सुबह सुबह सेक्स किया पार्क में- Antarvasna Sex Story
- By : Admin
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मेरा नाम समर है मैं बंगलौर का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 28 वर्ष है, मैं एक बिल्डर हूं। मेरा वजन अब इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि मैं हर जगह मजाक का कारण बन जाता हूं, सब लोग मुझे देखकर बहुत हंसते हैं इसी वजह से मैं सोचने लगा कि क्यों ना मुझे अपना वजन कम कर ना चाहिए। मैंने उसके लिए टीवी में कई ऐड देखे और कई दवाइयां भी खाई लेकिन उससे मुझे कुछ भी फर्क नहीं पड़ा |
मैं सोचने लगा कि मुझे ऐसा क्या करना चाहिए जो कि मेरा वजन कम हो जाय क्योंकि मेरे पास समय बहुत कम होता था और ऊपर से मुझे शराब की गंदी आदत है, मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था, मेरे पापा मम्मी भी मेरे मोटापे से बहुत परेशान हो गए और वह लोग कहने लगे बेटा अब तो तुम्हें अपना मोटापा कम कर लेना चाहिए।
मैं भी सोचने लगा कि यह लोग तो सही बात कह रहे हैं क्योंकि इस वजह से कई बार मुझे दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है इसीलिए मैं अपने घर के पास के एक पार्क में सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने लगा, मैं जब सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाता हूं Russian Mumbai Escorts तो वहां पर काफी भीड़ होती।
पहले मैं जब मैं एक दिन मॉर्निंग वॉक पर गया तो उसके अगले दिन मेरे पैरों में इतना तेज दर्द हुआ कि मैं अगले दिन सुबह उठ ही नहीं पाया, मेरे पापा ने उस दिन मुझे बहुत सुनाया और कहने लगे यदि तुम इसी प्रकार से आलस पन करोगे तो तुम्हारा वजन कैसे कम होगा, तुम्हें अपने आलस को दूर करना होगा और सुबह के वक्त तुम मॉर्निंग वॉक पर चले जाया करो।
मैं भी सोचने लगा कि पापा कह तो सही रहे हैं इसलिए मैं मॉर्निंग वॉक पर जाने लगा लेकिन मेरा मन नहीं होता था मैं अपना मन मारकर सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने लगा।
मैं कुछ देर पैदल चलता और उसके थोड़े देर बाद घर चला जाता, मुझे मेरे वजन में कोई भी परिवर्तन नहीं दिख रहा था, मैं अब भी पहले जैसा ही था लेकिन मेरे अंदर एक अच्छी आदत सी हो पैदा हो गई कि मैं सुबह के वक्त जल्दी उठ जाता था और हमेशा ही पार्क में जाने लगा।
एक दिन मैं पार्क में चल रहा था तो मुझे सामने से एक लड़की जॉगिंग करती हुई दिखाई दी, वह देखने में इतनी सुंदर थी कि मैं सिर्फ उसे एकटक नजरों से देखता ही रहा, मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरे दिल से कोई आवाज बाहर की तरफ निकल रही है।
मैं अब उसे पाना चाहता था और उसके बारे में जानने के लिए मैं बहुत उत्सुक हो गया लेकिन मुझे समझ नही आ रहा था कि मुझे उससे कैसे बात करनी चाहिए क्योंकि मैं उसे नहीं जानता था, मैंने उसे सिर्फ़ एक दिन ही देखा था।
अब मैं हमेशा ही अगले दिन सुबह के वक्त जाने लगा और थोड़ा बहुत मैं भी जोगिंग करने लगा लेकिन मुझे वह लड़की दिखाएं नहीं दी, शायद कभी वह मुझसे पहले आ जाती या फिर कभी वह मेरे बाद आती लेकिन वह मुझे कुछ दिन नहीं मिली, काफी समय तक मैं पार्क में ही उसे देखता रहा।
एक दिन मैं सुबह के वक्त जल्दी चला गया, मैंने देखा कि वह लड़की अकेले ही जोगिंग कर रही है, मैं भी भागते हुए उसके पास गया, मेरी सांस इतनी ज्यादा फूल रही थी कि मेरे अंदर भागने की बिल्कुल हिम्मत नहीं थी लेकिन फिर भी मैं उसके साथ साथ जोगिंग करने लगा, मेरी सांस भी पूरी फुल चुकी थी और मेरे शरीर से इतना ज्यादा पसीना बाहर निकलने लगा कि मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं कहीं गिर ना जाऊं लेकिन मैं हिम्मत करते हुए उसके पीछे पीछे दौड़ रहा था।
वह तेजी से दौड़ रही थी लेकिन जब मैं थक गया तो मैं एक सीट पर बैठ गया, मैं सोचने लगा कि अब तो मेरे बस की बात नहीं है इसलिए मैं चुपचाप सीट पर बैठ गया, मेरी सांस इतनी ज्यादा फूल रही थी कि मुझे नॉर्मल होने में भी काफी समय लगा। जब वह मेरे पास आकर रुकी तो मैंने कभी इस चीज की उम्मीद भी नहीं की थी कि वह मुझसे खुद ही बात करेगी।
वह मेरे पास आकर बैठ गई और मुझसे बात करने लगी, उसका नाम गीतांजलि है, मैं गीतांजलि से खुलकर बात करने लगा और उसे मैंने बताया कि मैं भी अपना वेट कम करना चाहता हूं लेकिन मेरा वेट कम नहीं हो रहा, मैं अपने वजन की वजह से बहुत ही परेशान हूं लेकिन मेरा आलसपन बिल्कुल भी दूर नहीं हो रहा, मैं कोशिश करते हुए तो सुबह जल्दी उठ जाता हूं लेकिन जब भी मैं जॉगिंग करता हूं तो मुझे थोड़ा दिक्कत होती है।
गीतांजलि मुझे कहने लगी कल से तुम मेरे साथ जोगिंग करना तो तुम जरूर अच्छे से जोगिंग कर पाओगे। मुझे यह तो पूरी उम्मीद थी कि मैं गीतांजलि के साथ जरूर जोगिंग कर लूंगा क्योंकि जिस प्रकार से मैंने उस दिन उसके साथ बड़ी तेज दौड़ लगाई तो मैं बहुत ज्यादा थक गया था लेकिन उसके बावजूद भी मैं उसके साथ दौड़ रहा था। अब अगले दिन से मैं हमेशा ही गीतांजलि के साथ सुबह के वक्त जोगिंग करने लगा और हम दोनों की अच्छी दोस्ती भी हो गई थी, यह दोस्ती थी या कुछ और।
मेरी तरफ से तो मुझे नहीं पता लेकिन गीतांजलि मुझे एक दोस्त मानती थी और वह मेरा वेट कम करने में भी मेरी बहुत मदद कर रही थी, मेरे अंदर थोड़े बहुत तो बदलाव आ गए थे मैं अपने आपको पहले से फिट महसूस करने लगा।
गीतांजलि और मुझे एक साथ सुबह जोगिंग करते हुए काफी वक्त हो चुका था। हम दोनों सुबह 4:00 बजे जोगिंग पर चले जाते, वह बड़े खुले विचारों की थी लेकिन एक सुबह वह टाइट लोअर पहन कर आई जिसमें कि उसकी गांड मुझे साफ दिखाई दे रही थी। जब वह मेरे आगे जोगिंग कर रही थी तो मैं उसके पीछे उसकी गांड पर नजर मारने लगा।
उसकी पैंटी का पूरा सेप उसके लोअर से दिखाई दे रहा था, मैं भी अपने आप को कितने देर तक रोकता। मैंने जब उसकी गांड पर अपने हाथ को मारा तो वह कहने लगी तुम यह क्या कर रहे हो। मैंने उसे कहा आज तुम्हारी गांड देखकर मैं अपने आप को रोक नही पा रहा। वह कहने लगी तुम पागलों जैसी बात मत करो तुम एक पढ़े लिखे लडके हो और इस प्रकार की बात करते हो।
मैंने उसे कहा गीतांजलि इसमें पढ़े लिखे व्यक्ति होने का क्या मतलब तुम इतनी सेक्सी हो, क्या मैं तुम्हारे सेक्सी फिगर का सुख भी नहीं भोग सकता। यह बात सुनते ही वह भी पिघल गई और मुझे कहने लगी तुम मेरे पीछे दौड़ते हुए आ जाओ। वह इतनी तेज झाड़ियों के अंदर घुसी मैं भी तेजी से झाड़ियों में घुस गया, मैंने उसे वही झाड़ियों में दबोच लिया।
पापा की परी को पापा ने ही पेल दिया
वह मेरे होठों को चुम रही थी, मेरी सांस भी फुल रही थी लेकिन मैं भी हिम्मत करते हुए अपने मोटे से शरीर को उसके ऊपर रखा और उसके होठों को चूसता रहा। उसके स्तन मेरे शरीर से टकराते तो मुझे बड़ा मजा आता, मैंने काफी देर तक उसके होठों का रसपान किया। जब उसने अपने कपड़े खोल दिए तो मैं उसके स्तन देखकर दंग रह गया उसके स्तन एकदम गोरे और टाइट थे, मैंने उन्हें अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगा। मैंने जब उसकी गांड अपने हाथ से दबाई तो मैं ज्यादा देर तक नहीं रह पाया।
मैंने उसकी गांड को दबाना शुरू किया, जैसे ही मैंने उसकी टाइट और चिकनी योनि के अंदर अपने मोटे लंड को डाला तो वह कहने लगी समर तुम्हारा लंड बड़ा ही मोटा है। मैंने उसे कहा तुम्हें तो मेरी हालत का पता ही है, मैं उसके ऊपर लेटा हुआ था, ना जाने वह मुझे कैसे झेल रही थी लेकिन मैं उसे बड़ी तेज गति से चोद रहा था।
सुबह सुबह मेरा वीर्य गिरने का नाम ही नहीं ले रहा था और मैं भी उसके मुलायम स्तनों का रसपान करता, वह मेरा पूरा साथ देती। मैंने गीतांजलि से कहा तुम्हारे साथ सेक्स कर के मजा ही आ गया, आज इतनी सुबह सुबह सेक्स का आनंद लेना तो किसी भी कल्पना से कम नहीं है।
वह कहने लगी मैंने भी कभी नहीं सोचा था कि मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगी लेकिन ना जाने आज तुम्हारी बातों ने मुझ पर ऐसा क्या जादू किया कि मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना पड़ा लेकिन मुझे कोई दुख नहीं है मैं भी बहुत खुश हूं।
उसने भी अपने दोनों पैर चौड़े कर लिए, मैंने उसे इतनी तेजी से झटके दिए की उसकी योनि से जो तरल पदार्थ बाहर आता उसे मेरा लंड इतना ज्यादा चिकना हो गया कि हम दोनों के शरीर से एक अलग ही प्रकार की गर्मी निकलने लगी। उसकी चूत का पानी पूरा तेज स्पीड में बाहर आ रहा था और मेरा भी वीर्य मेरे लंड तक पहुंच चुका था।
मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर गिरा तो हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए, उसके बाद हमने एक चक्कर बड़ी तेजी में लगाया।
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