने का निश्चय किया ताकि मैं उससे बात कर सकूं। महेश को अपनी पत्नी से बहुत समस्या हो रही थी यह वास्तव में एक आश्चर्य की बात थी क्योकि वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था। मैंने अपनी पत्नी रचना से कहा कि आज मेरा दोस्त महेश डिनर के लिए आ रहा है तुम उसके लिए खाना बना देना।

शाम के वक्त मेरी पत्नी ने डिनर की तैयारी करना शुरू कर दिया मैं भी घर जल्दी लौट चुका था मैने भी रचना की थोड़ी मदद कि। अब हमारा डिनर तैयार हो चुका था और महेश भी कुछ ही देर में आने वाला था।

सगे रिश्तों में चुत चुदाई का मजा- Hardcore Sex

मैं और रचना आपस मे बात कर रहे थे तभी महेश भी आ गया उसके बाद रचना खाने की तैयारी करने लगी और तब तक मैं और महेश आपस में बात कर रहे थे।

डिनर करते करते महेश अपनी दुख भरी दस्ता सुनाने लगा तभी मैंने देखा कि महेश की समस्याओं को मरी पत्नी बड़े ध्यान से सुने जा रही है। जब हमने डिनर किया तो उसके बाद मेरी पत्नी किचन में काम करने लगी और महेश मुझसे अकेले में कुछ बता रहा था लेकिन तभी रचना भी आ गयी मैंने रचना को दोबारा किचन में भेजा।

महेश ने मुझे बताया की उसकी पत्नी बिल्कुल भी उसके काबिल नही थी उसको सिर्फ अपने से ही मतलब है। मैं महेश की बाते सुनकर बहुत उदास हो गया थोड़ी देर बाद महेश कहने लगा कि अब मुझे चलना चाहिए लेकिन हमने जोर देकर महेश को घर पर ही रुकने को कहा।

महेश के लिए हमने उसके रूम में पानी का जग रख दिया था अब हम लोग भी सोने की तैयारी करने लगे रचना ने महेश के रूम में सारी व्यवस्था कर दी थी। मैं और रचना लेटे हुए थे तो रचना मुझे कहने लगी कि महेश के साथ कितना गलत हुआ है मैंने रचना को कहा हां तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो लेकिन महेश मेरा दोस्त है और जल्द ही उसके जीवन में सब कुछ ठीक हो जाएगा और हम लोग उसकी पूरी मदद करेंगे।

महेश के अंदर कोई भी कमी नहीं थी वह अच्छा कमाता है और घर से भी वह संपन्न था परंतु उसकी पत्नी को ना जाने उससे क्यों शिकायत थी और यह बात मुझे बिलकुल भी अच्छी नहीं लगी जिस प्रकार से उसकी पत्नी को महेश से शिकायत थी।

हम दोनों ने रात भर इस बारे में बात की फिर मुझे भी नींद आने लगी थी और मैंने रचना को कहा मुझे नींद आ रही है तो रचना कहने लगी की आकाश मुझे भी बड़ी नींद आ रही है और फिर हम दोनों सो गए। अगले दिन जब हम लोग सुबह उठे तो महेश भी उठ चुका था महेश हॉल में बैठकर अखबार पढ़ रहा था मैं महेश के पास जाकर बैठा और मैंने महेश से पूछा कल रात को तुम्हें नींद तो आ गई थी।

महेश मुझे कहने लगा कि हां आकाश मुझे नींद आ गई थी तुम परेशान मत हो महेश ने मुझे जब यह कहा तो मैंने महेश को कहा यार तुम्हें तो मालूम ही है ना कि तुम हमारे मेहमान हो। महेश मुझे कहने लगा कि आज के बाद कभी मुझे यह बात मत बोलना मैं तुम्हें हमेशा अपना दोस्त मानता हूं इसीलिए तो तुम्हारे पास आया था।

मैंने महेश को कहा कि चलो ठीक है हम लोग इस बारे में बात नहीं करेंगे लेकिन महेश वही अपनी पुरानी बातों को दोबारा ताजा करने लगा और अपनी पत्नी से हुए झगड़े की वह बात करने लगा।

रचना हम दोनों के लिए चाय ले आई थी हम दोनों ने चाय पीते पीते एक दूसरे से बात की मैंने महेश को कहा कि तुम चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा मैं तुम्हारी पत्नी को समझाऊँगा और उससे मैं इस बारे में बात करूंगा कि आखिर उसे तुम से क्या शिकायत है तुम हर तरीके से संपन्न हो और तुम्हारे पास किसी भी चीज की कोई कमी नहीं है उसके बावजूद भी तुम्हारी पत्नी को यदि तुमसे कोई शिकायत है तो उसके बारे में मैं और रचना तुम्हारी पत्नी से बात करेंगे।

महेश की शादी को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ था लेकिन उसके बावजूद भी उसकी शादी टूटने की कगार पर थी और इस बात से मैं बहुत चिंतित था क्योंकि महेश और उसकी पत्नी दोनों ने हीं अपने घर वालों के खिलाफ जाकर शादी की थी जिससे कि महेश के माता-पिता भी इस बात से दुखी थे।

वह लोग तो महेश का किसी भी प्रकार से साथ देने को तैयार नहीं थे उन्होंने तो साफ तौर पर मना कर दिया था कि हम लोग इस वक्त तुम्हारा साथ नहीं दे सकते। महेश की चिंता का सबसे मुख्य कारण यही था कि उसके माता-पिता उसके साथ नहीं थे क्योंकि उसके माता-पिता ने पहले ही महेश को रितिका से शादी करने के लिए मना कर दिया था और महेश ने अपनी मर्जी से रितिका से शादी की।

महेश ने मुझे कहा आकाश मैं अभी चलता हूं और तुमने जिस प्रकार से मुझे समझाया और मेरी मदद के लिए आश्वासन दिया उससे मुझे उम्मीद है कि तुम लोग रितिका से इस बारे में बात करोगे। मैंने महेश को कहा हां हम लोग रितिका से इस बारे में बात करेंगे और कुछ दिनों बाद तुम्हारे घर पर हम लोग आएंगे।

महेश कहने लगा कि ठीक है तुम लोग हमारे घर पर आ जाना मैं रितिका से कह दूंगा। हालांकि हमारे बीच ऐसे रिश्ते तो नहीं है लेकिन हम दोनों की रितिका बड़ी इज्जत करती है।

महेश थोड़ी देर बाद जाने वाला था तो रचना ने महेश को कहा कि आप नाश्ता कर के जाना लेकिन महेश मना करने लगा। रचना ने महेश से जिद की तो महेश को नाश्ता करना ही पड़ा महेश नाश्ता कर चुका था मैं उस दिन घर पर ही था इसलिए मेरा मन नाश्ता करने का नहीं हो रहा था।

मैंने रचना को कहा मैं थोड़ी देर बाद नाश्ता कर लूंगा और थोड़ी देर बाद मैंने और रचना ने साथ में नाश्ता किया महेश अब जा चुका था और मैं रचना के साथ घर पर ही था। रचना के साथ मैं अच्छा समय बिताना चाहता था और उस दिन हम दोनों ने साथ में अच्छा समय बिताया रचना बड़ी खुश थी और रचना मुझे कहने लगी कि मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं जो मुझे तुम जैसा पति मिला तुम मेरा कितना ध्यान रखते हो।

मैंने रचना को कहा तुम भी तो मेरा बहुत ध्यान रखती हो, रचना मुझसे बहुत प्यार करती है और मुझे भी रचना से बहुत प्यार है इसीलिए तो हम दोनों एक दूसरे की गलतियों को हमेशा ही नजरअंदाज करते रहते हैं।

हमारा रिश्ता बहुत ही अच्छे से चल रहा है हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं और इस बात की खुशी मुझे भी है कि कम से कम रचना और मेरा रिश्ता अच्छे से चल तो पा रहा है लेकिन महेश अपने रिश्ते से बिल्कुल भी खुश नहीं था।

उसे नहीं पता था कि रितिका और उसके बीच में इतनी गहरी खाई बन जाएगी कि वह दोनों एक दूसरे से अलग ही हो जाएंगे। महेश अपने रिश्ते से बहुत परेशान हो चुका था उसने एक दिन हम लोगों को डिनर पर इनवाइट कर दिया जब उस दिन हम दोनों डिनर पर गए तो रितिका यह सब भूलकर हम दोनों के स्वागत की तैयारी करने लगी।

मुझे तो ऐसा लगा जैसे रितिका हम लोगों की आज बड़े अच्छे से खातिरदारी करने वाली है और महेश भी बहुत खुश था हालांकि वह दोनो एक दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। उस दिन हम लोग महेश के घर पर ही रुकने वाले थे मैंने माहेश और रितिका के रिश्ते के बारे में कुछ नहीं कहा और ना ही रचना ने इस बारे में बात की हम लोगों ने साथ में डिनर किया।

जब डिनर कर के हम लोग कमरे में लेटे हुए थे तो महेश ने रूम का दरवाजा खटखटाया वह कमरे में आकर कहने लगा चलो आकाश तुम रितिका को कुछ समझा दो? मैंने महेश को कहा ठीक है महेश तुम रचना के साथ बैठो वह रचना के साथ बैठ गया मैं रितिका के पास चला गया। जब मै रितिका के पास गया तो वह नाइटी में थी मैंने रितिका को देखा रितिका ने मुझे कहा आकाश बैठने के लिया कहा रितिका और मैं साथ में बैठ गए।

मैं रितिका से बिल्कुल सट कर बैठा हुआ था रितिका से मैं बातें करने लगा उसके और महेश के रिश्ते कि जब मैं उससे बात करता तो वह मुझसे कहती अब आप रहने दीजिए। मैंने उसे कहा लेकिन तुम दोनों के रिश्तों में खटास क्यों आई इसका जवाब शायद रितिका के पास नहीं था।

रितिका के बदन को देखकर मेरा मन डोलने लगा था मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सका मैंने रितिका की जांघ पर हाथ रखा तो रितिका मचलने लगी वह पूरी तरीके उत्तेजित हो गई थी। वह कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगी मैं भी नहीं पा रहा था मैंने सोच लिया था कि मैं रितिका की चूत मार कर रहूंगा।

मैंने रितिका को अपनी बाहों में ले लिया और उसके होठों को मैं चूमने लगा उसके गुलाबी होठों को चूमकर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था रितिका को भी बहुत मजा आया। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो रितिका ने उसे अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया वह बहुत देर तक मेरे लंड को हिलाती रही वह पूरी तरीके से मचलने लगी थी ना तो मैं अपने आपको रोक सका और ना ही रितिका अपने अंदर की सेक्स भावना को रोक सकी मैंने रितिका की चूत को चाटना शुरू किया तो रितिका मचलने लगी।

मैंने रितिका की चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया मेरा लंड रितिका की चूत मे जाते ही उसके मुंह से हल्की सी चीख निकली मेरा लंड उसकी चूत के अंदर तक जा चुका था वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगी तुम और तई से चोदो।

मैंने भी पूरी ताकत के साथ उसे धक्के देना शुरू कर दिया और जिस गति से मैं उसे चोद रहा था उससे तो वह मचलने लगी मेरे अंदर की आग भी बढ़ने लगी थी।

मैंने रितिका को कहा तुम्हारी चूत तो बड़ी टाइट है? वह मुझे कहने लगी आज मुझे तुम्हें देखकर ना जाने क्या हो गया मैं अपने आपको रोक ना सकी। किसी गैर पुरुष के साथ सेक्स कर के उसे मजा आ रहा था मैं उसकी चूत बड़ी तेजी से मार रहा था मेरा वीर्य जब गिरने वाला था तो मैंने उसके मुंह के अंदर अपने वीर्य को गिरा दिया।

जब मैं दूसरे रूम में गया तो मैंने देखा माहेश और रचना के बीच सेक्स संबंध बन रहे हैं महेश उसे डॉगी स्टाइल में चोद रहा है मैं अब दोबारा रितिका के पास आ गया और रितिका के साथ मैने दोबारा सेक्स संबंध बनाए उस रात मैं रितिका के साथ ही सोया और महेश रचना के साथ सो गया।

No Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Desi Sex Story
Antarvasna Sex Story
कोमल का अजब सेक्स प्रेम- XXX Story in Hindi

कोमल हमारे पी जी के बाजु वाले घर में रहती थी मैं तब इंजीनियरिंग कर रहा था और वो गर्ल्स कॉलेज से पी जी कर रही थी, मेरा और कोमल का नैन मटक्का तो काफी टाइम से चल रहा था लेकिन कभी उसके साथ सेक्स का मौका नहीं मिला था। …

Mami ki Chudai ki Kahani
Muslim Sex Story
शिरीन के मीठे चूचे- Muslim Sex Story

मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की जिस लड़की के पीछे सारा कॉलेज पड़ा हुआ था वो मुझे शादी के बाद चोदने को मिलेगी और वो भी इन हालात में जब मेरा अपना तलाक़ सड़क के उस पार मेरा इंतज़ार कर रहा था। दरअसल शिरीन हमारे कॉलेज की …

Girlfriend ki Chudai
चिकनी चूत को चाटने का स्वाद लिया- Girlfriend ki Chudai

मेरी एक देसी गर्ल फ्रेंड चीनू के साथ मुझे एक साल हो चुका है, और हम जब भी मिलते हैं जमकर चुदाई मचाते हैं लेकिन जो चीनू को सबसे ज्यादा पसंद है वो है अपनी चूत चटवाना। मैंने जब उसे बताया कि हमारी एक साल की एनिवर्सरी आने वाली है …